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क्वारेंटीन सेंटर से लौटे कोरोना योद्धा को गांव वाले कर रहे परेशान…देवानीबांध आश्रम में था झारखण्ड मजदूरों की देखभाल में…

क्वारेंटीन सेंटर से लौटे कोरोना योद्धा को अपने ही गांव में काफी अप्रिय स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। गांव वाले कह रहे हैं उसे कोरोना हुआ है, वह घर से बाहर न निकले और न ही किसे से मिले…गांव वालों की प्रताड़ना से युवक अब काफी परेशान है।
दरअसल झारखंड के मजदूरों को कोरिया जिले के देवानी बांध आश्रम में क्वारेंटीन किया गया था। बाद में रातों रात उन्हें बॉर्डर तक छोड़ दिया गया था। स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस कर्मियों के साथ इन सब मे बैकुंठपुर मॉडल स्कूल और आदिमजाति कल्याण विभाग के भृत्य लालचंद कुशवाहा ने भी कोरोना योद्धा के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिन 37 लोगो को मनेन्द्रगढ़ के लालपुर शासकीय छात्रवास में 14 दिन तक क्वारेंटीन किया था, उसमें आदिमजाति कल्याण विभाग का भृत्य लालचन्द कुशवाहा भी था। जब सबकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट  निगेटिव आयी तो  क्वारेंटीन अवधि समाप्त होने के बाद सभी को घर जाने की अनुमति मिल गयी थीं।
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लेकिन अपने गांव अमहर आने का बाद लालचंद की असली मुसीबत शुरू हुई। लालचन्द ने बताया कि गांव के लोग उसे कहते हैं कि तुझे कोरोना हो गया बाहर निकलेगा तो पूरे गांव में फैल जाएगा। जिसके बाद से उसे या उसके घर वाले जैसे ही वह बाहर निकलता है तो गांव वाले कोरोना-कोरोना कह कर घर मे वापस भेज देतें हैं। जिससे उसकी मानसिक हालत खराब हो रही है। लालचन्द ने कलेक्टर से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

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