बड़ी ब्रेकिंग:: कांग्रेस सरकार का पुतला दहन करने वाले भाजयुमो के दो कार्यकर्ता गिरफ्तार… भाजपाइयों ने थाने का किया घेराव.. देर रात तक डटे रहे दिग्गज नेता.. पुलिस ने बताया गिरफ्तारी का यह कारण…
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई के आह्वान पर आज पूरे राज्य में बेरोजगारी भत्ता को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कांग्रेस सरकार का पुतला दहन किया। कोरोना काल की वजह से धारा 144 लागू है इसलिए प्रदेश नेतृत्व ने अपने कार्यकर्ताओं से घर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पुतला दहन करने की अपील की थी। इसी का परिपालन करते हुए कोरिया जिले के सोनहत में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मण्डल उपाध्यक्ष मनोज साहू और कार्यकर्ता रमेश तिवारी द्वारा भी अपने घर के सामने कांग्रेस सरकार का पुतला दहन किया गया। दिन भर तो कुछ नहीं हुआ लेकिन देर शाम सोनहत पुलिस ने मनोज और रमेश को बिना अनुमति के धारा 144 लागू होने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार का पुतला दहन करने के आरोप में भादवि की धारा 188, 43 के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया।
जिसकी जानकारी मिलते ही भारतीय जनता पार्टी और भाजयुमो के कार्यकर्ता और पदाधिकारी थाने पहुंच गए और दोनों कार्यकर्ताओं को छुड़ाने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए। इस दौरान पूर्व विधायक श्रीमती चंपा देवी पावले, भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल, भाजपा नेता संजय अग्रवाल, पूर्व नपा अध्यक्ष शैलेश शिवहरे, देवेंद्र तिवारी, मनोज गुप्ता, सुभाष साहू, कमलेश गुप्ता, भाजपा महामंत्री अध्यक्ष ईश्वर राजवाड़े, महामंत्री संदीप साहू, केपी सिंह, प्रकाश राजवाड़े, रूद्र प्रताप साहू मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा, मोतीलाल राजवाड़े पूर्व मंडल अध्यक्ष, रुद्रसागर, राजेंद्र साहू, मोती लाल रजवाड़े, रिंकू राजवाड़े, बसंतलाल सहित अनेक भाजपाई समाचार लिखे जाने तक देर रात्रि थाने के बाहर डटे रहे।
इस संबंध में थाना प्रभारी मोनिका मरावी ने बताया कि दो व्यक्तियों को धारा 144 का उल्लंघन करने व बिना अनुमति पुतला दहन के आरोप में भादवि की धारा 188, 34 के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इस घटना पर कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि सत्कार जाने के बाद भी भाजपा नेताओं का दंभ नहीं जा रहा है बिना अनुमति के धारा 144 का उल्लंघन करना कानूनन अपराध है।
वहीं भाजपा के नेताओं ने कहा कि भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने बकायदा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ घर के बाहर बिना भीड़भाड़ के पुतला दहन किया था। यह कार्यक्रम दोपहर में था, जबकि उन्हें देर शाम गिरफ्तार किया गया जो राजनीतिक दबाव की कार्यवाही प्रतीत होती है।