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32 बर्खास्त श्रमिकों को होंगे बहाल ! SECL अधिकारियों के समक्ष विधायक प्रतिनिधिमंडल ने रखी मांग….

एसईसीएल अधिकारियो ने तीन माह का माँगा समय बर्खस्त कर्मियों की पुनः बहाली और उनके पीएफ – ग्रेजवटी को वापस करने का दिया आश्वासन….

 

कोरिया जिले के चिरमिरी एसईसीएल में 32 श्रमिकों को बर्खास्त करने के मामले में मंगलवार को श्यामली गेस्ट हाउस में 12 बजे से एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया । जिसमें बिलासपुर मुख्यालय से आए एसईसीएल अधिकारियों के साथ मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल की पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हुई । इस दौरान पीड़ित श्रमिकों और उनके परिवार के लोग घण्टों दोनों पक्षो की चर्चा परिचर्चा सुनते रहे । बैठक में श्रमिकों की बहाली किये जाने को लेकर तीन घण्टे से अधिक समय तक चर्चा चली ।

विधायक विनय जायसवाल और उनके प्रतिनिधित्व मंडल को बिलासपुर एसईसीएल मुख्यालय से आये जीएम पर्सनल ए के सक्सेना और जीएम लीगल प्रवीण कुमार के द्वारा हर एक बिंदु पर अपनी बात मनवाने की भृषक कोशिश की गई लेकिन विधायक विनय जायसवाल और उनका प्रतिनिधी मंडल इस पुरे मामले में भाजपा के पूर्व जनप्रतिनिधी, एसईसीएल में लिप्त भर्ष्ट अधिकारियों और एक मात्र शिकायत कर्ता जो पुरे जिले में ऐसे मामलों में लिप्त अधिकारियों को मोटी रकम का लालच देकर साठ गाठ करते हुए कोल श्रमिकों को घर से बे घर करने वालो पर तत्काल एफआईआर और उच्च स्तरीय जाँच एवं कार्यवाई पर अड़े रहे । विधायक विनय जायसवाल ने उपस्थित अधिकारियों के सामने कोल इंडिया के द्वारा बनाये क़ानूनी नियम को पढ़ कर सख्त तेवर में रोकी गई पीएफ , ग्रेजवटी की राशि को तत्काल देने की बात कही और ये भी कहा की एक हो या आप ने हमारे श्रमिक की पीएफ , ग्रेजवटी को किसके कहने से रोका जब यह आपके अधिकार में नहीं है । आपके कंपनी में 40 वर्षो तक अपना खून- पसीना बहाने वाले लोगो को अपने आज दर दर भटकने को मजबूर कर दिया वह भी एक दलाल शिकायत कर्ता के कहने पर आपने एक बार भी अपने श्रमिक से बुलाकर पूछने की जहमत नहीं की उसका पक्ष नहीं ये आपकी जाँच है जो चंद पैसो के लिए की गई आपके अधिकारी आपका जीएम ऐसे व्यक्ति को अपने ऑफिस में बैठा कर कॉफी पिलाकर नास्ता कराते है और उसकी वाह वाही करता है । जिस व्यक्ति के ऊपर अनेको मामले दर्ज है जो जिला बदर जैसी कार्यवाई के बना हुआ है जिसके द्वारा मुझे भी मोटी रकम देने की खबर भेजी थी और इस पुरे मामले से हटने को कहा था । इस पुरे मामले में केवल एक तथ की विचारणीय है की अगर में श्याम लाल हु और मेरे नाम पर कोई व्यक्ति आपके कालरी में कार्यरथ है तो मुझे ही इसकी शिकायत करनी होगी पर इन 32 श्रमिकों में एक भी ऐसा व्यक्ति सामने नहीं आया जो यह बात साबित कर सके या अपने आपको श्याम लाल बता सके तो फिर आपकी कार्यवाई किस बिनाह पर की गई किस बात को आधार बनाया गया । मै वर्तमान विधायक हु मुझे शासन के आदेश पर अपने विधान सभा के लोगो का संबंध प्रमाण पत्र देने का पावर है । इस कारण मै आज आपको इस बात की जानकारी देता हु की यह 32 बर्खास्त कर्मचारी मेरे पहचान के है इनका संबंध पत्र मै जारी करता हु अपनी जिम्मेदारी पर की यह व्यक्ति ही श्याम लाल है । आप बताओ इनको कब पुनः नोकरी में बहाली करोगे इनकी जवाब दारी मै लेता हु आप आदेश करे मुझ बहाना नहीं आदेश पत्र चाहिए । बीते 18 माह से बैठक और चर्चा परिचर्चा एवं पत्राचार्य का दौर खत्म हो चूका अब मुझे इस मामले में केवल निर्णय चाहिए नहीं तो अब वह होगा जो बताने योग्य नहीं है।

विधायक के तल्ख लहजे को देख एसईसीएल मुख्यालय से आये अधिकारियों ने अपना नरम रुख इख़्तियार करते हुए जल्द ही पूरी सहमती के साथ सभी मामले के निराकरण के लिए कुछ दिनों का समय माँगा जिसपर विधायक विनय जायसवाल और उनके प्रतिनिधी मंडल ने तीन माह का अल्टीमेटम देते हुए आगामी सात अक्टूबर तक का समय दिया गया और यह भी कहा कि अगर इस समय अवधि में इन मामलो का निराकरण नहीं हुआ तो आगामी बारह अक्टूबर के बाद हम बात नहीं करेंगे । और आपके एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय सीएमडी ऑफिस में ताला बंदी करते हुए अनिश्चितकालीन प्रदर्शन को हम मजबूर होंगे यह मेरा आदेश है ।

जानकारी अनुसार इससे पहले भी विधायक विनय जायसवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बर्खास्त श्रमिकों और उनके परिजनों को लेकर एसईसीएल चिरमिरी महाप्रबंधक कार्यालय में प्रदर्शन कर कर तालाबंदी की कोशिश की थी जिसके बाद कई बैठक की तारीख तय की गई थी । विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल के प्रतिनिधित्व मंडल में मुख्य रूप से प्रोफ़ेसर भगवत दुबे, श्रमिक नेता राम अवतार आलगामकर, शंकर रॉव, अभिवक्ता अनिमेष सिंह, शिव महाराणा , बलदेव दास, ने सभी तथ्यो पर अपना अपना वक्तब्य देते हुए पुरे मामले में निराकरण जल्द से जल्द निराकरण करने की बात कही।

विधायक ने निम्न बिंदुओं पर बात रखी”
= जिला बदर व्यक्ति के पत्र पर एसईसीएल ने एक तरफा कार्यवाही।
= कर्मचारियों के पीएफ एवं ग्रेज्युटी नही रोक सकते है।
= हर महीने अधिकारी एवं दलालों के मध्य 60 लाख का लेन देन होता है। कर्मचारियों के परिवार को रोटी के लाले पड़ रहे हैं।

 

“बिलासपुर की टीम ने यह बात कही”

= जांच लोकल पुलिस इंक्वायरी पर निर्भर होता है।

= हितग्राहियों को सुनने का पूर्णतः मौका मिलना चाहिए।

= चार महीने में ही जांच पूर्ण शक के दायरे में। मेरे हिसाब से किसी की पीएफ एवं ग्रेज्युटी नहीं रोक सकते हैं ।

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