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डॉ. राकेश शर्मा हो सकते हैं भाजपा के तुरुप का इक्का..!..बैकुंठपुर विधानसभा से दावेदार..

अनूप बड़ेरिया
छग में चुनावी हलचल की सरगर्मी अब जोर पकड़ते जा रही है। अनुमान है कि 4-6 अक्टूबर के बीच आचार संहिता लग सकती है और नवम्बर माह में चुनाव सम्भावित हो सकते हैं। इन सब के बीच भाजपा में अगस्त में ही छग के 21 प्रत्याशियों की सूची जारी कर सबको राजनीतिक रूप से सभी को आश्चर्य में डाल दिया था। वहीं कांग्रेस की सूची भी 25 सितम्बर के आस-पास आ सकती है। अब यदि बात बैकुंठपुर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की जाए तो, इस सीट से प्रबल दावेदार के रूप में भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े जो इस विधानसभा से 4 बार चुनाव लड़ चुकें हैं। जिसमे दो बार वह जीते व 2 बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा है। वहीं भाजपा के पूर्व नपा अध्यक्ष व अंचल के कद्दावर नेता शैलेष शिवहरे जिनका जनसम्पर्क पिछले 8 माह से जबरदस्त रूप से हर बूथ लेबल पर देखने को मिल रहा है, वह भी दो पंच वर्षीय से वेटिंग पर हैं व इस बार उनकी दावेदारी काफी मजबूत है। इसी प्रकार भाजपा के युवा ओजस्वी नेता व पूर्व जिपं सदस्य देवेन्द्र तिवारी भी पिछले 2 पंच वर्षीय से बड़े धैर्य के साथ अपनी पारी का इंतजार कर रहे हैं। बताया जाता है। संगठन व संघ में इनकी अच्छी पकड़ है, जिसके भरोसे इनकी टिकट की वैतरणी पार हो सकती है।
अब बात यदि भाजपा की राजनीति में धूमकेतू की तरह उभरे भाजपा के बड़े चेहरे बन चुके डॉ. राकेश शर्मा की जाए तो उन्होंने बड़े सधे हुए राजनीतिक अंदाज में अपनी पारी की शुरुआत की। डॉ राकेश शर्मा ने धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी में अपने पैर जमाते हुए सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हुए राजनीति आरंभ की। उनकी सक्रियता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी में उन्हें जिला चिकित्सा पोस्ट का प्रमुख बना दिया। इसके बाद उन्होंने कोरबा लोकसभा से सांसद की दावेदारी जताते हुए सभी क्षेत्रों का सघन दौरा आरंभ कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि डॉ राकेश शर्मा ने पूर्व लोकसभा सीट से दावेदारी कर यह जताया कि उन्हें विधानसभा की दावेदारी में कोई दिलचस्पी नहीं है। ताकि विधानसभा के अन्य दावेदार उनके राजनीतिक कैरियर में बाधा न बन सके। यही वजह है कि सब एक जुटता के साथ डॉ राकेश शर्मा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। यही वजह है कि डॉक्टर राकेश शर्मा एक कट्टर बीजेपी के रूप में पार्टी के साथ-साथ अपनी राजनीतिक गतिविधियों को भी आगे बढ़ते रहें। ग्रामीण अंचलों में लगातार स्वास्थ्य शिविर लगाकर जहां उन्होंने बूथ स्तर पर अपनी पकड़ बनाई है। वहीं उन्होंने अपने समर्थकों की भी अच्छी खासी फौज खड़ी कर ली है। बताया जाता है कि भाजपा के बड़े नेताओं के अलावा संगठन व संघ में भी इनकी अच्छी पकड़ है। यही वजह है की जन चर्चाओं में अब डॉक्टर राकेश शर्मा का नाम बैकुंठपुर विधानसभा सीट से जोरों पर चलने लगा है। उनकी राजनीति सक्रियता और आर्थिक स्थिति को देखते हुए साफ लगता है कि वह भाजपा के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। यदि भाजपा डॉक्टर राकेश शर्मा पर लगाती है तो एक बार भाजपा के लिए फिर स्थिति अनुकूल हो सकती है। डॉ राकेश शर्मा पहले भी कर चुके हैं की पार्टी उन्हें कोई भी जिम्मेदारी देगी और पूरी ईमानदारी के साथ उसका निर्वहन करेंगे। चूंकि बैकुंठपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की वर्तमान विधायक अम्बिका सिंहदेव का नाम तय माना जा रहा है। जिसकी वजह से बैकुंठपुर विधानसभा सीट अब काफी हाई प्रोफाइल मानी जा रही है।

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