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15 साल से पेड़ में आशियाना बनाकर रहने को मजबूर है फूलसाय… बदलाव की बयार में भी नहीं बदला फूलसाय का भाग्य..

15 साल से पेड़ में आशियाना बनाकर रहने को मजबूर है फूलसाय

बदलाव की बयार में भी नहीं बदला फूलसाय का भाग्य

पीएम आवास की छत तक नही हुई नसीब

 

अनूप बड़ेरिया
बैकुंठपुर
लगभग 7 माह पूर्व वक्त है बदलाव की लहर में छत्तीसगढ़ की सरकार बदल गयी। लेकिन बदलाव की इस बयार में नही बदला तो कोरिया जिले के बैकुंठपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत बिशुनपुर के बनखेता पारा के फूलसाय पंडो का भाग्य..।
    गरीबी से लाचार  फूलसाय पण्डो  पिछले 15 वर्षों से बनखेता पारा गांव में ही एक पेड़ पर अपना आशियाना बना कर रहने को मजबूर है। दरअसल फूलसाय ने बताया कि उसके पिता की 10 एकड़ जमीन थी जो झुमका बांध डूबान क्षेत्र में चली गया। उस समय उसे समझ नही थी और पिता के न रहने के बाद उसे न मुआवजा मिला न कहीं  शासन ने जमीन दी। फूलसाय ने बताया कि इसी वजह से उसने अपना घर पेड़ पर बना लिया है कि यदि जमीन में घर बनाया तो कभी भी जमीन मालिक या सरकारी तंत्र उसे वहां आए बेदखल कर सकते है। हालांकि पेड़ के नीचे उसने छोटा का झोपड़ा बना कर रखा है जहां वह खाना पकाता है। कभी भीख मांग कर तो कभी मजदूरी से अपना जीवन यापन करने वाले फूलसाय को न पेंशन, न मनरेगा का काम, न सरकारी राशन और न ही प्रधानमंत्री आवास कुछ भी नही मिलता है। फिर भी वह सरकारी योजनाओं से मरहूम होने के बावजूद अपने अकेले की दुनिया मे मस्त है। 
जिले में अब तक 18,143 बने पीएम आवास
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से हर गरीब को घर देने का वादा करते हैं वहीं दूसरी ओर कोरिया जिले के बनखेता पारा के फूलसाय को आज तक पीएम आवास की छत तक मयस्सर नहीं हुई है। पीएम आवास बनाने के मामले में कोरिया जिला छत्तीसगढ़ में फिसड्डी ही है। पूरे 27 जिले में उसे 19 वां स्थान प्राप्त है। पिछले 3 साल में कोरिया जिले में मात्र 18,143 गरीबों को ही पीएम आवास का लाभ मिल सका है।
  

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