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कृषि बिल::किसानों का हक़ मार लेंगे बड़े उद्योगपति.. किसानों के साथ केंद्र सरकार कर रही कुठाराघात.. अन्नदाताओं के साथ छल बर्दाश्त नही किया जाएगा..किसानों का हक़ मार लेंगे बड़े उद्योगपति-गुलाब कमरों

अनूप बड़ेरिया

सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व भरतपुर सोनहत के विधायक गुलाब कमरो ने केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए विरोध जताया है विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि भाजपा की सरकारों ने हमेशा किसान विरोधी कदम उठाएं है। संसद के मानसून सत्र में पेश किया गया बिल किसानों की पेट पर लात मारने वाला साबित होगा। किसान वर्ग पहले से परेशान है, ऐसे में यह बिल हाहाकार मचाने वाला होगा। मोदी सरकार का यह कदम किसान वर्ग को अशक्त करेगा और अन्नदाताओं का मनोबल तोडऩे वाला होगा। संशोधन के नाम पर लाया जा रहा बिल पूंजीपतियों और कंपनियों को सशक्त करने का काम करेगा। उन्होंने इसे संघीय व्यवस्था के विरूद्ध बताया। कांग्रेस नेता ने कहा कि ये बिल देश में पिछले 50 से अधिक वर्षों में स्थापित हुई कृषि व्यवस्था को बर्बाद कर देंगे. उन्होंने कहा कि नए कानून से देश में कॉन्ट्रैक्ट और प्राइवेट फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा. इससे किसानों का और अधिक आर्थिक शोषण होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा होने वाली उपज खरीद प्रभावित हो जाएगी और किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिल सकेगी।

केंद्र का रहा है सौतेला व्यवहार

 

विधायक गुलाब कमरो बताया कि गांधीजी ने कहा था कि भारत की आत्मा गाँव में बस्ती है। गाँव की अर्थव्यवस्था किसानी में होती है। केंद्र के इस क़ानून से षड्यंत्र की बू आती है। किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की योजना है। यह किसान विरोधी सरकार है। जब छग के सीएम भूपेश बघेल ने 2500 रुपए समर्थन मूल्य में धान खरीदने की बात कही थी तब केंद्र की ओर से बयान आया था की सेंट्रल पूल में छग धान का नहीं खरीदेंगे। देश में किसान और जवान खुश होंगे तभी देश उन्नति करेगा।

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