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सारंगढ़ में फिर सामने आया पाखड़ चावल का मामला  दानसरा के सरकारी राशन दुकान का चावल में पाखड़ मिक्स? पुरुषोत्तम राइस मिल का पाखड़ चावल पहुचा उचित मूल्य दुकान ग्रामीणों में किया गया वितरण, एसडीएम चौबे ने क़्वालिटी जांच के आदेश दिए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के राइस मिल से निकला चावल स्तरहीन?

सारंगढ़,-/-सारंगढ़ में एक तरफ कोरोना का कहर जारी है वही दूरी ओर ग्रामीणों के स्वास्थ से खिलवाड़ किया जा रहा है। तहसील के 10 से अधिक शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में सत्र 2019-20 का अमानक चावल वितरण के लिए भेजा गया है।

जिसमे साफ तौर पर चावल की क्वालिटी स्तरहीन पाई गई है तथा चावल के साथ पाखड़ मिला हुआ दिख रहा है। अब सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही ज्ञात होगा। किन्तु दानसरा के ड़ेढ़ सौ से अधिक परिवारो को यह चावल का वितरण कर दिया गया है जिसको लेकर गांव मे काफी आक्रोश है।


जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत दानसरा में पुरुषोत्तम राइस मिल के द्वारा पीडीएस में जमा किया गया 2019 /20 का चावल जो वर्तमान में खाने योग्य नही है ग्रामीणों में वितरण किया जा रहा है। दानसरा निवासी तथा युवा कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र गुप्ता ने बताया कि उनके ग्राम पंचायत के शासकीय उचित मूल्य की दुकान में पुरुषोत्तम राइस मिल का पाखड़ चावल भेजा गया जिसे ग्रामीणों में वितरण किया जा रहा है कहा कि इस कोरोना काल मे ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिस पर जिला व स्थानीय प्रशासन को ध्यान देकर दोषियों पर कार्रवाई करना चाहिए ।
गौरतलब है कि ग्राम दानसरा में जिस राइस मिलर्स का चावल वितरण करने के लिए भेजा गया वह पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजेश अग्रवाल का है जो पहले भी बहुचर्चित पाखड़ चावल कांड मामले में लिप्त पाया गया था।हालांकि सारंगढ़ पीडीएस के कर्मचारी और प्रभारियों का कहना है कि यह चावल वितरण के लिए कलेक्ट्रेट रायगढ़ से आदेश किया गया है। वही एसडीएम नन्द कुमार चौबे से जानकारी लिया तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि घटिया चावल वितरण की उनको कोई जानकारी है वही उन्होंने मामले की गंभीरता और कोरोना संक्रमण को देखते हुए एसडीएम नन्द कुमार चौबे ने खाद्य निरीक्षक एवं क़्वालिटी इंस्पेक्टर को जांच के आदेश दिए है। वही उचित मूल्य की दुकान मे भेजा गया चावल की बोरियो में टेकिंग पुरषोत्तम राईस इंडस्ट्री सालर सारंगढ़ का लगा हुआ है तथा लाट नंबर और अन्य जानकारी उसमे अंकित है। अब देखना यह है कि उक्त मामले मे खाद्य विभाग और क्वालिटी निरीक्षक क्या रिपोर्ट देते है तथा घटिया चावल को लेकर क्या कार्यवाही होगी?

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