विधानसभा चुनाव::कांग्रेस से अनिल जायसवाल की दावेदारी की गूंज अब राजधानी तक..प्रबल दावेदार के रूप में उभरे…
अनूप बड़ेरिया
छग के विधानसभा चुनावों में महज अब
लगभग 3 माह का समय शेष है। उम्मीद के मुताबिक सितम्बर माह के आखिरी तक निर्वाचन आयोग द्वारा आचार संहिता लगाई जा सकती है। राजनीतिक पार्टियों के साथ ही प्रशासन ने भी चुनावी तैयारी को अमलीजामा पहनाना आरंभ कर दिया है। वह टिकट के दावेदारों को अपने क्षेत्र में सक्रिय होने के अलावा राजधानी की दौड़ लगाते देखा जा सकता है। बात यदि बैकुंठपुर विधानसभा की हो तो सीटिंग MLA होने की वजह से श्रीमती अम्बिका सिंहदेव वर्तमान में प्रमुख दावेदार तों है। लेकिन अन्य दावेदारों की यदि बात की जाए तो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं वेदांती तिवारी, योगेश शुक्ला, अशोक जायसवाल व आशा महेश साहू को काफी पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस के बड़े चेहरे के रूप में उभरे अनिल जायसवाल अपनी कड़ी मेहनत व सक्रियता की वजह से अल्प समय में ही दावेदारों की लिस्ट में टॉप टू पर आ पहुंचे हैं। पिछले डेढ़ साल से लगभग 2 बार पूरी विधानसभा का दौरा कर अनिल जायसवाल ने छग की भूपेश सरकार की हर छोटी-बड़ी योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचाई है। इतना ही नही जो तबके इन योजनाओं से वंचित थे, उन्हें योजनाओं का लाभ भी दिलाया। इतना ही अनिल जायसवाल जब अपने समर्थकों के साथ ग्रामीण अंचलों में जाते हैं तो राशनकार्ड, बिजली, सड़क आदि की समस्याओं की जानकारी ग्रामीणों से मिलते ही सम्बन्धित अधिकारियों से बात कर उसे फौरन दूर करवाते हैं, उनकी इसी शैली के मतदाता कायल भी हो रहें हैं। पिछले लंबे समय से जितना वर्तमान विधायक या अन्य किसी दावेदारों ने क्षेत्र का इतना दौरा नही किया, जितना अनिल जायसवाल ने कर लोगो के बीच अपनी पैठ बनाई है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस के इस नेता की दावेदारी की गूंज अब राजधानी रायपुर के राजनीतिक गलियारों में भी गूंजने लगी है। कुल मिलाकर अनिल जायसवाल की कड़ी मेहनत का नतीजा यह है कि टिकट की दावेदारी में उनका नाम अब जोर-शोर से चल पड़ा है और इस नाम के चर्चे पक्ष के साथ विपक्ष में भी होने लगे हैं।
बात यदि अनिल जायसवाल के राजनीतिक कैरियर की हो तो वह युवावस्था से ही कांग्रेस की राजनीति कर रहे हैं। NSUI, युवा कांग्रेस, ब्लॉक कांग्रेस व जिला कांग्रेस में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहने के अलावा अनिल जायसवाल सांसद प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि रह चुके हैं। प्रशासनिक पकड़ रखने वाले अनिल जायसवाल दो बार जनपद सदस्य रहने के अलावा जनपद उपाध्यक्ष की शानदार व यादगार पारी भी खेल चुके हैं। नि:संदेह यदि पार्टी अनिल जायसवाल को टिकट देती है एक बार फिर यह सीट कांग्रेस की झोली में नजर आ सकती है।
कांग्रेस नेता अनिल जायसवाल ने कहा कि यह लोकतंत्र है..लम्बे समय से पार्टी की सेवा करने वाले हर कार्यकर्ता को टिकट की दावेदारी करने की इच्छा होती है। यदि पार्टी उन्हें अवसर देगी तो यह उनके लिए सम्मान की बात होगी और वह पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी जिसे भी अपना उम्मीदवार बनाएगी सभी मिलकर अपना सौ फ़ीसदी योगदान देकर कांग्रेस को विजयी बनाएंगे।