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कर्नल विप्लव देश तुम्हारा ऋणी रहेगा …मणिपुर में शनिवार को सेना के काफिले पर उग्रवादी हमले में कमांडिंग ऑफिसर समेत 5 जवान …. इन्होंने कहा इनकी शहादत 

 

 

मणिपुर में शनिवार को सेना के काफिले पर उग्रवादी हमला हुआ है। इस हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर समेत 5 जवान मारे गए हैं। वहीं 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी अनुजा 37 वर्ष और बेटे आशीष त्रिपाठी 5 वर्ष की भी इस हमले में मौत हो गई है। घटना चुराचांदपुर जिले के सिंघट में हुई, जहां उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर अटैक कर दिया। जिसमें कर्नल विप्लव त्रिपाठी का पूरा परिवार शाहिद हो गया।

 

शहीद विप्लव त्रिपाठी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ,संविधान निर्माण बोर्ड के सदस्य और जिले के प्रथम सांसद शिक्षाविद पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी की गौरवशाली विरासत के कुल दीपक श्री सुभाष त्रिपाठी( एडवोकेट , वरिष्ठ पत्रकार तथा बयार अखबार के संपादक ) के यशस्वी सुपुत्र थे।

जैसे ही यह अधिकृत सूचना प्राप्त हुई कि ’46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी पूरे परिवार सहित शहीद हो गए पूरे अंचल में शोक की लहर दौड़ गई।पत्रकार ,गणमान्य नागरिक,शुभचिंतक, समाज व परिवार के सदस्य सभी श्री सुभाष त्रिपाठी के घर पहुंचने लगे। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कैसे और क्या बोलें ? सुभाष त्रिपाठी गमगीन, आंखो में अश्रुधार मौन अनगिनत स्मृतियों में खोए खोए से बैठे और मिलने आने वाले लोगों को देखते उनका मौन अभिवादन करते ज्यादा नजदीकी रिश्ते और इष्ट मित्र को देखकर अश्रुधार तथा दुखी स्वर फूट पड़ता था। अत्यंत ही दुखद क्षण । विप्लव की माताश्री श्रीमती आशा त्रिपाठी शायद सदमे में थी बार बार पूछती आज इतने लोग घर में क्यों आए हैं? क्या हो रहा? कोई कुछ बोलता क्यों नहीं? कुछ परिचित चेहरे को देखकर उनका नाम लेकर उनका हालचाल पूछती फिर लोग उन्हे घर के अंदर ले जाते। बहुत विकट परिस्थिति ,बहुत बड़ा, शब्द हीन दुख । ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करे।

मै भाई सुभाष त्रिपाठी के पास जाकर उनका हाथ पकड़ कर मौन बैठ गया इस अहसास के साथ की इस दुख की घड़ी में हमसब आपके साथ हैं। मुझे सुभाष भाई की वह टिप्पणी याद आ रही थी जो शहीद ए आजम भगत सिंह की शहादत कार्यक्रम में एकबार उन्होंने कही थी कि – “भगत सिंह ने अपनी मां से कहा था की मां तुम्हारे आंखो में आंसू नहीं आनी चाहिए। तू भगत सिंह की मां है तेरा बेटा देश के लिए शहीद हो रहा है।” वास्तव में भाई सुभाष त्रिपाठी और श्रीमती आशा त्रिपाठी ने यशस्वी सुपुत्र को जन्म देकर केवल अपने जीवन को ही धन्य धन्य नहीं किया है वरन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी की विरासत को समृद्ध करते हुए एक स्वर्णिम इतिहास रचा है। जिसके लिए रायगढ़ की माटी ,छत्तीसगढ़ अंचल और पूरा देश कर्नल विप्लव त्रिपाठी की शहादत पर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

पूरा देश कायराने हमले की कड़ी निन्दा कर रहा है। पूरा देश शोकाकुल है। कर्नल विप्लव त्रिपाठी परिवार की शहादत पर उन्हें सादर नमन कर रहा है। कर्नल विप्लव त्रिपाठी , माता श्रीमती आशा त्रिपाठी व पिता श्री सुभाष त्रिपाठी के प्रति पूरा देश सदैव ऋणी रहेगा।

शत शत नमन।
गणेश कछवाहा,रायगढ़ छत्तीसगढ़।

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