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नव दुर्गा के खिलाफ धारा 304 और 302 के तहत भी अपराध हो दर्ज- बजरंग अग्रवाल ….फर्नेश ब्लास्ट हादसे में 3 घायलों की अब भी हालत गंभीर ….मौत पर प्रबन्धन के खिलाफ कार्रवाई न होने से हौसले बुलंद

रायगढ़-/- जिले के सराईपाली स्थित नवदुर्गा प्लांट में इंडक्शन फर्नेस के ब्लास्ट होने से एक कि मौत और 3 अन्य बुरी तरह घायल हो गए। घटना इतनी भयावह व दर्दनाक थी कि मृतक व घायलों की तस्वीर ही दहला देने वाली थी। घटना के बाद ओद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग के जांच में भी प्रबन्धन की लापरवाही सामने आई है। पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के में विभागीय कार्रवाई के तहत औद्योगिक एक्ट 1948 धारा 7ए, 2 ए, 2बी 2सी 2डी के तहत औद्योगिक हादसों में मौत होने पर प्रबंधन के ऊपर 7 साल की सजा होने का प्रावधान है किंतु अभी तक मजदूरों की मौत पर किसी कल कारखाना संचालक प्रबन्धन को सजा नहीं हुई हुई है और महज जुर्माना लगकर मामले निपटा दिया जाता है।

पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल का आरोप है कि गुरुवार को नवदुर्गा में हुए हादसे के बाद मामले को लेकर औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा दर्दनाक हादसे में एक की मौत और 3 अन्य के बुरी तरह घायल हुए है। उन्होंने बताया कि हादसे को लेकर महज जाँच के बाद कारखाना अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रही है लेकिन यह कार्रवाई महज कागजी खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नही है। उन्होंने इस मामले में कहा कि उद्योगों द्वारा सुरक्षा के मायने में कठोर सजा व कार्रवाई न होने से संचालकों के भी हौसले बुलंद है और यह सर्वविदित भी है की कल कारखानों में इस तरह के हादसे लगातार होते रहे हैं और बेकसूरों को अपनी जान से चुकानी पड़ रही है। बजरंग अग्रवाल का कहना है कि नवदुर्गा फ्यूल में कल हादसे में जो घटना हुई है हमने डीजीपी व एस. पी. से मांग की है की इनके ऊपर धारा 304 और धारा 302 के तहत भी अपराध पंजीबद्ध किया जाकर प्रबन्धन की लापरवाही की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कारखाना अधिनियम कर साथ जिस तरह लापरवाही की वजह से घटना कारित हुई है इस लिहाज से धारा 304 और धारा 302 के तहत कार्रवाई किया जाना चाहिए। बजरंग अग्रवाल ने कहा कि अगर मांग के अनुरूप कार्रवाई नही की जाती है तो हम छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की शरण में नवदुर्गा फ्यूल के खिलाफ परिवाद लगाएंगे।

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