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आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ ” जनता बचाओ – देश बचाओ ” के प्रमुख मांगों के साथ 28 एवं 29 मार्च को दो दिवसीय राष्ट्र व्यापी हड़ताल …..किसकी औऱ किसके आह्वान पर होगा पढ़े पूरी खबर

ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने देश के 10 से अधिक केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ( इंटुक, एटक, एच एम एस, सीटू, ए आई यू टी यू सी, सी यू सी सी, सेवा, ए आई सी सी टी यू, एल पी एफ, यू टी यू सी, एम ई सी, और आई सी टी यू) केन्द्र- राज्य सरकार, बैंक, बीमा, दूरसंचार, रक्षा, संगठित, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों व मजदूर संगठनों के आव्हान पर *केंद्र सरकार की श्रमिक, किसान एवं आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ ” जनता बचाओ – देश बचाओ ” के प्रमुख मांगों के साथ 28 एवं 29 मार्च को दो दिवसीय राष्ट्र व्यापी हड़ताल पर रहेंगे।*

*ट्रेड यूनियन कौंसिल रायगढ़ द्वारा 28 मार्च को प्रातः 11.00बजे एल आई सी कार्यालय के सामने सत्तीगुडी चौक से रैली निकाली जाएगी जो शहर के प्रमुख मार्गों स्टेशन चौक,सुभाष चौक, गौरीशंकर मंदिर चौक, गोपी टाकीज, चक्रपथ होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर माननीय प्रधान मंत्री जी के नाम माननीय कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा जाएगा।*

रायगढ़ में कोल माइंस क्षेत्र में पूर्णतः कार्य बंद रहेगा। वहीं जिला मुख्यालय में बीमा, डाक,दूरसंचार,आयकर दवा प्रतिनिधि संघ और बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। छत्तीसगढ़ आंगन बाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिका संघ, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी फेडरेशन और लघुवेतन कर्मचारी संघ का पूर्ण सहयोग व समर्थन रहेगा।यह हर्ष का विषय है कि देश के किसान संगठनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन करते हुए इस दिन ग्रामीण हड़ताल का आव्हान किया है ।

*केंद्र की वर्तमान सरकार ने जिस तरह से किसानों के कड़े विरोध के बाबजूद पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट्स घरानों के हितों में जबरिया तीन काले कृषि कानून पारित किए थे ठीक उसी तरह देश के श्रमिक वर्ग के कड़े विरोध के वावजूद मजदूरों द्वारा लंबे संघर्ष के बाद हासिल किए गए 29 श्रम कानूनों को 4 श्रम संहिता में बदलकर , संसदीय बहुमत का दुरुपयोग कर, विपक्ष की आवाज को कुचलकर पूंजीपतियों,कॉरपोरेट्स और औद्योगिक घरानों के पक्ष में एकतरफा संसद में इसे पारित करा लिया । इसके माध्यम से मजदूरों के सारे अधिकार छीनकर केंद्र सरकार ने वास्तव में श्रमिको को फिर एक बार गुलामी की जंजीरों में जकड़ने और मालिकों के हाथों उनके रहमो करम पर बदहाली की ओर धकेल दिया है। यह सब, करोना के महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था की बदहाली, कारखाना बंदी, चरम बेरोजगारी, आम जनता और मजदूरी के अभाव में घटती क्रयशक्ति, प्रवासी मजदूरों की दयनीय स्थिति के दौर में आपदा को अवसर में बदलने के नाम पर किया जा रहा है।*

बढ़ती मंहगाई से आम जनता परेशान ही नहीं वरन् अपनी रोज मर्रा की जरूरतों यहां तक कि खान पान मे भी कटौती करने पर विवश हो रही है। पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस, आवश्यक खाद्य वस्तुओं की बेलगाम कीमतों ने स्थिति को और भयावह बना दिया है ऐसे समय लोगों को नकद सहायता देकर उनकी आजीविका और साथ ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने सरकारी हस्तक्षेप की बजाय सरकार आत्मनिर्भर भारत के नारे पर आत्मनिर्भरता की बुनियाद देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र की नीलामी कर रही है ।बैंक, बीमा, कोयला, रक्षा, इस्पात, ऊर्जा, रेल, भेल, सेल, डाक, पोर्ट, दूरसंचार आदि हर क्षेत्र की सार्वजानिक संस्था जिनका देश की जनता के गाढ़े कमाई से निर्माण हुआ है, उसे अपने पूंजीपति मित्रों को विनिवेशीकरण और निजीकरण के नाम पर कौड़ियों के मोल बेचने केंद्र की सरकार देशविरोधी अभियान चला रही है ।

*राष्ट्रीयकृत वित्तीय संस्थाओं एवं सार्वजनिक उपक्रमों को कौड़ी के दाम बेचकर निजीकरण की नीतियों को बढ़ावा देकर देश की राष्ट्रीयकृत संपदा , अर्थव्यवस्था को पूंजीपतियों,कॉरपोरेट्स घरानों के हाथों गिरवी रखने का खुला खेल खेला जा रहा है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमज़ोर ही नहीं होगी बल्कि देश आर्थिक गुलामी के दल दल में धंस जायेगा।*

*श्रमिक वर्ग के बहुसंख्य हिस्से, जो असंगठित मजदूर हैं जिनमे योजना कर्मियों के साथ ही अन्य व ठेका श्रमिक शामिल है उन्हे तो अमानवीय स्थिति में जीने के लिए मजबूर कर दिया गया है और सरकार उनके लिए कोई सामाजिक सुरक्षा की सुविधा और इस हेतु श्रम सम्मेलन की सर्वसम्मत अनुशंसा को भी लागू करने तैयार नहीं है । सरकार की ओर से उल्टे मजदूर हो या आम जनता, विरोध के हर जनवादी अधिकारों को ही कुचलकर, हर किस्म के विरोध को देशद्रोह की संज्ञा दे दी जा रही है । वास्तव में यह संविधान और लोकतंत्र के मूल आधार पर ही हमला है ।*

अपने पूंजीपति आकाओ के हितों के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की इन नीतियों के खिलाफ मजदूरों की एकता को कमजोर करने के लिए धार्मिक भावनाएं भड़काकर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी द्वारा जहरीला सांप्रदायिक विभाजन और घृणा का प्रचार अभियान चलाया जाता है ।

*”जनता बचाओ, देश बचाओ ” के प्रमुख मार्गों के साथ और 28- 29 मार्च 2022 को देशव्यापी हड़ताल का फैसला बनाने है आव्हान किया है।*

प्रमुख मांगें :

1, *श्रम संहिता रद्द करो, EDSA ( आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अधिनियम ) समाप्त करो ।*

2. *कृषि कानून वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के 6 सूत्रीय मांगपत्र को पूरा करो ।*
3. *नेशनल मोनिटाइजेशन नीति को रद्द करो, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण की नीति पर तत्काल रोक लगाओ, हर किस्म का निजीकरण बंद करो*
4. *गैर आयकरदाता परिवार को प्रतिमाह 7500 रुपए की नगद और खाद्य सहायता प्रदान करो*
5. *मनरेगा के आबंटन में वृद्धि करो , शहरी गरीबों को भी रोजगार गारंटी कानून के लाभ दो*
6. *सभी अनौपचारिक क्षेत्र के मजदूरों को सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराओ*
7. *आंगनवाड़ी, मितानिन, मध्यान्ह भोजन और अन्य योजना कर्मियों के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराओ*
8. *महामारी के दौरान जनता की सेवा करने वाले अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा और बीमा सुविधा उपलब्ध कराओ।*
9. *राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थां को पुनर्जीवित करने और सुधारने के लिए सम्पदा कर आदि के माध्यम से अमीरों पर कर लगा कर कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक आवश्यकताओं में सार्वजनिक निवेश बढ़ाओ।*
10. *पेट्रोलियम उत्पाद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कटौती करो और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं ।*
11. *ठेका श्रमिक, योजना कर्मियों का नियमितीकरण करो और सभी को समान काम का सामान वेतन दो ।*
12. *नई पेंशन योजना को रद्द कर, पुरानी पेंशन योजना बहाल करो, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि करो ।*

रायगढ़ ट्रेड यूनियन कौंसिल के अध्यक्ष – गणेश कछवाहा ,
उपाध्यक्ष – साथी शेख कलीमुल्ला अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश *शासकीय कर्मचारी संघ,जिला रायगढ़,सचिव – श्याम जयसवाल मंडलीय उपाध्यक्ष,बिलासपुर डिविजन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसियेशन,रायगढ़,सहसचिव – साथी अनिता नायक अध्यक्ष आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ जिला रायगढ़, खगेश पटेल सचिव एम आर एसोसियेशन , सुनील मेघमाला ,बिलासपुर डिविजन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसियेशन,काजल विश्वास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ , प्रवीण तंबोली,सचिव बिलासपुर डिविजन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसियेशन,विष्णु यादव( छत्तीसगढ़ लघु वेतन चतुर्थ वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ), साथी वी के गौंड अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ, साथी एस बी सिंह अध्यक्ष एम आर एसोसियेशन ने ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच के आव्हान पर छत्तीसगढ़ के मजदूर, किसान साथियों से इस हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है ।

 

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