♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज शुरू, संभावितों की होगी ट्रू नॉट पद्धति से जांच* *मधुमेह और उच्च रक्तचाप रोगियों की हो रही जांच* *महीने भर शहरों की मलिन बस्तियों में चलाया जाएगा अभियान*

रायगढ़ 13 मई 2022, जिले को वर्ष 2023 तक टीबी से मुक्त बनाने के उद्देश्य से 12 मई से शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज शुरू की गई है साथ ही संभावित रोगियों की ट्रू नॉट पद्धति से जांच कर पंजीकृत करके निशुल्क उपचार शुरू होगा, और मितानिन के माध्यम से नियमित फॉलो-अप भी किया जाएगा ।

इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी ने बताया “’क्षय रोग माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है। यह मनुष्य के फेफड़ों, मस्तिष्क, पीठ, घुटने आदि को क्षतिग्रस्त कर सकता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार बना देता है। सस्टैनबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के अनुसार टीबी का उन्मूलन वर्ष 2030 तक करना है जबकि भारत ने यह लक्ष्य वर्ष 2025 तक रखा है। वहीं छत्तीसगढ़ ने यह लक्ष्य वर्ष 2023 रखा है। तपती गर्मी में स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों के घर-घर तक जा रही है लोगों से अपील है कि वह टीम का सहयोग करें और अपनी स्वास्थ्य जांच कराएं। “

इस बारे में जिला क्षय रोग नोडल अधिकारी डॉ. जय कुमारी चौधरी ने बताया: ” टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज का सर्वे शुरु कर दिया गया है । सर्वेक्षण की प्रत्येक टीम में दो सदस्य रखे गए है। जिसमें एक एएनएम और दूसरा मितानिन, टीबी मित्र या किसी एनजीओ का सदस्य हो सकता है। शहरी क्षेत्र में गुरूवार से कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। यह सर्वे टीम शहरों की मलिन बस्तियों से टीबी के अति संवेदनशील लोगों की खोज करेंगी और संभावितों की ट्रू नॉट पद्धति से जांच की जाएगी। पाज़िटिव (धनात्मक) आए लोगों को पंजीकृत करके निशुल्क उपचार प्रदान किया जाएगा । इसके अतिरिक्त जेल, खदान, आश्रय गृह और अन्य संवेदनशील जगहों का मानचित्रण भी किया जाएगा।“

स्वास्थ्य विभाग के शहरी कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. राकेश वर्मा बताते हैं: “सर्वे के दौरान टीबी की जांच सभी उम्र के लोगों की होगी और 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मधुमेह (diabetes) और उच्च रक्त चाप (hypertension) की भी जांच होगी। मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में क्षय रोग या टीबी होने का जोखिम तीन गुना ज्यादा होता है। महीने भर चलने वाले इस सर्वे में शामिल होने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया गया है।‘’

*टीबी का कारण और उपचार*
डॉ. जय कुमारी चौधरी ने बताया: “संक्रमित गाय का दूध पीने से, संक्रमित व्यक्ति की छींक व खांसी से, प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो तो शरीर में टीबी के जीवाणु पनपने लगते हैं। दो सप्ताह से अधिक खांसी रहना, अकारण वजन का घटना व भूख न लगना, लगातार थकावट रहना, एक सप्ताह से अधिक समय तक बुखार बने रहना इसके प्रमुख लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर से सलाह लें, डॉक्टर द्वारा बताई गई प्रतिरोधक दवाइयां नियमित रूप से पूरी अवधि तक लें। शरीर में प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम सैर करने जाएं,और समय पर बच्चों का टीकाकरण कराएं।“

*समय रहते कराएं जांच : डॉ. योगेश पटेल*
स्वास्थ्य विभाग के गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. योगेश पटेल बताते हैं: “जल्दी जल्दी पेशाब आना, वजन घटना, प्यास बहुत ज्यादा लगना, कमजोरी अथवा थकान होना आदि मधुमेह के प्रमुख लक्षण हैं। मधुमेह से बचने के लिए लोगों को हरी साग सब्जियों का सेवन , नमक का कम उपयोग,नशा और धूम्रपान से दूरी, नियमित समय पर जांच व परामर्श, एवं नियमित रूप से योगा व एक्सरसाइज करना चाहिए।”

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close