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उद्योग विस्तार के लिए जन सुनवाई व कोल ब्लॉक के लिए ग्राम सभा एनओसी …… एक तरफ आदिवासियों की लड़ाई तो दूसरी तरफ इन ग्रामीणों की …… कौन सुनेगा किसे सुनाएं वाली हाल ….. क्रांतिकारी नेता के रूप में पहचान बनाने वाले नेता ने कहा कब दहाड़ लगाएंगे …. प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

रायगढ़।

उद्योग विस्तार के लिए आने वाले दिनों में जन सुनवाई व कोल ब्लॉक के लिए ग्राम सभा को लेकर ग्रामीण पूरी तैयारी में हैं वही उद्योग प्रबंधन भी अपनी पूरी तैयारी में है। जिले में स्थापित उद्योगों कोल ब्लॉकों का विस्तार को लेकर खूब चर्चाएं चल रही है। दो उद्योगों की आने वाले सप्ताह में जन सुनवाई का आयोजन होना है। वहीं कोल ब्लॉक के लिए ग्राम सभा एनओसी को लेकर खींचतान चल रही है। खास बात ये है के जिले के इन्ही इलाकों में शिवपाल भगत के केस में एनजीटी का आदेश है कि बिना दुबारा पर्यावरणीय अध्ययन के किसी भी तरह के नए उद्योग व विस्तार प्रतिबंधित रहेगा।

हालांकि आज ऐसे आदेशों को कौन मानता है लेकिन इसके पीछे ऐसे आदेशों को मनवाने के लिए सोसल वर्कर भी पूरे दम खम के साथ खड़े होते हैं।  ऐसे कई उदाहरण हैं उद्योगों की जन सुनवाई के लिए बनवाई गई ईआईए रिपोर्ट में किसी भी तरह के वन्य जीव जंतु का नहीं होना उल्लेख होता है जबकि वास्तविकता की धरातल पर इन क्षेत्रों में वन्य जीव जंतुओं के अलावा और भी जैव विविधता होती है जिसकी हम अनदेखी करते हैं। और जैव विविधता के खात्मा का मतलब है पर्यावरणीय क्षति और पर्यावरण की क्षति का खामियाजा धरती पर पड़ता है किंतु आज इसे कौन देख रहा है अंधाधुंध ओद्योगिक विकास क्षेत्र के लोगों पर उस लोक लुभावन होता आज जिले वासी भयंकर प्रदूषण की चपेट में है। उद्योग विस्तार के मायने जंगलों के साथ मानव जीवन पर भयंकर दुष्परिणाम के तौर पर झेलने को मजबूर हैं।
विस्तार होने वाले क्षेत्र के बड़ी संख्या में मानव जीवन के साथ वन्य जीव जैव विविधताओं पर व्यापक प्रभाव डालेगा जिसका खामियाजा जिले वासियों पर खतरनाक बीमारियों के तौर पर भुगतने होंगे । पहले ही जिले में कैंसर, दमा जैसी गम्भीर बीमारियां तेजी से आम लोगों को अपनी जद में ले रही है। और उद्योगों का विस्तार मतलब ऐसी खतरनाक बीमारियों को और बढ़ावा देना होगा। एक समाजिक कार्यकर्ता जो वन्य जीव जैव विविधता पर काम कर रही हैं उनका कहना है कि क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देना मतलब खतरे की घंटी को तेजी से बजाना जैसी बात होगी। उद्योगों के विस्तार व बढ़ावा देने से पहले क्षेत्र में वन्य जीव जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में काम करने की जरूरत है। तभी प्रदूषण पर भी कुछ हद तक लगाम लगाया जा सकता है।


आने वाले दिनों में दो उद्योगों की जलवायु परिवर्तन को लेकर जन सुनवाई होनी है लेकिन जन सुनवाई का आयोजन महज खाना पूर्ति बन कर रह गया है ऐसा जानकारों का मानना है वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो अंत तक जन सुनवाई को स्थगित करवाने के लिए एड़ी चोटी एक किये हुए हैं।

जिले के क्रांतिकारी युवा नेता के रूप में पहचान रखने वाले एक नेता भी आने वाले दिनों में रुवणाधाम व बांके बिहारी के विस्तार की जन सुनवाई के खिलाफ एक राजनीतिक दल के दो नेताओं पर चुटकी लेते हुए कहा कि शेर और शेरनी इसके खिलाफ कब दहाड़ लगाएंगे। उनका कहना है कि  पहले से भयंकर प्रदूषण की मार झेल रहे गेरवानी समेत आधे दर्जन गांव में लोगों के लिए रहना दुश्वार हो जाएगा। पहले से भयंकर प्रदूषण की मार झेल रहे देलारी, लाखा, गदगांव, सराईपाली, तराईमाल, तुमिडीह, गेरवानी, भुइकुर्री, सामरुमा पंचायत और इससे लगे गांव शामिल हैं।

क्रांतिकारी नेता विभाष सिंह के कथन

6 तारीख को होने वाली जनसुनवाई के विरोध में अभी तक facebook में live आने वाले लोगो का कोई बयान नही आया
उनकी पार्टी के जिन भी लोगो का विरोध में बयान आता हैं
वो लोग जनसुनवाई वाले दिन विरोध के वक़्त गायब कहाँ हो जाते है🤔🤔🤔😝😝😝
जंगल नष्ट हो रहा
शेर शेरनी की दहाड़ कब सुनेगी रायगढ़ की जनता??

पॉल्युशन के प्रति संवेदनशील लोगों का मानना है कि इस क्षेत्र में उद्योगों का और विस्तार होना मतलब जन जीवन के लिए खतरा और बढ़ जाना। पहले ही यहाँ नौजवान जैसे हष्ट पुष्ट युवा वर्ग भी स्किन, दमा, कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। महिलाओं मे कई तरह की अनेक बीमारियां घर कर रही है और यह सब घातक होते प्रदूषण की वजह से हो रहा है।

उद्योग की जन सुनवाई को लेकर पहली आपत्ति – 

06/07/2022 को रूपनाथ धाम कंपनी सराईपाली की आयोजित होने वाली जनसुनवाई के खिलाफ ग्रामीणों ने फूंका बिगुल ग्रामीणों का कहना यह है की 14 सितंबर 2006 कि केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार जनसुनवाई परियोजना स्थल के ऊपर या न्यूनतम दूरी पर आयोजित की जानी चाहिए परंतु रूपनाथ धाम की जनसुनवाई की परियोजना ग्राम सराय पाली विकासखंड तमनार जिला रायगढ़ में स्थापित है एवं जनसुनवाई का आयोजन वहां से 12 किलोमीटर दूर ट्राई मार बंजारी मंदिर स्थल पर आयोजित की करवाई जा रही है.

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