
नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में सरकारी स्कूलो के कायाकल्प में जुटी डीईओ डेजी रानी जांगड़े शिक्षा मे गुणवत्ता के मामले में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को अव्वल लाने की कयावद …. कह रहे मैडम सुबह से लेकर देरशाम तक खूब मेहनत कर रही है …..प्रदेश के नक्शे में नये जिले को प्रावीण्य सूची में रखने कवायद
सारंगढ़।
1 सितंबर को अस्तित्व मे आया नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में शिक्षा विभाग को स्थापित करने और नाम मात्र के संसाधन से शिक्षा मे गुणवत्ता को अपनाने के उद्देश्य से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे पदस्थ शिक्षा विभाग के ओएसडी श्रीमती डेजी रानी जांगड़े इस कार्य मे सफलता प्राप्त करने के लिये जी-जान से जुटी हुई है। कलेक्टर डा.फरिहा आलम सिद्धिकी के मार्गदर्शन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ साथ जिले के मेधावी विद्यार्थियो के लिये भी विशेष रणनिति पर शिक्षा विभाग मेहनत कर रहा है।
1 सिंतबर को अस्तित्व मे आया नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे कुल मिलाकार तीन विकासखंड़ आते है जिसमे सारंगढ़ विकासखंड़, बिलाईगढ़ विकासखंड़ और बरमकेला विकासखंड़ है। कोरोना काल के बाद शिक्षा के स्तर की स्थिति तथा नवीन जिला निमार्ण के पश्चात नये सिरे से सरकारी स्कूलो को व्यवस्थित करने के कार्य एक बड़ी चुनौती के रूप मे सामने खड़ा था। ऐसे मे राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा नवीन जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे इस चुनौतीपूर्ण दायित्व को पूर्ण करने के लिये शिक्षा विभाग के विशेष कर्तव्यपस्थ अधिकारी के रूप में श्रीमती डेजी रानी जांगड़े को नये जिले में पदस्थ किया गया। कलेक्टर डा.फरिहा आलम सिद्धकी के बच्चो को शिक्षा के संबंध में सर्वागीण विकास की सोच को आगे बढ़ाने के लिये कृत संकल्प श्रीमती डेजी रानी जांगड़े के सामने एक ओर सरकारी स्कूलो मे सिस्टम को जवाबदारी बनाने की चुनौती थी तो दूसरी ओर नवीन जिले मे बिना सेटअप और बिना अमले के मैदानी स्तर पर मानीटरिंग का भी जिम्मा था। इन दोनो चुनौती के साथ ही साथ पुराने मातृ जिला रायगढ़ एवं बलौदाबाजार जिले से शिक्षा विभाग का रिकार्ड और सेटअप के साथ साथ वित्तीय अधिकार सहित अन्य प्रारंभिक कार्य भी थे जिसके कारण से शिक्षा विभाग के स्थापना को लेकर ही विलंब होने का आशंका व्यक्त किया जा रहा था किन्तु अपने कार्यो के लिये दृढ़संकल्पित माने जाने वाले ओएसडी/डीईओ श्रीमती डेजी रानी जांगड़े ने सभी मोर्चे पर कड़ी मेहनत कर नवीन जिला सारंगढ़ में अल्प समय में अपना काम बखूबी निभाया। सरकारी स्कूलो को सतत् मानीटरिंग का मामला हो या लापरवाह शिक्षको पर कड़ी कार्यवाही करने की बात हो ओएसडी/डीईओ श्रीमती डेजी रानी जांगड़े इस मामले मे सफल साबित हुये। पुराना मातृ जिला रायगढ़ एवं बलौदाबाजार से नवीन जिला के सभी रिकार्ड और वित्तीय अधिकार को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ शत प्रतिशत सारंगढ़ से ही शिक्षा विभाग संचालित करने मे भी लगभग सफलता प्राप्त की है।
कलेक्टर डा.फरिहा आलम सिद्धिकी के मार्गदर्शन में सारंगढ़ शिक्षा विभाग एक टीम के रूप मे सामूहिक मेहनत करते हुए सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ बनाने मे लगे हुए है।
मेधावी छात्रो को मेरिट मे लाने विशेष मार्गदर्शन की कवायद
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर डां.फरिहा आलम सिद्धकी ने उपस्थित सरकारी स्कूलो के प्राचार्यो से चर्चा कर हर स्कूल के बोर्ड परीक्षा के मेधावी विद्यार्थियो के लिये बोर्ड परीक्षा के लिये विशेष मार्गदर्शन का निर्देश दिया था जिसके परिपालन में सभी स्कूलो के बोर्ड परीक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओ का 3 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के लिये चयन कर उन्हे विशेष मार्गदर्शन ख्याति प्राप्त अनुभवी व्याख्याताओ के द्वारा प्रदान करने का रणनिति बनाया गया है। इसी रणनिति पर काम करते हुए सभी सरकारी स्कूलो के अनुदान खाता से कुछ राशी इस कार्य के लिये ख्रर्च करने पर सहमति बनाई गई और जिला मुख्यालय सारंगढ़ में सरकारी स्कूलो के मेधावी विद्यार्थियो को छात्रावास मे एक स्थान पर रखकर इस दिशा मे कारगार मेहनत करने और छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की प्रावीण्य सूची में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का नाम रोशन करने की कयावद मे शिक्षा विभाग जी-जान से जुट गया है। डीईओ श्रीमती डेजी रानी जांगड़े को उम्मीद है कि इस प्रयास से सरकारी स्कूल के ऐसे प्रतिभावान छात्र-छात्राओ को विशेष लाभ प्राप्त होगा जो कुछ ही अंक से प्रावीण्य सूची में स्थान बनाने से चूक जाते है। उन्होने उम्मीद जताई कि इस वर्ष सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को बोर्ड परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त होगी।
शिक्षा में गुणवत्ता के लिये संवेदनशील है कलेक्टर डां.फरिहा आलम
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे सरकारी स्कूलो मे शिक्षा में गुणवत्ता के लिये प्रतिबद्ध सेवंदनशील कलेक्टर डां.फरिहा आलम सिद्धकी लगातार इस दिशा मे प्रयासरत है कि बच्चो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। इसके लिये बोर्ड परीक्षा मे अर्धवार्षिक परीक्षा के परीक्षा परिणाम को आंकलन करने पर जोर दिया। साथ ही शिक्षको के स्कूलो आने-जाने और पाठ्यक्रम को रिविजन करने पर विशेष फोकस करने के लिये उचित मार्गदर्शन प्रदान किया। समय-समय पर शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक करके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये शिक्षा विभाग को उत्कृष्ठ कार्य के लिये प्रेरित करने से सरकारी स्कूलो के शिक्षक-शिक्षिकाओ को मनोबल काफी ऊंचा हुआ है।