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बालू के अवैध उत्खनन व परिवहन को आखिर किसका सरंक्षण बताये प्रशासन :- नरेश पटेल* *भेदभाव की कार्यवाही से भन्नाए ट्रेक्टर मालिको के साथ होगी आर पार की लड़ाई*

रायगढ़ से शशिकांत यादव

*बालू के अवैध उत्खनन

रायगढ :- खरसिया विधान सभा के तारापुर ,औंराभाठा, सरडामाल बोकरामुड़ा, उसरौठ ,डुमरपाली, कछार आधा दर्जन से अधिक जगहों से बिंना स्वीकृति बालू के अवैध उत्खनन व बिना रायलटी के अवैध परिवहन के कारोबार के खिलाफ भाजपा नेता व जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष ने आंखे लाल कर ली है l छोटे छोटे ट्रेक्टर मालिको के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर अवैध वसूली से ब्यथित व नाराज भाजपा नेता ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के जरिये काँग्रेस के मंत्री विधायक व प्रसाशनिक अधिकारियों से सवाल पूछा है कि क्या जिले में कोई संविधान नाम की चीज नही है l बड़े पैमाने में बालू के अवैध कारोबार को आखिर किसका सरक्षण हासिल है l दिन दहाड़े नदी में पोकलेन लगाकर मांड नदी का सीना चीर कर बालू माफियाओ को किसी का भय नही l क्या सत्ता की संजीवनी खाकर माफिया अमर हो गए है l इस अवैध कारोबार को आखिर जिला प्रशासन देखना क्यो नही चाहता ? अवैध कारोबार पर कार्यवाही के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने वाले जिला प्रशासन के अधीन पुलिस प्रशासन व माइनिंग विभाग को इस मामले में सामने आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि इन अवैध घाटों से प्रतिदिन 200 डंपरों से अधिक बालू उत्खनन कर बिंना रॉयलटी पर्ची के परिवहन किसकी शह पर धडल्ले से किया जा रहा है l सत्ता में बैठे किन लोगों के रसूख के आगे प्रशासनिक अधिकारी नतमस्तक है l कार्यवाही के नाम पर छोटी मछलियों याने छोटे ट्रेक्टर मालिको को आये दिन कार्यवाही के नाम पर शिकार बनाया जा रहा है l उपर का आदेश है यह बताकर बालू परिवहन में लगे छोटे ट्रेक्टर मालिको को कार्यवाही का भय दिखाकर अवैध वसूली की जा रही है l आखिर उपर का यह आदेश डम्पर मालिको अथवा अवैध उत्खनन करने वालो पर लागू क्यो नही होता ? क्या बड़े रसूखदारों के अवैध कारोबार की कीमत छोटे ट्रेक्टर मालिको को चुकाना होगा l जो करोना और लाकडाउन की मार से बमुस्कील कई तरह के परेशानियों से जुझकर बमुस्कील 500/- 1000/- रूपये से ज्यादा कमा भी नही पाते हैं
जीसमे अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं जो बेचारो की मजबूरी है
ये सासनाधिषों से उलझ भी नहीं सकते क्योंकि ट्रेक्टर चलाकर जीवन यापन करने का चिंता भी सर पर ही है
सम्बंधित थाना क्षेत्र की पुलिस, ट्रैफिक विभाग व आरटीओ के कर्मचारी रसूखदारों के बड़े वाहनों पर कार्यवाही की बजाय छोटे ट्रेक्टर मालिकों पर कार्यवाही के नाम पर अवैध वसूली कर रहे है l थाना प्रभारी इस कार्यवाही को उपर का आदेश बता रहे है तो यह कार्यवाही सिर्फ ट्रेक्टर मालिको पर ही क्यो ? कार्यवाही का भय दिखाकर ट्रेक्टर मालिको से 5 हजार रुपये तक वसूल किये जा रहे है नही देने पर उनका चालान काट दिया जाता है l
जिला प्रशासन स्पष्ट करे कि आज तक कितनी बालू डंपरों पर कार्यवाही की गई l रसूखदारो पर कार्यवाही के नाम पर प्रशासन के हाथ पैर फूलने लगते है l पुलिस माइनिंग ट्रेफिक आरटीओ का अमला गूंगा बहरा बन कर कार्यवाही कर रहा है l इन विभागों से जुड़े कर्मचारी सीधे तौर पर यह स्वीकार करते है कि रसूखदार पर कार्यवाही से उनकी नौकरी चली जाऐगी l अवैध कारोबार में लगे सभी माफिया कांग्रेस से जुड़े नेताओ के रिश्तेदार अथवा खास कार्यकर्ता है l इनको बचाये रखने व टारगेट पूरा करने के लिए छोटे ट्रेक्टर मालिको को ही कार्यवाही का निशाना बनाया जाता है l नरेश पटेल ने भाजपा कार्यकाल का स्मरण कराते हुए कहा कि भाजपा कार्यकाल के दौरान जिला पंचायत में सामान्य प्रशासन की बैठक में 3 बार मा. ट्रैफिक डीसपी महोदय को सदन में बुलाकर व माइनिंग के अधिकारियों को यह स्पष्ट बता दिया गया था कि
बड़े वाहनों व ट्रेक्टर सभी पर समान रूप से कार्यवाही की जाए नहीं तो सिर्फ ट्रेक्टर वालो पर ही कार्यवाही नही किया जाए l उक्त बात की जानकारी आज वर्तमान में कांग्रेस के ही दो बिधायक महोदय जो तत्कालिक जिला पंचायत सदस्य थे वो प्रत्यक्ष गवाह भी हैं। इसका पालन भाजपा सरकार के दौरान किया गया l कभी भी कार्यवाही के नाम पर छोटे ट्रेक्टर मालिको को बेवजह परेशान नही किया गया l नदी के मध्य से पोकलेन लगाकर अवैध बालू निकालने वाले किसी भी रसूखदार पर माइनिंग विभाग ने कार्यवाही नही की है l निष्पक्ष कार्यवाही किये जाने से क्या माइनिंग विभाग के अधिकारियो को अपनी नोकरी का खतरा है तो उन्हें भी स्पष्ट करना चाहिए l
ट्रेक्टर वालो पर कार्यवाही के नाम पर वसूली कुछ सत्ता से जुड़े रसूखदारों के इशारों पर हो रही है तो अब यह मनमानी नही चलेगी l इस तरह भेदभाव की कार्यवाही जारी रही तो ट्रेक्टर मालिको द्वारा अवैध बालू के परिवहन करने वाले बड़े डंपरो को भी रोक कर उनके रायलटी पर्ची की जाँच की जावेगी l ऐसे में उत्पन्न विवाद की जवाबदारी पुलिस व माइनिंग विभाग की होगी l आक्रोशित नरेश पटेल अब ट्रेक्टर मालिको का नेतृत्व कर आर पार की लड़ाई लड़कर उनके साथ खड़े रहेंगे l अगर जरूरत पड़ी तो सड़क की इस लड़ाई में ट्रेक्टर मालिक अपनी अपनी वाहन ट्रैफिक थाने में या कलेक्ट्रेट के सामने खड़े कर रोजगार की मांग करेंगे l सत्ता से जुड़े रसूखदार यह स्मरण रखे कि सत्ता उनकी स्थाई बपौती नही है l जब बालू घाट को स्वीकृति नही मिली है तो वहाँ से बालू कैसा निकाला जा रहा है ? पर्दे के पीछे से माइनिंग विभाग की शह पर अवैध परिवहन से हो रहे करोड़ो रुपयों का राजस्व के नुकसान की भरपाई आखिर कौन करेगा ? आरटीओ ट्रेफिक पुलिस द्वारा डम्पर में बालू का अवैध कारोबार करने वाले रसूखदारों को खुली छूट दी गई है उनके लिए कोई कानून नही है l बाकायदा ट्रेफिक वाले नो एंट्री में उनके वाहनों को आवागमन की अनुमति देते है l क्या अवैध परिवहन करने वालो को नो एंट्री के दौरान परिवहन करने की छूट और टारगेट पुरा करने के लिए ट्रेक्टर के उपर ही कार्यवाही कितना उचित और न्यायसंगत है इसका जवाब भी जनता जानना चाहती है l ट्रेक्टर मालिको पर योजनाबद्ध तरीके से भेदभाव पुर्वक कार्यवाही का विरोध है l हक की लड़ाई के लिए सड़क पर ट्रेक्टर मालिको के साथ उग्र आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है तो बिरोध और आंदोलन के लिए सासन व प्रसासन खुद ही जिम्मेदार होंगें ।
निरिह, लाचार और जीवन यापन के लिए बिवस ट्रेक्टर वालो के उपर भेदभाव और दुर्भावना पुर्वक कार्यवाही ना की जाऐ यही सासन से मेरी मांग है और अपेक्षा भी है।

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