
पूर्व दिग्गज कांग्रेसी नेता लल्लू सिंह हुए आम आदमी के … आप प्रवेश के मायने …… क्षेत्र में है जाना पहचाना नाम और चेहरा ….आगामी विधान सभा में उड़ा सकते हैं भाजपा कांग्रेस की नींद …विरोध के बाद भी प्राप्त किया था सम्मान जनक आंकड़ा
रायगढ़ । कभी कांग्रेस की जान माने जाने वाले दिग्गज कांग्रेसी नेता ने सबसे पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था इसके बाद उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जाने लगी थी लेकिन उन्होंने एकाएक आप की टोपी पहनकर सबको चौंका दिया है। लल्लू सिंह एक जाना पहचाना नाम और चेहरा है किसान नेता के तौर पर मशहूर हैं।
कांग्रेस में उनकी अनदेखी खासतौर पर विधायक से छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपी हुई नहीं थी। यही वजह है कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर अब पूरी तरह से आप के हो लिए हैं। आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने से उनके चाहने वालों में जबरदस्त उत्साह है और आने वाले समय में लल्लू सिंह की सियासत क्या होगी यह तो गर्भ में हैं। लेकिन उनके आप में शामिल होने से सियासी समीकरण बदलने वाली है। उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने से आप के रायगढ़ प्रत्याशी होने की प्रबल संभावना बढ़ जाती है।
आगामी विधान सभा में लल्लू सिंह भाजपा और कांग्रेस दोनों पर भारी पड़ सकते हैं जीत हार का परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन चाहे भाजपा प्रत्याशी हो या कांग्रेस के प्रत्याशी दोनो की नींद उड़ाने के लिए लल्लू सिंह का नाम ही काफी है। लल्लू सिंह सिर्फ रायगढ़ विधान सभा तक ही सिमटे हुए नहीं है बल्कि उनका प्रभाव जिले के सभी विधान सभा क्षेत्र में हैं। रायगढ़ विधान सभा की बात करें तो क्षेत्र में उनकी पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत सदस्य चुनाव में एक बड़े कांग्रेसी नेता के विरोध के बावजूद अपनी बहु को मैदान में उतारा था और 9 हजार के लगभग मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस के एक बड़े नेता के द्वारा उनके प्रत्याशी का जबरदस्त विरोध किया गया था इसके बावजूद उन्होंने अपने दम पर एक सम्मानजनक आंकड़ा प्राप्त किया था इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में उनकी कितनी मजबूत पकड़ है।
अब वे जिस तरह आप पार्टी में शामिल हो गए हैं ऐसे में क्षेत्र में उनकी धाक कम नहीं आंकी जा सकती है। और वे अब स्वयं आप से विधायक के बड़े दावेदार के रूप में उभर कर सामने आएं है। उनके आप में शामिल होने से भले उनके विरोधी मुंह से कुछ न बोल पाएं लेकिन चुनावी मैदान में प्रभाव तो डालेंगे। हार जीत अलग बात है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के साथ भाजपा के लिए भी परेशानी का सबब तो बनेंगे। लल्लू सिंह भले ही कांग्रेस से दूरी बना लिया है लेकिन एक किसान नेता के रूप में उनकी साख बनी हुई है। उनका प्रभाव किसी एक क्षेत्र में सिमटा हुआ नहीं है बल्कि रायगढ़ विधान सभा सहित जिले के सभी विधान सभा में उनकी पकड़ बरकरार है। खासतौर पर कांग्रेस को लल्लू सिंह को कमतर आंकना उन पर भारी पड़ सकता है। उनके पास वोट बैंक का एक बड़ा जखीरा है जिसकी बदौलत किसी भी समीकरण को बनाने बिगाड़ने का दम रखते है। अगर देखा जाए तो लल्लू सिंह ने अपनी बहु को जिस तरह जिला पंचायत चुनाव में एक बड़े नेता के तमाम विरोध के बाद भी अगर 8 हजार का आंकड़ा खड़ा कर सकते हैं और 5/7 हजार वोट किसी भी समीकरण को बदलने के लिए पर्याप्त है।फिलहाल आने वाले समय में लल्लू सिंह का ऊंट किस करवट बैठेगा आने वाले समय में पता चलेगा।