
जहां सबसे ज्यादा प्रदूषण वही उद्योग विस्तार व स्थापना की अनुमति… प्रदूषित होने से रोकने होगा हर सम्भव प्रयास – बजरंग अग्रवाल….. अक्टूबर माह में होने वाले उद्योगों के जनसुनवाई की ईआईए रिपोर्ट का हो रहा अध्ययन …निरस्त कराने एनजीटी में होगा केस फाइल
क्षमता विस्तार व नए उद्योग की स्थापना के लिए होनी है जन सुनवाई
रायगढ़।
जिले में नए प्लांट और क्षमता विस्तार को लेकर 3 जन सुनवाई होनी है। इसे लेकर रायगढ़ पर्यावरण मित्र ने सरसरी तौर पर आरोप लगाया है कि जिस क्षेत्र में एनजीटी द्वारा नए उद्योग लगाने व विस्तार पर रोक लगा रखा है। यह क्षेत्र प्रदूषण के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इस क्षेत्र में एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र में औद्योगिक प्रदूषण खतरनाक स्तर को देखते हुए नए उद्योग व स्थापित उद्योगों के क्षमता विस्तार पर रोक लगा रखा है। इन्ही क्षेत्रों में उद्योग क्षमता विस्तार या नए उद्योग स्थापित करने की अनुशंसा या अनुमति देना समझ से परे है। पहले ही इसी क्षेत्र की वजह आस पास की आबोहवा भी बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल राज्य स्तर विशेषज्ञ आंकलन समिति के द्वारा 19-20, 20-21 और 21-22 में 30 उद्योगों की स्थापना व क्षमता विस्तार के आदेश दिए गए हैं। रायगढ़ पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट के तहत ग्रीन ट्रिब्यूनल में केस फाइल करेंगे और उद्योगों के विस्तारीकरण व नए उद्योग की स्थापना पर रोक लगवाएंगे।
पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल के द्वारा जिनकी जनसुनवाई होनी है उसकी रिपोर्ट का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। अक्टूबर माह में वैजरॉन इंडस्ट्रीज प्रा लि चीराइपानी, में एनआर व्ही एस स्टील, शाम्भवी गेरवानी की जनसुनवाई होनी है। पर्यावरण मित्र के द्वारा रिपोर्ट का अध्ययन के उपरांत आगे की रणनीति तय करने की बात कही गई है । अध्ययन के बाद दस्तावेज संकलित कर स्थापना व विस्तार को लेकर एनजीटी में जाएंगे। जिले की आबोहवा इस कदर प्रदूषित हो चुकी है कि जल जंगल जमीन मानव जीवन तक इसकी चपेट में हैं। 33 प्रतिशत ग्रीन बेल्ट भी महज कागजो पर ही शोभा बढ़ा रही है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर की एनओसी भी नहीं ली जा रही है। जिले में भूजल सम्पदा का अंधाधुंध दोहन औद्योगिक घरानों द्वारा किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सम्बंधित विभाग पेनाल्टी लगाकर जलकर वसूल कर सिर्फ राजस्व बढ़ा रहे हैं कई तो जलकर तक का भुगतान नहीं करते और माफी की अर्जी लगा देते हैं। बजरंग अग्रवाल ने कहा ईआइए रिपोर्ट का अध्ययन कर एनजीटी के केस फाइल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले को और प्रदूषित होने से रोकने के लिए वे हर सम्भव प्रयास करेंगे।