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मजबूत व सशक्त हाथों में था कोरिया का भविष्य…कलेक्टर धावड़े..प्रशानिक कसावट के साथ अमिट विकास..अब 130 स्कूल भी होंगे टॉपो-टॉप…

 

अनूप बड़ेरिया
कोरिया कलेक्टर श्यामलाल धावड़े के महज 6-7 माह के अल्प कार्यकाल के शानदार व मील के पत्थर की तरह अमिट कार्यो को देखकर   यदि यह कहा जाए कि कोरिया का भविष्य मजबूत एवं सशक्त हाथों में था तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा। लेकिन कोरिया जिले का यह बड़ा दुर्भाग्य है कि अब ऐसे संवेदनशील कलेक्टर का स्थानांतरण कर दिया गया है। जहां शासन की योजनाएं ग्रामीण अंचलों तक पहुंची और लोगों को इसका लाभ मिला तो वही शिविर लगाकर जिस प्रकार वन अधिकार पट्टा, जाति-निवास आदि प्रमाण पत्र लोगों के हाथों में बिना परेशानी के पहुंचे और इसी तरह प्रशासनिक कसावट इतनी कि लोगों को तहसील के चक्कर लगाने से राहत मिलने लगी। जिन दुर्गम स्थानों पर सड़क नहीं था, वहां यातायात सुलभ हुआ, चिकित्सा स्वास्थ्य इस तरह की बुनियादी सेवाओं में यादगार विस्तार हुआ। अब शैक्षणिक संस्थानों के उन्नयन के लिए संवेदनषील कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देषानुसार अब जिले के 130 षिक्षण संस्थानों का कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिए गत दिवस लगभग साढ़े तीन करोड़ रूपए  जारी किए गए हैं।
 जिले के कलेक्टर  धावड़े ने इन सभी विद्यालयों के उन्नयन कार्य आगामी एक माह में पूरी गुणवत्ता से पूर्ण कराने के निर्देष भी दिए हैं।
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीइओ कुणाल दुदावत ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के भवन मरम्मत योग्य पाए गए थे। दौरे के दौरान यह पाया गया कि जिले के कुछ शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय भवन मरम्मत योग्य हो गए हैं। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाकर राज्य द्वारा जिले को शिक्षा मद में प्राप्त राषि के साथ जिला खनिज न्यास मद की रकम का उपयोग करते हुए सभी 130 विद्यालयों के नवीनीकरण के लिए लगभग साढ़े तीन करोड़ रूपए जारी किए गए हैं।
          जिला पंचायत सीइओ ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि भरतपुर क्षेत्र के कुल 44 विद्यालयों को उन्नयन कार्य हेतु लिया गया है। जिनमें बेला, पूंजी, माड़ीसरई, बड़वाही, तितौली, फुलसर, गौधौरा, कुंवारपुर, भरतपुर, लरकोड़ा, कमर्जी, केसौड़ा, अक्तवार, बहरासी, जनुआ, देवगढ़, कोटाडोल, नेरूआ, खोहरा, खिरकी, धनौली, मसर्रा, दुधासी, बरौता, भगवानपुर, सिंगरौली, हरई, चरखर, नौढ़िया, डोंगरीटोला, पूजी, घघरा और कोटाडोल के प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय भवन हैं। यहां इन विद्यालयों के उन्नयन के लिए कुल एक करोड़ 13 लाख 83 हजार रूपए की प्रषासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी तरह बैकुण्ठपुर विकासखण्ड के 32 विद्यालयों को नवीनीकरण के लिए चयनित किया गया है। इनमें टेंगनी, खरवत, मनसुख, बुढ़ार, पोटेडांड, करहियाखांड, अंगा, पूटा, पटना, बिषुनपुर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कटोलीपारा, डुभापानी, कुड़ेली, सांवारांवा, तेंदुआ, सारा, मोदीपारा, बस्ती, कटकोना, जमगहना, छिंदिया, नगरपालिका चरचा का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सलवा, आमगांव के विद्यालय षामिल हैं। इन 32 विद्यालयों के उन्नयन के लिए 1 करोड़ 3 लाख रूपए से ज्यादा राषि स्वीकृत की गई है। खड़गंवा ़क्षेत्र के 23 विद्याालयों को नवीनीकरण में षामिल किया गया है जिनमें बड़कापारा, दुबछोला, सरईझरिया, टैडमा, मझौली, अखराडांड, कदरेवा, मेंड्रा, कोड़ा, बरदर, जरहाखुटा, आमाडांड, कटेलपारा, कोटेया, कोचका, छोटेकलुआ और सांवला के विद्यालय हैं। इनकी मरम्मत के लिए 31 लाख रूपए से ज्यादा की राषि प्रदान की गई है। मनेन्द्रगढ विकासखण्ड के 14 विद्यालय के लिए 41 लाख से ज्यादा राषि प्रदान की गई है इससे परसगढ़ी, बड़काबहरा, कछौड़, लालपुर, बरबसपुर, ढुलकु, केलहारी, पुरानी लेदरी, झगराखांड, खोंगापानी और पहाड़हंसवाही के विद्यालय षामिल हैं। वहीं सोनहत विकासखण्ड के 17 विद्यालयों में उन्नयन कार्य कराया जाएगा जिसके लिए 51 लाख रूपए से ज्यादा की राषि स्वीकृत की गई है। इस राषि से सोनहत, रजौली, गोयनी, चंदहा, दामुज, कचोहर, देवतीडांड, बेलिया, सुंदरपुर, कछाड़ी बसेर, कोठाडांड, तर्रा सेमरिया और अमृतपुर के विद्यालय षामिल हैं।

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