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सालों से प्रमोशन की बाट जोह रहे…पुलिस के जवान…बिना प्रमोशन ही रिटायर हो गए कई…परीक्षा पास व पात्र होने के बाद भी विभाग नही ले रहा सुध…IG ने कहा…

छग के सरगुजा रेंज सहित अनेक जिलों में पुलिस विभाग की नींव कहे जाने वाले आरक्षक और प्रधान आरक्षक आज सालों से प्रमोशन की राह तक रहें हैं। जबकि इसी विभाग में एएसआई व उसके ऊपर के पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति सूची समय-समय पर निकली जा रही है। कई कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल तो पथराई आंखों से प्रमोशन की राह देखते हुए नौकरी और कई तो दुनिया से ही रिटायर हो गए। इसके लिए पात्रता परीक्षा व पीपी कोर्स भी कर चुके कई पुलिस जवान भी कोरिया में प्रमोशन नही पा सके हैं।दरअसल पात्र होने के बाद भी कभी पदों की कमी तो कभी कोई अन्य वजह बताकर आरक्षकों को समय पर प्रधान आरक्षक पद पर प्रमोशन नहीं मिल रहा है। विभाग के नियमानुसार आठ साल की सेवा के बाद आरक्षक से प्रधान आरक्षक पद पर पदोन्नत कर दिया जाना चाहिए। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में 1981 बैच के कई आरक्षकों को भी अभी तक पदोन्नति का लाभ नही मिल पाया है।

विभाग में आरक्षकाें और अन्य पदों के लिए अलग-अलग पदोन्निति नियम बनाए गए हैं। सब इंस्पेक्टर से लेकर आईपीएस अफसर तक के प्रमोशन के लिए प्रदेश में एक ही वरिष्ठता सूची बनाई जाती है। लेकिन आरक्षकों व प्रधान आरक्षकों के मामले में जिले वार सूची बनती है। इसमें किस जिले में कितने पद रिक्त हैं, इसका ध्यान रखा जाता है। प्रदेश के विभिन्न थानों में 10 हजार से अधिक आरक्षक पदस्थ हैं। गृह विभाग के सब इंस्पेक्टर व अन्य बड़े पदों पर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों को नियमानुसार पदोन्नति दे रहा है, लेकिन आरक्षकों के प्रमोशन हर साल अटका दिए जाते हैं। लेट-लतीफी के कारण पदोन्नति से वंचित आरक्षक मानसिक तनाव झेल रहे हैं। इसके अलावा कम वेतन के रूप में आर्थिक हानि भी हो रही है।  अक्टूबर 2015 में जारी की गई आरक्षकों की प्रमोशन लिस्ट में अधिकांश ऐसे आरक्षक हैं, जो 1-2 वर्ष में ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। जब उन्होंने इस सम्बंध में उच्च अधिकारियों से बात की तो वह पद रिक्त न होने की बात कहकर टाल गए।

प्रधान आरक्षक के प्रमोशन के लिए आरक्षक का पांच साल का सेवाकाल पूरा होना चाहिए। इसके अलावा सेवाकाल के दौरान उसे मिले निंदा, इनाम और सजा का रिकॉर्ड भी देखा जाता है। अगर किसी आरक्षक को इनाम के बजाय सजा ज्यादा मिली होती है, तो उसके प्रमोशन में दिक्कत होती है। प्रमोशन में देरी के पीछे जिला भी एक महत्वपूर्ण कारण है। प्रदेश में कोरिया सहित कई जिले ऐसे हैं, जहां कोई पुलिसकर्मी रहना ही नहीं चाहता। कोरिया सहित कई जिले ऐसे हैं, जहां से प्रधान आरक्षक ट्रांसफर लेना नहीं चाहते। इन कारणों से भी प्रधान आरक्षक के पद रिक्त नहीं हो पाते हैं। हालांकि हाल ही में बिलासपुर रेंज के IG दीपांशु काबरा ने प्रधान आरक्षकों की प्रमोशन लिस्ट निकाली थी।

प्रमोशन लिस्ट में शामिल कई आरक्षक तो शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं। अब उन्हें प्रमोशन के बाद नए थानों में ड्यूटी ज्वाइन करने में दिक्कत आ रही है। 58 से 60 साल की उम्र पूरी कर चुके इन आरक्षकों को प्रमोशन होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। प्रदेश में हुए बीते वर्ष हड़ताल के बाद नई सरकार ने जल्द ही आरक्षकों को पदोन्नत करने की बात कह चुकी थी जिसके बाद अब तक इन्हें पदोन्नति नहीं दी गई। जिससे उनका मनोबल लगातार टूटता जा रहा है।

” IG सरगुजा रतनलाल डांगी ने PAGE-11 को बताया कि यहाँ की पदोन्नति का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है..इसलिए अभी कुछ नही किया जा सकता “

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