
स्कूलपारा कंटेटमेंट जोन…पुलिस सख्त..ये गलियाँ..ये चौबारा..यहां आना न दोबारा… सड़के हुई सूनी…जरूरत के सामानों की ट्रैफिक वाले कर रहे होम डिलेवरी… मगर सभी दुकानदार नही दे रहे सुविधा…दूध आने पर भी पाबन्दी…
बीते रविवार को कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के स्कूलपारा में एक छात्र के कोविड-19 की चपेट में आने के बाद पूरे मोहल्ले को कंटेटमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद मुख्य मार्ग के दोनों ओर बैरिकेट्स लगा दिए गए है। पुलिस की सख्ती के बाद अब मोहल्ले के लोगो की आवा-जाही पर रोक लगा दी गयी है। टोटल लॉक डाउन में मार्च के तीसरे हफ्ते से-अप्रैल-10 मई में पूरी तरह व्यवसाय के बन्द होने से मध्यमवर्गीय दुकानदारों की आर्थिक कमर बुरी कदर टूट चुकी है। अब कंटेटमेंट जोन घोषित होने के बाद से स्कूलपारा के जिन व्यापारियों की दुकानें बाजार व अन्यत्र है उन्हें जाने की अनुमति न मिलने से फिर बदहाली का दौर मंडरा रहा है।

कंटेटमेंट जोन में यदि मां शारदा प्रोविजन को छोड़ दिया जाए तो कोई भी किराना दुकानदार होम डिलेवरी नही दे रहा है। जिससे लोगो को परेशानी हो रही है। फल-सब्जी वाले भी बैरिकेट्स में आ कर रुक कर वहीं बुलाते हैं अन्दर आने पर उन्हें कोरोना का भय है। यही हाल मेडिकल सुविधा का है महामाया मेडिकल के अलावा और कोई मेडिसिन नही पहुंचा रहा है।
बैरिकेट्स की कड़ाई इतनी है कि दूधवाले को भी अंदर कॉलोनी में दूध नही लाने दे रहे हैं इसके लिए भी यदि आपके दूधवाले के पास मोबाइल है तो सूचना पर बैरिकेट्स तक आपको जाना होगा। कुल मिला कर कंटेटमेंट जोन घोषित होने के बाद स्कूलपारा के निवासियों को बड़ी ही विचित्र स्थिति से गुजरना करना पड़ रहा है… वह भी आखिर कब तक..?

बायपास की रोड गढ्ढे से भरी
स्कूलपारा के कंटेटमेंट जोन घोषित करने व NH-43 को बंद करने के बाद उपभोक्ता फोरम के बगल से खुटहन पारा होते हुए एसईसीएल जीएम ऑफिस मार्ग को बायपास बनाया गया है। इस मार्ग में जगह-जगह गड्ढे व अवैध ब्रेकरों की भरमार है, संकरी सड़क व दोनों ओर घनी बस्ती होने की वजह से सड़क हादसों की संभावना से भी इंकार नही किया जा सकता।