मुख्यमंत्री ने कहा शिक्षा के उज्जवल भविष्य की ओर बड़ा कदम
मर्रा में नये नवाचारों का शुभारंभ
दक्षिणापथ, दुर्ग। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के साथ ही अनेक नवाचारों की शुरूआत मर्रा उच्चतर माध्यमिक शाला से की।
डिजी दुनिया का शुभारंभ-
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट क्लास एवं स्मार्ट लैब का उद्घाटन मर्रा स्कूल में किया। प्रदेश के 4330 हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए डिजी दुनिया कार्यक्रम के अंतर्गत इसे आरंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट क्लास में पढ़ रहे बच्चों से पूछा, आपको कैसा लग रहा है? शुभम साहू ने बताया कि यह जादूई दुनिया जैसा लग रहा है। बहुत अच्छा लग रहा है। हेमा यदु से मुख्यमंत्री ने पूछा कि यहां क्या खास है? हेमा ने बताया कि ब्लैक बोर्ड से ज्यादा आनंद कंप्यूटर में आता है। आपने बहुत अच्छी चीज कर दी। निकिता से पूछा, इतनी सारी पढऩे की नई-नई चीजें आपके पास आई हैं। आपको कैसा लग रहा है? निकिता ने कहा, थैंक यू सर। ये सब बहुत अच्छा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नवाचारों को देखकर बहुत खुशी हो रही है। हम लोगों ने ब्लैकबोर्ड में पढ़ाई की, अब इन बच्चों की ऊंगलियां कीबोर्ड पर थिरक रही हैं। यह बदलाव देखना सुखद है।
टीम्स का शुभारंभ-
पेपरलेस वर्क के लिए टीम्स प्रोग्राम (टोटल एजुकेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम) का शुभारंभ भी मुख्यमंत्री ने किया। इससे स्कूल से संबंधित सभी जानकारियों का संग्रहण आसान हो जाएगा तथा मैनुअल वर्क घटेगा जिससे शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्वक कार्य करने के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने पहली कक्षा की बालिका पायल की एंट्री के साथ ही इस साफ्टवेयर में एंट्री का आरंभ किया।
मोबाइल एप दीक्षा की लांचिंग-
मुख्यमंत्री ने मोबाइल एप दीक्षा की लांचिंग भी की। उन्होंने क्यूआर कोड को स्कैन किया और पाठ्यपुस्तक एन्ड्राइड फोन में आ गया। इसमें छह स्थानीय बोलियों में भी पाठ्यपुस्तक के मटेरियल उपलब्ध हैं। कोई कुडुखभाषी हो अथवा सरगुजिहा बोलने वाला हो, इससे सबको मदद मिलेगी। मटेरियल मल्टीमीडिया के रूप में उपलब्ध है। वीडियो एवं आडियो के माध्यम से पाठ समझाने की कोशिश की गई है। रोचक बात यह है कि ये वीडियो शिक्षा विभाग के लोगों ने ही बनाये हैं। इसमें पात्रों की भूमिका, सूत्रधार की भूमिका और एंकर की भूमिका भी उन्होंने ही निभाई है।
एसएलए की प्रक्रिया निर्धारित प्रणाली के रूप में आत्मसात-
देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में वार्षिक परीक्षा के तौर पर कक्षा पहली से आठवी तक के विद्यार्थियों का राज्यस्तरीय मूल्यांकन किया गया। यह प्रक्रिया आज निर्धारित प्रक्रिया के रूप में आत्मसात की गई, इससे पूरी शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाई मिलेगी।