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उम्मीद, विश्वास और भरोसे का दूसरा नाम-शैलेष शिवहरे… भाजपा से टिकट के सबसे प्रबल दावेदार..दावेदारी की दौड़ में मचा दी है गदर..

 

अनूप बड़ेरिया
फिल्म अभिनेता सन्नी देओल की फिल्म गदर-2 जहां सुपरहिट होकर धूम मचा रही है ठीक उसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी से बैकुंठपुर विधानसभा सीट की दावेदारी कर रहे शैलेश शिवहरे ने भाजपा और कांग्रेस के अन्य दावेदारों को काफी पीछे छोड़ते हुए जमकर दावेदारी करते हुए राजनीतिक हलकों में गदर मचा दी है। भाजपा और कांग्रेस के जितने भी दावेदार अपनी-अपनी पार्टियों से इस विधानसभा से दावेदारी कर रहे हैं, उन्होंने इतना जनसंपर्क नहीं किया होगा, जितना बीजेपी के इस कद्दावर नेता ने शहर और गांव-गांव जाकर सघन जनसंपर्क किया है। हाल ही में 15 अगस्त के दिन शैलेश शिवहरे के जन्मदिन को उनके समर्थकों ने बैकुंठपुर शहर के अलावा विधानसभा के अनेक ग्रामीण अंचलों में इतनी धूमधाम से मनाया, जैसे मानो किसी सत्तारूढ़ दल के विधायक, मंत्री या सांसद का जन्मदिन हो। राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं के अनुसार भारतीय जनता पार्टी से इस बार उन्हें टिकट मिलने की आहट सुनाई दे रही है वैसे से भी पिछले तीन पंचवर्षीय से शैलेष शिवहरे लगातार दावेदार बने हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष शैलेष शिवहरे के नाम से कोरिया जिले के बच्चे, बूढ़े, युवा व महिला सहित ऐसा कोई शख्स नहीं होगा जो परिचित न हो। कोरिया जिले के बैकुंठपुर विधानसभा में शैलेष शिवहरे नाम के इस शख्स को शख्सियत बनने के पीछे बड़ी लंबी संघर्ष की गाथा है। कभी साप्ताहिक बाजारों व हाटों में फट्टा लगाकर चावल बेचने से लेकर कालरी में नौकरी करने से लेकर कड़ी मशक्कत भरा जीवन रहा है। युवावस्था से ही शैलेष शिवहरे ने जन सेवा का कार्य आरंभ कर दिया था। जन सेवा के जज्बे की वजह से उन्होंने अपनी कालरी की लाखों रुपए महीने की नौकरी छोड़कर राजनीति को माध्यम बनाकर लोगों की सेवा करना आरंभ किया। रिकॉर्ड तोड़ मतों से नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद शहर की हर छोटी-मोटी समस्याओं का निराकरण किया। शहर की सुंदरता में चार चांद लगे। भव्य पार्क विशाल काय शिव प्रतिमा जैसे अनेक सौगातें शहर के आकर्षण का केंद्र बने। इतना ही नहीं उनकी अनोखी पहल के रूप में मुक्तिधाम में नि:शुल्क लकड़ी उपलब्ध कराना जन चर्चा का विषय बनी रही। सबसे बड़ी बात नगर पालिका अध्यक्ष के पद में नहीं रहने के बावजूद भी शैलेश शिवहरे ने देवरहा बाबा समिति के माध्यम से आज भी मुक्ति धाम में नि:शुल्क लकड़ियां उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे उन्हें लोगों का साधुवाद उन्हें मिल रहा है। सामाजिक कार्यों के अलावा राजनीतिक क्षेत्र में भी उनकी कुशलता झलकती है।
2022 में नगरपालिका के चुनाव में भाजपा के कम पार्षद होने के बावजूद भी जिस प्रकार उन्होंने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती नविता शिवहरे को नगर पालिका का अध्यक्ष बनवाया, वह उनकी राजनीतिक कौशल की क्षमता को प्रदर्शित करता है। छल कपट से दूर रहने वाले निर्मल हृदय व सभी को साथ लेकर चलने वाले शैलेश शिवहरे ने बैकुंठपुर में एक अलग ही अलख जला रखी है। बैकुंठपुर में लगातार धार्मिक आयोजनों के अलावा दंगल, बहरूपिया प्रतियोगिता जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्होंने शहर की गरिमा को लगातार बनाए रखा है। आज शहर में लगातार जो भी धार्मिक आयोजन होते हैं उनके माध्यम कहीं ना कहीं शैलेश शिवहरे जरूर होते हैं। यही वजह है कि जनमानस में उनकी लोकप्रियता चरम सीमा पर बढ़ते जा रही है। छोटे हो या बड़े सभी को सम्मान देने एवं लोगों की मदद करने की वजह से शैलेष शिवहरे ने सभी के दिलों में अपनी जगह बना ली है। इसीलिए उनके समर्थक कहते हैं- क्या अमीर.. क्या गरीब.. शैलू भैया सबके करीब…। यही वजह है कि राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने शैलेष शिवहरे पर दांव खेला तो बैकुंठपुर शहर से ही 5 हजार से अधिक की उनकी लीड निश्चित रहेगी। जिस प्रकार उनकी लोकप्रियता और जनसंपर्क के माध्यम से पहुंचे गांव-गांव फैल चुकी है। गांव में दीवारों पर नारे और बैनर पोस्टर इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि पहले शिवहरे ने गांव-गांव में अपनी दस्तक बूथ स्तर पर दे दी है। निश्चित तौर पर यदि भारतीय जनता पार्टी उन्हें अपना प्रत्याशी बनती है तो इस सीट पर भाजपा एक बार फिर वापसी कर सकती है।

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