
कोरिया में मनरेगा में बेहतरीन सिस्टम… मजदूरों को स्पॉट पर ही भुगतान की सुविधा… अब नही लगाने पड़ेंगे बैंको के चक्कर…बैंक सखी…जिपं सीईओ तूलिका की पहल…
पहले मनरेगा के श्रमिकों को अपने खाते से मजदूरी की रकम निकालने के लिए अपना कार्य छोड़कर बैंक जाने में पूरे एक कार्यदिवस का नुकसान उठाना पड़ता था। साथ ही आने जाने में होने वाला खर्च, भोजन नास्ते का खर्च करने के साथ परेशानी भी उठानी पड़ती थी। लेकिन बैंक सखी के द्वारा उन्हें कार्यस्थल में ही यह सुविधा दिए जाने से मजदूरों को तिहरा लाभ मिल रहा है। कार्यस्थल पर ही मजदूरी राशि मिल जाने से बैंकिंग करने में उनके समय,पैसे का खर्च और परेशानी तीनो से बचत हो रही है। कोरिया जिले के दूरस्थ अंचलों में लेन-देन को सहज और सरल बना रही बैंक सखियाँ अब मनरेगा के कार्यस्थल पर ही मजदूरी भुगतान प्रारम्भ कर चुकी हैं। उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तूलिका प्रजापति ने बताया की जिले में 42 बैंक सखियाँ काम कर रही हैं। पहले यह पेंशन और अन्य हितलाभ गांव में बुजुर्गों,महिलाओं को नगद के रूप में खाते से उपलब्ध करवाती रही हैं। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी एस सिंहदेव जी के निर्देशानुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना और दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान को साथ जोड़कर ग्रामीण जनजीवन को सहूलियत प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। लाकडाउन के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में ग्रामीणों को सहूलियत देते हुए बैंक सखी और डीजीपे के माध्यम से क्लस्टर मुख्यालय में लेनदेन की सुविधाओं को शुरू किया गया था। इससे पूरे डेढ़ माह के दौरान 40 लाख रुपए से ज्यादा की रकम ग्रामीणों को उनके गांव में ही अपने खातों से उपलब्ध हुई थी। कलेक्टर कोरिया श्री डोमन सिंह के आदेश पर अब इसी दिशा में एक कदम और आगे बढ़कर बैंक सखियों द्वारा सीधे मनरेगा कार्यस्थल पर ही पंहुचकर श्रमिकों को उनकी खाते से मजदूरी राशि आहरित कर प्रदान करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। गत एक सप्ताह से जारी इस काम में मनेंद्रगढ़ एवं खड़गंवा जनपद पंचायत के ग्रामों में चल रहे मनरेगा कार्यस्थल पर सैकड़ों श्रमिकों को उनकी मांग अनुसार खाते से रकम निकालकर दी गई। गत दिवस मनेन्द्रगढ़ एवं खड़गंवा की दो बैंक सखियों ने अपने क्लस्टर क्षेत्र की पंचायत पहाड़हंसवाही और बंजारी डांड में जाकर मनरेगा के श्रमिकों को उनके खाते से रकम निकाल कर प्रदान की। मनरेगा कार्यस्थल पर बैंकिग की जानकारी देते हुए सीईओ तूलिका प्रजापति ने बताया की सभी वनांचल और सुदूर अंचलों में बैंकिंग एक कठिन समस्या के रूप में बनी हुई थी जिसका निदान अब बैंक सखी के रूप में स्थापित किया जा रहा है। आने वाले कुछ दिनों बाद ही मनरेगा मजदूरों और आम ग्रामीणों के लिए बैंकिंग को और आसान करने की दिशा में कई कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा की जल्द ही इस सुविधा का और विस्तार किया जाना है। बीते दिनों में एक बैंक सखी के माध्यम से हुए मनरेगा के मजदूरी भुगतान के बारे में उन्होंने आंकड़े देकर बताया की यह किस तरह प्रभावी और लाभकारी है। जिला सीईओ ने बताया की खड़गंवा के बंजारीडांड क्लस्टर में ही कार्यरत बैंक सखी सुश्री गीता सिंह ने 19 मई से ही कार्यस्थल पर जाकर 15 मजदूरों को 21हजार 900 रुपए का नगद भुगतान प्रारम्भ किया। इसके बाद उन्होंने 20 मई को उसने 5 श्रमिको को 38 सौ रुपए, 22 मई को 10 श्रमिको को 20 हजार रुपए तथा 23 मई को 6 श्रमिकों को 4 हजार रुपए का नगद भुगतान मनरेगा कार्यस्थल पर ही किया है। इसी तरह गत दिवस मनेन्द्रगढ़ जनपद पंचायत अन्तर्गत ग्राम पंचायत कछौड़ क्लस्टर की बैंक सखी सेमवती ने ग्राम पंचायत बड़का बहरा में प्रताप के भूमि समतलीकरण कार्यस्थल पर जाकर मनरेगा श्रमिक ललिता, प्रताप, नरबदिया, बृजलाल, सुमित्रा और संतलाल को उनकी मांग के अनुरूप कुल 9 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान खाते से निकाल कर प्रदान किया। सीईओ तूलिका ने बताया कि आधार आधारित खातों के संचालन के लिए केवल मजदूरों से उनकी खाता संख्या की जानकारी ली जाती है और उसके बाद अंगुलियों के निशान से खाते का संचालन किया जाता है। इस कार्य में सोशल डिस्टेंस और व्यक्तिगत सफाई पर विशेष ध्यान रखने के लिए बैंक सखी अपने साथ सेनेटाइजर भी लेकर जाती हैं। यह बहुत ही सरल और श्रमिकों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है।