कोरोना काल मे एक सच्चे कोरोना फाइटर की भूमिका अदा कर रहे डॉ. प्रिंस जायसवाल ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को बताया निराधार…कहा हर जिम्मेदारी पर उतरूंगा खरा…
कोरिया जिले में लगातार कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद के बावजूद भी आधी-आधी रात तक जानलेवा खतरे के बीच अपने जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने वाली स्वास्थ्य टीम का इन दिनों जिले के लोग जमकर अभिनंदन कर रहे हैं ।
इस दौरान जहां अपने बाल-बच्चे और घर परिवार को छोड़ इनकी चिंता किए बगैर इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा शासन के द्वारा दी गई जिम्मेदारियों का ये कोरोना योद्धा भरपूर निर्वहन कर रहे हैं । इन्ही कोरोना योद्धा के रूप में एक नाम स्वास्थ्य विभाग के जिला सलाहकार डॉ प्रिंस जायसवाल जिले ही नहीं अपितु जिलों के बाहर ही अपने कार्यों के लिए मशहूर रहें है। विगत 6 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग के जिला सलाहकार के पद पर रहने वाले डॉ जायसवाल के बारे में मशहूर है कि वे अपने कर्तव्यों के आगे किसी की नहीं सुनते और इसके लिए पूर्व के कलेक्टर सहित वर्तमान कलेक्टर डोमन सिंह के द्वारा भी उनका सराहना होती रही है। चिरमिरी जिले के सबसे हॉट जोन में रहने के बावजूद गंभीर अवस्था में डेढ़ माह पूर्व चिरमिरी क्षेत्र की जिम्मेदारी डॉ. प्रिंस जायसवाल को दी तो उन्होंने इसे चैलेंज के रूप लेकर बखूबी कोरिया कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामेश्वर शर्मा के द्वारा दी गई जिम्मेदारियों का निर्वाहन किया। इस संबंध में दोनों ही अधिकारियों ने उनकी जमकर प्रशंसा की है । कोरिया कलेक्टर का कहना है कि संक्रमण के दौर में जिले का स्वास्थ्य विभाग जिस तरीके से चिरमिरी में संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्य किया वह प्रशंसनीय एवं सराहनीय है ।
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दूसरी ओर अपने अड़ियल रवैया के कारण मशहूर रहे डॉ जायसवाल ने सोशल मीडिया में चल रही अटकलों पर उन्होंने कहा कि जो अफवाह मेरे सम्बन्ध में फैलाई जा रही है वह निराधार है। बताया जाता है कि चिरमिरी क्षेत्र में सैम्पल संग्रहण टीम में डॉ. श्रेष्ठ मिश्रा और रंजीत कुमार की ड्यूटी थी। इसी प्रकार सभी जिम्मेदारी अलग-अलग तय की गई थी। इसलिए डॉ. प्रिंस पर सैम्पल लेने में देरी करने का आरोप भी निराधार ही लगता है।
डॉ. प्रिंस ने बताया कि चिरमिरी में स्थिति अब नियंत्रण में है इसलिए मुझे अपने मूल कार्य पर विभाग ने बुला लिया है कोरोना के दौरान चिरमिरी का मुझे अतिरिक्त प्रभार विषम परिस्थितियों को देखते हुए दिया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मुझे अपने कार्यों के निष्पादन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का सहयोग मिला उसी कारण हमने कोरोना के नियंत्रण को क्षेत्र में प्रभावी रूप से लागू करने में सफलता प्राप्त की । इसके लिए उन्होंने साफ कहा कि मैं अपने साथ अपनी पूरी टीम और जिला प्रशासन से मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं । उन्होंने कहा कि आगे भी यदि जिले में कहीं पर भी विषम परिस्थितियां आती है तो मुझे विभाग द्वारा जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी उसका निर्वाहन बखूबी करूंगा । आपको बता दें कि एक कोरोना योद्धा के रूप में जिले में निकले 7 पॉजीटिव केस में 6 में डॉ. प्रिंस पहुंच कर पीपीई किट पहन लगातार 8-10 घण्टे अपनी टीम के साथ मरीज को कोविड -19 हॉस्पिटल अम्बिकापुर में शिफ्ट कराने में डटे रहे।