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हे कोरोना..! नही सुधर रही क्वारेंटीन सेंटरों की व्यवस्था… घण्टो के इंतजार के बाद मिल रहा खाना वो भी अधपका…सही मानेटरिंग न होने से निचले कर्मचारी कर रहे मनमानी…

छग सहित कोरिया जिले के अनेकों क्वारेंटीन सेंटरो में व्यवस्था है कि सुधरने का नाम नही ले रही है। अभी सोशल मीडिया के हवाले से पता चला कि मुंगेली जिला के लोरमी के एक क्वारेंटीन सेंटर में बदबूदार खाना मिलने का आरोप लगाते हुए उसे फेंक दिया।
अब कोरिया जिले के खोंगापानी वार्ड नं 01 कोल दफाई कण्टेन्मेंट जोन अन्तर्गत क्वारेंटीन सेंटर में
पिछले दो दिनों से कच्चा चावल खाने में दिया जा रहा है, जिसे लोग तबियत खराब होने के डर से नहीं खा रहें है। आधे से ज्यादा लोगो ने एकाध कौर खाते ही पूरा खाना पत्तल मे ही छोड़ दे रहे हैं। यही वह सेंटर है जहाँ से एक  कोरोना मरीज की पुष्टि हुई है जिसे तत्काल अम्बिकापुर भेज दिया गया था। ऐसे में ड्यूटी में लगे कर्मचारियों द्वारा शेष व्यक्तियों के साथ इस प्रकार का अमानवीय कृत्य की श्रेणी में आता है। इस क्वारेंटीन सेंटर मेंं दो वर्ष का एक
मासूम भी है।
इसी प्रकार बैकुण्ठपुर के गेज नदी स्थित कृषि महाविद्यालय को बाहर से आए मजदूरों का स्टॉपेज सेंटर बनाया गया है। यहां सभी को रोक कर उन्हें गृह क्षेत्र के क्वारेंटीन सेंटर भेजा जाता है। कई बार प्रवासियों को बस की व्यवस्था न होने से एक दिन से ज्यादा रुकना पड़ रहा है। लेकिन उन्हें शाम 7 बजे भोजन के बाद सुबह 10 बजे लाल चाय व दोपहर 3 बजे दाल-चावल और चटनी पन्नी में डाल कर दी जाती है। तब तक बड़ो के साथ छोटे मासूम बच्चे भी भूखे रहतें हैं। जबकि बच्चों को दूध देने का भी प्रावधान है। परंतु जिम्मेदार अधिकारियों की सतत मानिटरिंग के अभाव में निचले स्तर के कर्मचारी इस कदर मनमानी व गैरजिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं मानो भोजन व नास्ते का पैसा वह अपनी जेब से रहे हों या देर से ही सही भोजन भले खाने योग्य न हो देकर एहसान कर रहे हैं…हे कोरोना..

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