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शहरी क्षेत्र के क्वारेंटीन सेंटरों में व्यवस्था शानदार.. पनीर,अंडा से ले कर समोसा आलूचाप भी…IG भी दिखे सन्तुष्ट.. लेकिन..ग्रामीण अंचलों में भारी सुधार की आवश्यकता…

कोरोना वायरस के प्रसार के कारण उपजी इस महामारी के दौर में छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर गये नागरिक अब अपने घरों को लौट रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोग संकट की इस घड़ी में अपने गांव-घर की ओर वापस आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के सांभव्य प्रसार को रोकने के लिए सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के परिपालन में सभी वापस आने वाले लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से क्वारंटाइन किया जा रहा है।


कोरिया जिले में कोरोना संक्रमण के संभाव्य प्रसार की रोकथाम के लिए जिले को लौटने वाले नागरिकों को क्वारंटाइन करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकायों में कुल 1172 क्वारंटाइन सेंटर तैयार किये गये हैं। जिनकी कुल क्षमता 11 हजार से अधिक है। वर्तमान में जिले में 1959 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। कुल 527 लोग क्वारंटाइन अवधि पूरी कर चुके हैं। शासन के निर्देशों का पालन करते हुए कोरिया जिले में योजना के साथ नगरीय निकायों को लौटने वाले लोगों को नगरीय क्षेत्र में बने क्वारंटाइन सेंटर में तथा गांव को आने वाले लोगों को ग्राम स्तर पर बने क्वारंटाइन सेंटर में ठहराया जा रहा है।
राज्य शासन एवं कलेक्टर कोरिया के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा क्वारंटाइन सेंटरों में ठहरे लोगों को घर जैसा माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है। क्वारंटाइन सेंटरों में आने वाले सभी लोगों को सबसे पहले कोरोना वायरस एवं इससे बचाव की जानकारी क्वारंटाइन प्रभारी द्वारा दी जाती है जिसमें सोशल डिस्टेसिंग, बार-बार हाथ धोने एवं मास्क पहनने की जानकारी देना शामिल है। कोरोना वायरस से बचाव से संबंधित नियमों के पालन के भी तमाम इंतजाम भी जिले के सभी क्वारंटाइन सेंटरों में किये गये है।

नगरी निकाय के क्वारेंटाइन सेंटरों में रुके हुए प्रवासियों को नाश्ते में समोसा, आलू चाप के अलावा खाने में पनीर और अंडे जैसे व्यंजन मिल रहे हैं। आज सरगुजा रेंज के आईजी रतन लाल डांगी भी सेंट जेवियर्स स्कूल के क्वारेंटाइन सेंटर का जायजा लेने पहुंचे और वह सारी व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए।
बैकुण्ठपुर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि यहां भोजन की व्यवस्था बढ़िया रखी गई है। समय सारणी तैयार की गई है जिसके अनुरूप नाश्ता एवं भोजन दिया जाता है। इस दौरान प्रभारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भोजन की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। मौसमी सब्जियों के साथ मौसमी फलों का भी लुत्फ उठा पा रहे हैं। जिले के समस्त क्वारंटाइन सेंटरों में ठहरे लोगों के के भोजन एवं रहने की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। भोजन के बाद उपयोग किये गये डिस्पोजेबल सामग्री का डीप बरियल विधि से निष्पादन किया जाता है। क्वारंटाइन सेंटर में रहने की व्यवस्था के लिए भी सोशल डिस्टेसिंग का पूरा पालन किया गया है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से महिलाओं एवं बुजुर्गों को पृथक रखने का प्रबंध भी किया गया है। जिला प्रशासन का हरदम यही प्रयास है कि इस कठिन समय में लोगों को किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
अन्य प्रदेश से जिले में वापस आये लोगों की चिकित्सकीय जांच के लिए क्वारंटाइन सेंटरों में स्वास्थ्य विभाग अमला मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहा है। समय-समय पर लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। ताकि स्वास्थ्य से संबंधी कोई समस्या ना हो। विद्युत, पेयजल, निस्तारी हेतु जल आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रतिदिन इन सेंटरों की साफ-सफाई कराकर सेनिटाइज भी कराया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए कोविड-19 से बचाव के नियमो का पालन करते हुए वे खुशी खुशी क्वारंटाइन अवधि पूरी कर रहे है।

लेकिन ग्रामीण अंचलों के आंगनबाड़ी जनपद पंचायत या सामुदायिक भावनाओं में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में अभी भी हालत सुधरे नहीं है समय से भोजन ना मिलने, कच्चा भोजन मिलने के अलावा शौचालयों की साफ-सफाई आदि की समस्या बनी हुई है।

 

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