आस्था के केंद्र कुदरगढ़ में प्राकृतिक कहर…भारी बारिश से हुआ तहस नहस…
सूरजपुर से मुकेश गर्ग
सूरजपुर जिले के आस्था का केन्द्र कुदरगढ़ धाम में आज गरज के साथ बारिश आंधी तुफान व बादल फटने से हुए भू-स्खलन के कारण भारी तबाही हो गई. आज तडके एकाएक तेज बारिश होने से पहाड़ से बड़ी चट्टानें टूटकर नीचे गिर गई. जिससें दर्शन करने के लिए उपर जाने वाली सीढीयों पर से तेज बहाव के साथ नीचें मलबा, बडी-बडी चट्टानें गिर जानें से चार दिवारी टूट गई. कोरोना के कारण दर्शनार्थी वहां मौजुद नही होने के कारण बडी घटना टल गई. उल्लेखनीय है कि जिलें के सूप्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल कुदरगढ धाम जहाँ माता कुदरगढी विराजमान हैं जहां प्रतिवर्ष नवरात्रि के मेले में लाखों लोगो की भीड़ उमडती है.
जहां प्रतिदिन भी माॅ कुदरगढी के दर्शन के लिए हजारों लोग पहुॅचतें है.प्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश झारखण्ड़, बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रांतो के लोग यहा दर्शनों के लिए पहुॅचतें है. गत कुछ वर्षो से जिला प्रशासन के द्वारा यहां विकास के कार्य कराये जा रहें है. पिछली सरकार के दौरान यहां रोपवे लगानें की भी स्वीकृती हुइ थी. जो अब पूर्ण होने वाली है. प्रतिवर्ष कुदरगढ महोत्सव भी यहां किया जाता है. आज भारी बारिश के चलते भू-स्खलन हुआ, पहाड़ी से बडे-बडे शिला पानी के तेज बहाव से नीचे की ओर सीढियों को नुकसान पहुंचाते हुये मुख्य द्वार के गेट व मुख्य द्वार के सामने सुस्जीत वाटिका एवं दिवाल को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया साथ ही पुरे प्रांगण मे मलबा भर गया. भारी भू-स्खलन के बाद उतरनें एवं चढनें वाली सीढीयों को कोई नुकसान नही हुआ तथा माॅ कुदरगढी का दरबार भी पूर्णतः सूरक्षित है. परन्तु कोरोना के कारण राहत की बात यह रही की कोई हताहत नहीं हुआ. इस घटना के बाद से वन विभाग एवं कुदरगढ ट्रस्ट के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुॅचकर नुकसान का जायजा लिया.