
प्रिंसिपल की दादागिरी…लॉक डाउन और कंटेन्मेंट अवधि के बावजूद अनुपस्थिति का महिला शिक्षकों को थमा दिया नोटिस… खुद एडमिशन और टीसी के नाम कर रहे वसूली…!
कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड अंतर्गत बिशुनपुर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचार्य जेएल रात्रे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमानी तरीके से ताकि आदेशों को दरकिनार करते हुए लॉक डाउन और कंटेनमेंट जोन अवधि के बावजूद अपने विद्यालय की कई महिला शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। जबकि शासन द्वारा आप आदेश जारी किया गया है कि 30 सितंबर तक स्कूल बंद रखा जाएगा। एडमिशन प्रक्रिया कक्षा ग्यारहवीं को छोड़कर 15 अगस्त तक पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन इस अजीबोगरीब प्रिंसिपल ने 28 अगस्त को स्कूल की 9 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रिंसिपल ने नोटिस में टीचरों को 4 से 6 अगस्त को अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप लगाया है। जबकि इस अवधि में बैकुंठपुर में कोरोना की वजह पूरी तरह कंटेनमेंट जोन बना दिया गया था। इतना ही नहीं लगातार ऑन लाइन क्लास लेने के बाद भी और 7 से 15 अगस्त तक स्कूल में उपस्थित होकर विद्यालय का कार्य करने के बाद भी प्रिंसिपल द्वारा टीचरों को स्कूल में रोज उपस्थित न होने पर सेलरी काटने की धमकी भी दी जाती है। इतना ही नहीं कई पालकों के साथ टीचरों ने भी प्रिंसिपल पर आरोप लगाया कि कोरोना अवधि में में निशुल्क एडमिशन की जगह फीस ली जा रही है, इतना ही नहीं टीसी काटने के नाम पर देश के 140 ₹ जा रहा है। सबसे हैरानी की बात यह है कि बीते माह अगस्त में ही टीचरों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से निकली थी लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। जिसके बाद टीचरों ने इसकी शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, संचालक, कमिश्नर, कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को भी की है।
जब इस सम्बंध में जानकारी लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुप्ता को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नही किया व प्राचार्य जेएल रात्रे के पुत्र ने फोन उठा कर पिता के व्यस्त होने का हवाला देकर फिलहाल बात कराने में असमर्थता जाहिर की।
समाचार प्रकाशन होने के बाद प्राचार्य जेएल रात्रे ने page-11 को फोन कर बताया कि 4 अगस्त से एडमिशन प्रक्रिया जारी थी। जो टीचर कंटेनमेंट जोन में फंसे हैं उन्हें इसकी जानकारी देने की जानकारी नहीं देने के अभाव में उन्हें अनुपस्थित होने की वजह से नोटिस जारी किया गया था। वहीं उन्होंने बताया कि टीसी काटने की एवज में जो 140 रुपये लिया जा रहा है। उसमें 110 ₹ माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजा जाता है और बाकी टीसी, चरित्र प्रमाण पत्र, रसीद बुक की छपाई का व्यय होता है। यह शुल्क सभी स्कूलों में लिया जाता है। मैं शासन के निर्देशों का पालन कर रहा हूं।