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अब मृतक कोयला मजदूरो के विवाहित पुत्री को भी कॉलरी में मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति…हिंद मजदूर सभा के अख्तर जावेद का प्रयास लाया रंग..

अनूप बड़ेरिया

कोल इंडिया के द्वारा वर्तमान में मृत मजदूर के पुत्रों को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान था जिसको चुनौती देते हुए कोल् इंडिया सेफ्टी कमेटी के सदस्य एवं हिन्द मजदूर सभा के हसदेव क्षेत्र के महामंत्री अख्तर जावेद उस्मानी द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यालय में याचिका दायर करते हुए निर्णय दिया गया मामला वेस्ट झगराखांड कालरी मे कार्यरत स्व. सुकुल राम पिता स्व. दद्दी कोल का सेवाकाल मे देहान्त हो जाने से उनके परिवार के सामने अंधेरा छा गया। कालरी प्रबंधन ने उनकी आश्रित विवाहित पुत्री श्रीमति नंदा को नौकरी देने से इंकार कर दिया था। इंकार का आधार मात्र ये था श्रीमति नंदा का विवाहित होना। कालरी प्रबंधन के इस आदेश से ब्यथित हो हिन्द मजदूर सभा के सहयोग से श्रीमति रतनी देवी पत्नी स्व० सुकुल राम एंव श्रीमति नंदा पुत्री स्व० सुकुल राम ने माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के समक्ष २०१८ मे रिट याचिका दायर कर न्याय की गुहार की थी। जिस पर माननीय न्यायालय ने दिनांक १७/९/२०२० को आदेश पारित कर साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को श्रीमति नंदा को नौकरी प्रदान करने के लिये निर्देशित किया है। माननीय न्यायालय ने अनुकंपा नियुक्ति की शर्तों को पूरा करने पर विवाहिता और अविवाहित पुत्री मे भेद न करने को स्पष्ट किया है। इस निर्णय से एक आदिवासी महिला को न्याय मिला है जो कोयला मजदूरों के देश की न्याय व्यवस्था मे विश्वास को और दृढ़ करने वाला है।

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