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बड़ी खबर::1959 के पूर्व से काबिज मनेन्द्रगढ़ के नजूल कब्जाधारियों को मिलेगा स्थायित्व का पट्टा… कलेक्टर ने राज्य शासन को लिखा पत्र…विधायक की पहल…

अनूप बड़ेरिया

 कोरिया जिले से मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ विनय जायसवाल की पहल के पश्चात 1952-53 से 9 जून की जमीन पर काबिज नगर वासियों को जल्दी स्थायित्व का पट्टा मिलने की संभावना है। इसके लिए जिला कलेक्टर सत्यनारायण राठौर ने छत्तीसगढ़ राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव को पत्र लिखकर कब्जा धारियों को भूस्वामी कहां देने की अनुमति मांगी है।

 इस संदर्भ में जिला कलक्टर ने अपने पत्र में उल्लेखित किया है कि कृपया संदर्भित पत्र का अवलोकन करने का कष्ट करें उपरोक्त पत्र के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, शासकीय भूमि के आबंटन एवं वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण / वसूली प्रक्रिया के संबंध में निर्देश प्रसारित किये गये हैं । उक्त संदर्भ में लेख है कि नगर मनेन्द्रगढ़ बाजारपारा एवं अन्य स्थानों पर पूर्व में मालगुजार द्वारा नजूल भूमि पर नगरवासियों द्वारा किये गये कब्जे के आधार पर वर्ष 1952-53 में 486 कब्जेदारों के नाम दर्ज हैं । कब्जेदारों से आवेदन प्राप्त होने पर शासन के नियमानुसार व्यवस्थापन किया जाना है, जिसके जांच कार्य में पाया गया कि, उक्त कब्जेदारों के पास नजूल संधारण खसरा के अतिरिक्त अन्य अभिलेख नहीं है । कब्जेदारों का कहना है कि,रियासतकाल में लोगों के कब्जे के आधार पर अभिलेखों में भूमि दर्ज करवाई गई थी। उक्त कब्जे की भूमियों पर आज आवासीय/ व्यावसायिक आदि निर्माण कर काबिज हैं। नजूल संधारण खसरा के अतिरिक्त अन्य अभिलेख तथा पट्टा आदि नहीं होने के कारण नवीनीकरण का कार्य तथा संदर्भित पत्र अनुसार व्यवस्थापन/स्थाई पट्टों का भूमिस्वामी हक प्रदाय करने की प्रक्रिया में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पा रही है ।

उपरोक्त निर्देश के परिप्रेक्ष्य में नज़ूल अधिकारी, मनेन्द्रगढ़ जिला कोरिया (छ0ग0) के पत्र दिनांक 16.09.2020 के अनुसार नगर मनेन्द्रगढ़ में स्थित नजूल भूमि के संबंध में निम्नानुसार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है :-

1. ग्राम मनेन्द्रगढ़ के मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1944- 45 एवं अधिकार अभिलेख वर्ष 1954-55 के अनुसार खसरा क्रमांक 143 रकबा 113.57 एकड़ आबादी मद में अंकित है।
2. कोरिया रियासत के समय उपरोक्त भूमि खसरा क्रमांक 143 रकबा 113.57 एकड के कब्जेधारियों के सम्बन्ध में जिला अभिलेखागार में उपलब्ध वर्ष 1943-44 से वर्ष 1947-48 तक नगर मनेन्द्रगढ के कोरिया स्टेट भूखण्ड एवं मकान के किराया का किश्तबन्दी खतौनी रजिस्टर में अंकित कुल कब्जेदारों की संख्या निम्नानुसार है :-

1943-44 कुल  478
1944-45 कुल 477
1945-46 कुल 461
1946-47 कुल 458
1947-48 कुल 473

3. वर्ष 1952-53 में पहली बार नगर मनेन्द्रगढ़ के नजूल संधारण खसरा तैयार किया गया। उक्त नजूल संधारण खसरे अनुसार आंतरिक नजूल में
कुल 486 तथा बाह्य नजूल में कुल 186 कब्जेदारों के नाम अंकित किया गया। उपरोक्त नजूल संधारण खसरा, क्षेत्रफल तथा कब्जेदारों का नाम कोरिया स्टेट भूखण्ड एवं मकान के किराया के लिये तैयार किये गये, किश्तबन्दी खतौनी रजिस्टर वर्ष 1947-48 के अनुसार अंकित किया गया है।
4. जिला अभिलेखागार में उपलब्ध नगर मनेन्द्रगढ़ के नजूल संधारण खसरा वर्ष 1953-54 से 1956-57 में कुल 627 कब्जेदारों के नाम अंकित हैं तथा उपरोक्त 627 कब्जेदारों में से किसी भी कब्जेदार के पास कोई पट्टा विलेख नहीं है। उक्त भूखण्डों को किसी को पट्टे में प्रदाय किये जाने के संबंध में कोई भी प्रकरण, पंजी या अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं है
5. जिला अभिलेखागार में उपलब्ध वर्ष 1969 70 से 1972-73 तक नगर मनेन्द्रगढ़ के नजूल संधारण खसरा में कुल 740 कब्जेदारों के नाम अंकित है।

6. तत्कालीन सरगुजा कलेक्टर के अम्बिकापुर दिनांक 8/8/91 में जारी निर्देशानुसार यह मानते हुए कि. 578 नजूल भूखण्ड जो कि 1945-46 में लीज में प्राप्त भूमि है, उक्त 578 नजूल भूखण्ड की लीज समाप्ति अवधि 1975 अंकित किया जाना निर्देशित किया गया है, जबकि लीज का कोई भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है और न ही लीज विलेख उप पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत कराई गयी है, फिर भी लीज में प्राप्त भूमि मानकर लीज समाप्ति अवधि 31/03/1975 दर्ज करने हेतु निर्देशित किया गया है। उपरोक्त पत्र के संबंध में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक द्वारा संधारण खसरा के कालम 8 जिसमें पट्टा समाप्ति की अवधि रहती है पर 31.03.1975 अंकित कर दिया गया है।

7. कार्यालय राजस्व निरीक्षक नजुल मनेन्द्रगढ़ में संघारित लीज स्वीकृत रजिस्टर में शासन द्वारा जारी 62 लीजघारियों का नाम अंकित है ।
৪. कार्यालय राजस्व निरीक्षक नजूल मनेन्द्रगढ़ में उपलब्ध प्रचलित वर्तमान संधारण खसरा वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक आंतरिक नजूल में कुल 892 तथा बाह्य नजूल में कुल 198 कब्जेदार/ स्थाई पट्टेदारों का नाम अंकित है।
9. तहसील कार्यालय एवं जिला अभिलेखागार में नजूल मनेन्द्रगढ़ का नक्शा उपलब्ध नहीं है, न ही नजूल मनेन्द्रगढ़ के पृथक सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त
होने का कोई प्रमाण है । वर्तमान में नजरी नक्शा के आधार पर सामान्य कार्य किया जा रहा है।
पत्र क्रमांक 1744/ स. अ.भू. अ./ 91
उपरोक्तानुसार नगर मनेन्द्रगढ में स्थित नजूल भूमि पर कब्जेदारों में से कार्यालय में वर्ष 1960 के पूर्व किसी भी भू-खण्ड दको पट्टे में प्रदाय किये जाने के संबंध में कोई प्रकरण, पंजी या अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। भू-खण्ड के कय विकय, बटांकन तथा प्रकरणों के नवीनीकरण की कार्यवाही
होने से वर्तमान वर्ष 2018 -19 से 2020-21 में नजूल खातों में वृद्धि हुई है। चूँकि नजूल संधारण खसरे का निर्माण 1952-53 में किया गया था तथा कब्जाधारियों का नाम नजूल संधारण खसरे में दर्ज चला आ रहा है। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर वर्तमान में नजूल पट्टे के नवीनीकरण कार्य संभव नहीं हो पा रही है और न ही उपरोक्त खातेदारों को भूमिस्वामी/अतिक्रामक माना जा सकता है । उपरोक्त समस्या के निराकरण हेतु शासन स्तर पर निम्नानुसार निर्देश / मार्गदर्शन की आवश्यकता है :-
1. नजूल संधारण खसरा के कालम क्रमांक 6 में जिन खातेदारों का नाम वर्ष 1954-55 के पूर्व अंकित है, क्या उन्हें भूमिस्वामी माना जावे ?
2. नजूल संधारण खसरा में वर्ष 1992 के पश्चात पट्टे की समाप्ति की अवधि 31.03.1975 अंकित करने के बाद की परिस्थिति में क्या उन्हें नजूल
पट्टाधारी माना जावे, जबकि उनमें से किसी को नजूल पट्टा जारी नहीं किया गया है ?

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