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न्यायाधीश की सजा से भृत्य हुआ बेहोश, न्यायाधीश स्मिता रत्नावत को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े न्यायालयीन कर्मचारी

अधिवक्ता संघ भी हुआ खिलाफ

दक्षिणापथ.दुर्ग। जिला न्यायालय की एडीजे सुश्री स्मिता रत्नावत को अपने बंगले में डयूटी करने से भृत्य का इंकार करना इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने तत्काल भृत्य के लिए सजा का एलान कर दिया। सजा के रूप में सुबह से कोर्ट में खड़ा भृत्य शाम को बेसुध होकर आखिर गिर पड़ा और मुंह स झाग भी निकलने लगा। इस घटना से अन्य न्यायालयीन कर्मियों में गहरा रोष व्याप्त हो गया और न्यायधीश की बर्खास्तगी की मांग पर अड़ गए है। विरोध में कर्मियों ने शनिवार को आयोजित होने वाले विधिक सेवा शिविर के बहिष्कार की चेतावनी भी दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक अपने बंगले में ड्यूटी करने से मना करना एडीजे को नागवार गुजरा और उसने भृत्य को सुबह 10.30 बजे से कोर्ट के बाहर खड़े रहने की सजा दी. इससे 40 वर्षीय भृत्य सदानंद यादव शाम लगभग पौने 5 बजे चक्कर खाकर गिर पड़ा. गिरते ही वह बेहोश हो गया. उसे कर्मियों ने तुरंत सवारी आटो वाहन से जिला अस्पताल पहुंचा कर भर्ती कराया. इस घटना से न्यायालय के द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों में नाराजगी व्याप्त हो गई. वे विरोध स्वरूप गेट पर धरना के रूप में बैठकर नारेबाजी किए. लगभग 2 घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ता संघ ने भरपूर समर्थन किया. लगभग डेढ़ घंटे बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शिकायत पत्र लेकर उसके सभी कर्मियों का हस्ताक्षर लेकर एडीजे के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करने का आश्वासन दिया. शाम लगभग पौने पांच बजे से चला घटनाक्रम रात 7.15 बजे तक चला.


न्यायालय में ही सीजेएम से स्थानांतरण होकर एडीजे बनी सुश्री स्मिता रत्नावत की कोर्ट में भृत्य के पद पर सदानंद यादव (40) निवासी गयानगर पदस्थ है. शुक्रवार की सुबह एडीजे भत्य से नाराज होकर उसे कोर्ट के सामने सुबह 10.30 बजे से ही खड़ा रहने की सजा सुना दी. सुबह से शाम तक एक ही स्थिति में खड़े सदानंद की तबियत अचानक बिगड़ गई. शाम लगभग पौने 5 बजे वह चक्कर खाकर गिरा और बेहोश हो गया. उसके मुंहसे झाग भी निकलने लग गया था. इस पर अन्य भृत्य कर्मी तुरंत उसे उठाकर द्वितीय तल से नीचे लेकर आए और उसे सवारी आटो में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाए.

एडीजे के इस व्यवहार और कर्मी की स्थिति देख न्यायिक कर्मियों में रोष व्याप्त हो गया. इसी दौरान अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी व सदस्य भी एकत्र हो गए. देखते ही देखते सैकड़ों अधिवक्ता व कर्मियों का जमावड़ा लग गया और वे कोर्ट परिसर तथा गेट के बाहर एडीजे स्मिता रत्नावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी किए. लगभग डेढ़ घंटे तक परिसर व मुख्य गेट पर हंगामा होता रहा. सभी लोग एडीजे को बर्खास्त करने की मांग जिला एवं सत्र न्यायाधीश जी.के. मिश्रा के समक्ष करने लगे. बाद में भृत्य संघ के पदाधिकारियों से उनकी शिकायती आवेदन डीजे द्वारा किया गया और उन्होंने जल्ह ही इस समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया।
संघ ने डीजे को आवेदन सौंपकर मांगे रखी है कि 9 वीं एडीजे स्मिता रत्नावत को बर्खास्त किया जाए. चतुर्थ वर्ग के कर्मियों से अनावश्यक ड्यूटी न लिया जाए. पूर्व में स्मिता रत्नावत के बंगले में कार्य कर रहे इतवारी साहू की भी मैडम की ज्यादती के चलते मौत हुई थी, उसकी भी जांच कराई
जब भृत्य बेहोश होकर गिर पड़ा. तब अन्य कर्मियों ने इसकी सूचना एडीजे मैडम को दी परन्तु उन्होंने ध्यान नहीं दिया. इस पर सभी भृत्य उसे बेहोशी की स्थिति में ही दो मंजिल से नीचे उठाकर लाए, परन्तु किसी भी न्यायाधीश की वाहन अस्पताल ले जाने उपलब्ध नहीं हो पाई. इससे कृत्य कर्मी व अधिवक्ता गेट के पास सवारी आटो को रोककर उसमें जिला अस्पताल भिजवाये.

न्यायिक लघु वेतन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संतोष व अमित श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसी एडीजे को बर्खास्त करना आवश्यक है अन्यथा और भी भृत्य कर्मी इसके जुल्म का शिकार बनेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व में इतवारी साहू की मौत इसी मैडम के बंगले में कार्य के दौरान हुई थी. वह भी इस मैडम से मानसिक रूप से परेशान था. उसकी मौत की भी जांच होनी चाहिए.

नेशनल लोक अदालत का होगा विरोध
शनिवार को विधिक लोक सेवा आयोग की ओर से नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाना है. इसमें लगभग 8 हजार से अधिक प्रकरण रखे जाने है. आज हुई घटना के बाद न्यायिक लघु वेतन कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, छग न्यायिक कर्मचारी संघ, तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने लोक अदालत का बहिष्कार कर दिया है. शनिवार को कोई भी कर्मी लोक अदालत में अपनी कोई भूमिका नहीं निभाएगा.
कर्मी करते रहे नारेबाजी
एडीजे स्मिता रत्नावत के खिलाफ न्यायालय के सभी कर्मियों का गुस्सा उभरकर आया. सैकडों की संख्या में एकत्र कर्मी, अधिवक्ता, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की बंगले में ड्यूटी बंद करो, न्याय के मंदिर में अन्याय को बंद करने, एडीजे को बर्खास्त करने के नारे लगाते रहे।विरोध प्रदर्शन को देख न्यायाधीशों ने पुलिस को बुला लिया था. शाम लगभग 6.30 बजे एडिशनल एसपी, सीएसपी, कोतवाली, थाना प्रभारी, मोहन नगर थाना प्रभारी, दोनों थानों का पुलिस बल कोर्ट परिसर में तैनात हो गया था. गेट पर न्यायाधीशों की कार को रोकने के लिए एकत्र कर्मियों, अधिवक्ताओं को काफी समझाइश के बाद पुलिस द्वारा हटाया गया.

अधिवक्ता संघ के सचिव रविशंकर सिंह ने कहा कि स्मिता रत्नावत के व्यवहार से लगभग सभी लोग परेशान हैं. इसके कारण हमेशा विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है. आज भी अमानवीय घटना को अंजाम देकर इन्होंने सिद्ध कर दिया है कि इनमें मानवता बची ही नहीं है. इनको बर्खास्त कर देना चाहिए, दुर्ग न्यायालय में इनका काम नहीं है.
कोतवाली थाना में की शिकायत
भृत्य संघ के अमित श्रीवास्तव एवं अध्यक्ष संतोष ने रात लगभग 7.30 बजे कोतवाली थाना पहुंचकर एडीजे स्मिता रत्नावत के खिलाफ लिखित शिकायत की है.

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