
बजट पर पक्ष व विपक्ष के सांसद-मंत्रियों ने रखी अपनी राय, सीए-व्यवसायियों का ये है कहना भाजपा बोली-आत्मनिर्भर भारत की छवि, कांग्रेस ने कहा…निराशाजनक है…
बजट, हेल्थ व आर्थिक विशेषज्ञों ने देश के आम बजट को संतुलित बताते हुए की सराहना
शमरोज खान सूरजपुर
अंबिकापुर. सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष २०२१-२२ का देश का आम बजट पेश किया। पूरे बजट में हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है। वहीं इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि मिडिल क्लास को टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद थी। इस बजट को जहां भाजपा समाज के सभी वर्गों के लिए काफी अच्छा व आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम बता रही है।
वहीं कांग्रेस इसे झूठ का पुलिंदा व काफी निराशाजनक कह रही है। वहीं हेल्थ व आर्थिक विशेषज्ञों ने बजट को संतुलित बताते हुए इसकी सराहना की है। व्यापारी संगठनों ने भी स्वागत किया है। हेल्थ के बजट में बड़ी वृद्धि को काफी बड़ा व अच्छा कदम बताया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में 100 नए सैनिक स्कूल, आदिवासी इलाकों में एकलव्य स्कूल खोलने की घोषणा को अच्छा कदम बताया गया है।
ये बोले सांसद, मंत्री, नेता, सीए और व्यवसायी-
यह देश की आशाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाला बजट है। किसान से लेकर सभी वर्गों के विकास की बात कही गई है। हेल्थ, जल जीवन मिशन, रेलवे सहित सभी सेक्टर में अभूतपूर्व ऐलान किए गए हैं। देश रफ्तार से विकास की राह पर चलेगा।
रेणुका सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री
मुझे खुशी है कि स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ाया गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में राशि बढ़ोतरी का फायदा पब्लिक हेल्थ सेक्टर को मिलेगा। वहीं पहली बार किसी केंद्र सरकार ने कोई बजट राज्यों में होने वाले चुनाव को केंद्रित कर बनाया, जो बेहद निंदनीय है।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री छग शासन
यह बजट निराशाजनक है। इसमें न मध्यम वर्ग के लिये कुछ है, न किसानों के लिये, न ही युवाओं के लिये कोई प्रावधान किया है। ये बजट निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाएगा। सरकारी अधोसंरचना का उपयोग अब निजी कंपनियां करेंगी।
अमरजीत भगत, खाद्य मंत्री, छग शासन
यह बजट पूरी तरह से सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में देने वाला है। इस बजट में निजीकरण की ही बात की गई है। यह सब बेहद चिंतनीय है, किसान, गरीब और मजदूर का नाम लेकर सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने में लगी हुई है।
शफी अहमद, अध्यक्ष, श्रम कल्याण बोर्ड
मजदूर, किसानों और गरीब के लिए यह बजट नहीं है, यह पूरी तरह से पूंजीपति मित्रों को खुश करने के लिए हैं। यह बजट पूरी तरह से चुनावी रहा और उन्हीं राज्यों को फायदा पहुंचाने घोषणाएं हुईं ह़ै छत्तीसगढ़ को बजट से कोई फायदा नहीं होता दिख रहा है।
अजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष, बीस सूत्रीय कार्यक्रम
बजट पूर्ण रूप से चुनाव को ध्यान में रख कर बनाया गया है, जो संघीय ढांचे के लिए सही नहीं है। केंद्र का बजट देश का होता है न कि किसी राज्य का। सरकार खुद को किसानों का हितैषी बता रही है, लेकिन एमएसपी में क्यों वृद्धि नहीं कर रही।
बालकृष्ण पाठक, अध्यक्ष औषधि एवं पादप बोर्ड
यह सवा सौ करोड़ देशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता करने वाला बजट है। इस बजट से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी तथा आम आदमी को सीधे लाभ होगा। यह कोरोना महामारी से निकलकर नए व आत्मनिर्भर भारत की छवि प्रस्तुत करता है।
ललन प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष, भाजपा
केन्द्र सरकार ने एमएसपी के जारी रहने का एलान कर विपक्ष द्वारा देश में भ्रम फैलाने के यासों को करारा जवाब दिया है। इस वर्ष किसानों की हर उपज डेढ़ गुनी एमएसपी पर खरीदकर उन्हें लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिलाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
अनुराग सिंहदेव, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
बजट में छत्तीसगढ़ को ठगा गया है। महिलाओं, युवा वर्ग व छात्रों के लिए कोई खास योजना नहीं है। खेलो इंडिया को बढ़ावा देना था। एजुकेशन लोन का ब्याज कम करना था, घरेलू गैस की कीमतें कम करनीं थीं। यह बजट काफी निराशाजनक है।
नीति सिंहदेव, सचिव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी
यह बजट सभी भारतीयों के लिए अच्छा है। महंगाई में कमी आएगी, स्वास्थ्य सेवा में विस्तार होगा जिससे आम लोगों को सुविधा प्राप्त होगी। किसानों के लिए भी काफी अच्छे प्रावधान किए गए हैं। कुल मिलाकर यह बजट सभी वर्गों के लिए अच्छा है।
अनिल दुबे, भाजपा मंडल अध्यक्ष, राजपुर
झूठ की गठरी खोलने से आम जनता, किसान, मजदूर, मिडिल क्लास के लोगों को क्या मिलने वाला है। वित्त मंत्री से अच्छे बजट की उम्मीद थी, लेकिन अफसोस है ऐसा नहीं हुआ। किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने कुछ विशेष नहीं किया गया है।
विजय पैंकरा, अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेंस, शंकरगढ़
यह आत्मनिर्भर भारत के लिए सबसे अच्छा बजट है। मयह छह स्तंभों पर आधारित है, जिसमें स्वास्थ्य, वित्त पूंजी, बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत में समग्र विकास, मानव संसाधन का विकास, नवाचार एवं अनुसंधान, न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन शामिल है।
मुकेश अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष, कैट
कठिनाईयों के साथ साथ राहत भरा बजट है, 75 वर्ष के अधिक के बुजुर्गों को आयकर रिटर्न में राहत बहुत अच्छा कदम है। टैक्स ऑडिट 5 से 10 करोड़ किया गया है जिससे व्यापारियों को राहत मिलेगी। प्रदेश में एकलव्य स्कूल का प्रस्ताव सराहनीय है।
शुभम अग्रवाल, प्रदेश मंत्री, कैट
केन्द्र सरकार द्वारा जारी बजट स्वागत योग्य है। स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है। जो कि सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर लोगों का स्वास्थ्य सही रहेगा तो सब सुचारू रूप से चलेगा। कोविड-१९ के खिलाफ लडऩे के लिए बड़ी घोषणा की गई है। जो स्वागत योग्य है।
डॉ. लखन सिंह, चिकित्सक, मेडिकल कॉलेज
कोरोना महामारी से निपटने के लिये आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 27.1 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई है जो काफी हर्ष का विषय है। हेल्थ सेक्टर को काफी बढ़ावा मिलेगा। कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ की घोषणा की गई है। इससे लोगों को लाभ मिलेगा।
डॉ. रमणेश मूर्ति, डीन, मेडिकल कॉलेज
यह संतुलित बजट है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन ७५ वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को बड़ी राहत दी गई है। फेसलेस विवाद समाधान समिति के गठन का प्रस्ताव का स्वागत व्यापारी वर्ग ने किया है। सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है।
आशीष गर्ग, चार्टर्ड अकाउंटेंट
डिजीटल लेन-देन को बढ़ावा दिया गया है। टैक्स ऑडिट की लिमिट को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया है। एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रस्ताव की घोषणा की गई है। सोना-चांदी में कस्टम ड्यूटी को घटा दिया गया है।
तन्मय सिन्हा, चार्टर्ड अकाउंटेंट