
मुद्दे की बात — नामो को मिटाने की होड़ लगी जिस शहर में ….गांधी भी कर दिए गए विस्थापित….मानो या न मानो कहने लगे हैं लोग कांग्रेसी भी स्टीकर बदलने की ओर चल पड़े हैं …घूमता आईना में भी हुआ जिक्र …पढ़े पूरी खबर
रायगढ़ । बात ज्यादा दिनों की नहीं हुई है हाल ही में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तोडाराम जोगी प्रतिमा स्थल और उसके सामने छोटा सा बगिया इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। बात उन दिनों की जब मजदूर नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तोडाराम जोगी जो की रायगढ़ नगर पालिका के अध्यक्षों की प्रवीणता में रहे हैं। उनकी प्रतिमा लगवाए जाने की कई वजह रही हैं। उनकी प्रतिमा लगाए जाने के लिए जब क्रॉफ्ड हॉस्टल के बाहर यानि नटवर स्कूल के सामने रायगढ़ के पहले महापौर जेठूराम मनहर के कार्यकाल में इस स्थल का भूमिपूजन और बगीचे की स्थापना की गई थी जबकि मूर्ति की स्थापना का समय आया तब चुनावी दौर शुरू हो गए कार्यकाल बदला और दूसरे महापौर महेंद्र चौहथा ने प्रतिमा प्रतिमा की स्थापना कर अनावरण किया गया था आज उस प्रतिमा स्थल की जीर्णोद्धार के नाम पर नया शिलालेख लगा दिया जाना बताता है की कांग्रेस भी अब उसी भाजपा की राह पकड़ ली है जहां नाम के लिए स्टीकर बदल कर अपना नाम अंकित करा लिया गया है। इस आशय को लेकर जनकर्म के घूमता आईना में भी तोड़ाराम जोगी प्रतिमा स्थल को लेकर टिप्पणी की गई है।
पूरे प्रदेश में रायगढ़ ही एक जगह है जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रतिमा विस्थापन जैसे महात्मा गांधी का स्थान परिवर्तन किया वैसे ही तोड़ा राम जोगी की प्रतिमा स्थल को एक विदेशी संस्था जिसका देश में भी बड़ा नाम है रोटरी क्लब के माध्यम से संवारे जाने का निर्णय लिया गया खास बात ये है कि इन दिनों देश आजादी का अमृत महोत्सव यानि 75 वीं स्वर्णिम काल में है और देशवासी और नेता इस बात को संजोए रहे हैं कि हमारी आजादी का जो इतिहास है जिसमें इन जैसे लड़ाकों ने आजादी दिलाई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान मजदूर नेता तोड़ाराम जोगी की प्रतिमा स्थापना अनावरण के गवाह में डॉ शक्रजीत नायक, पूर्व सभापति सुरेश गोयल, पूर्व सभापति सुभाष पांडे, महापौर जेठूराम मनहर, महापौर महेंद्र चौहथा और तत्कालीन पार्षद निशा यादव, जयेश जैन और मंत्रीगण इस कार्यक्रम के साक्षी रहे हैं।
जीर्णोद्धार के नाम पर जिस तरह से नामों को मिटाने का सिलसिला चल पड़ा है मानो या न मानो शहर की जनता सब देख सुन रही है और खामोश है। और समय आने पर वह उन जनप्रतिनिधियों को खामोशी से इसका जवाब देगी। जनता यह भी कह रही है की आयुक्त नगर पालिक निगम के आदेश पर यह किया गया है तो जनता यह भी कह रही है की अधिकारी तो आज है कल चले जाएंगे। जनप्रतिनिधि तो आप हो हमने आपको जुनकर भेजा है। अब देखना यह है की जिन्होंने गलती कि है वे इसे स्वीकारते हैं या नहीं ? या स्टीकर बदलने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।