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पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू को नोबेल पुरस्कार देने की मांग….औद्योगिक प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने वालों को शांत कर …अंधाधुंध करवाई जनसुनवाई …इस संस्था ने पत्र लिखकर किया मांग …आखिर क्यों उठी यह मांग पढ़ें पूरी खबर

 

 

 

 

रायगढ़। वास्तव में बृहद विकास के मापदंड वाले रायगढ़ जिले के हालत प्रदूषित वातावरण से परिपूर्ण होकर निरंतर बीमारी और सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।वही प्रदूषण रोकने वाले शासन के पर्यावरण संरक्षण मंडल के स्थानीय रायगढ़ के कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियां तो शून्य है बल्कि रोज निरंतर प्रदूषण के कारण प्रदूषण से फैलने वाले रासायनिक पदार्थ में वृद्धि हो रही है।रायगढ़ जिला विश्व के नक्शे के प्रदूषित जिले में नाम लिखवाने की ओर निरंतर है तो निश्चित ही इस विभाग के लोगों को विश्व स्तर का पुरस्कार मिलने से ही पूरे विभाग को सम्मान मिलेगा।

 

रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ के विनय शुक्ला,बासु शर्मा,शेख कलीमुल्ला, अक्षत खेड़ुलकर,ऋषभ मिश्रा,मुजीब अहमद,तिजेश जायसवाल,योगेंद्र यादव, अभीषेक पटेल,शौर्य अग्रवाल,किशन सिदार,इनाम सिद्दीकी,हरि मिश्रा,आकर्ष शर्मा,अनिल चीकू आदि सहित सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन छत्तीसगढ़ शासन के “”सुशासन तिहार”” के अंतर्गत संबंधित कार्यालय में जमा किया है।जिसमें यह बताया गया की भयानक और अनगिनत कारणों से प्रदूषण रायगढ़ शहर और जिले में इसका जिम्मेदार कौन है?यह निश्चित नहीं हो पा रहा है पर इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन का पर्यावरण संरक्षण मंडल का रायगढ़ स्थित कार्यालय निरंतर बस कुछ कर रहा है।इसके प्रमुख अंकुर साहू क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ताबड़तोड़ 23 के लगभग जनसुनवाई करवाई जो कि हर महीन 1 के लगभग जनसुनवाई आहूत रायगढ़ जिले के “”केलो”” नदी से कुछ किलोमीटर दूर पर उद्योगों की स्थापना, वृद्धि कारण और कोयला खदानो के लिए हुई जो कि प्रदेश में सर्वप्रथम स्थान के रूप में इनका प्रयास सूचीबद्ध हो गया है।इन प्रदूषण फैलाने वाले कोयला खादानो और उद्योगों से फैलने वाले विश्व स्तर के जहरीले रासायनिक पदार्थ की उपस्थिति रायगढ़ के वातावरण के साथ जल,जंगल और जमीन में मिल रही है।इसके कारण रायगढ़ जिला वैज्ञानिकों और रसायन शास्त्र में अध्ययन करने वालों के लिए सर्वप्रथम शोध का केंद्र बनता जा रहा है और “”नोबेल पुरस्कार”” देने वाले स्वीडन की संस्था भी रसायन के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदाय करती है तो प्राथमिकता और हक से अंकुर साहू को इसके लिए पुरस्कार मिलना चाहिए।

रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ संस्था ने अपने ज्ञापन में यह भी आग्रह किया कि उक्त अंकुर साहू,क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकार,रायगढ़ के कार्यकाल के बीते 32 महीने में शासकीय वाहनों से हजारों किलोमीटर की यात्रा करके प्रदूषण से परेशान रायगढ़ जिले की जनता के हक में कुछ करने के लिए प्रयास और मेहनत करना मुमकिन नहीं समझा और उल्टे प्रदूषण फैलाने वाले का विरोध करने वाले रायगढ़ जिले की जनता के हितेशियों को शांत करवाने का प्रयास को अंजाम जरूर दे दिया जिससे शांति बनाए जाने के पथ प्रदर्शक के रूप में भी इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जा सकता है के लिए यह ज्ञापन निवेदित है।

रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ ने बताया कि नव पदस्थ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी को भी संस्था ने पत्र की छाया प्रति प्रेषित की है और आग्रह किया है कि अमूमन विश्व की प्रमुख हस्तियों को एक विषय पर नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया जाता रहा है पर अंकुर साहू क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ ने रसायन और शांति के लिए रायगढ़ जिले में उल्लेखनीय कार्य को अंजाम दिया है।नोबेल पुरस्कार देने वाले स्वीडन देश की संस्था को जिले की जनता के इस पत्र को अनुशंसित कर प्रेषित करके नोबेल पुरस्कार दिलवाने के लिए सारगर्भित प्रयास करें।संस्था ने यह भी बताया कि आगामी दिनों में अंकुर साहू को नोबेल पुरस्कार दिलाने हेतु रैली भी निकाली जाएगी।

 

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