
वैक्सिनेशन में आरक्षण तुरंत हटाये सरकार…प्राथमिकता के आधार पर हो वेक्सिनेशन–आशीष सिंह..
मनेन्द्रगढ़-छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 18 वर्ष से 45 वर्ष के लोगों को प्राथमिकता से कोरोना वैक्सीन न लगाकर इसमें सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए प्राथमिकता तय किए जाने को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय सेवा समिति के अध्यक्ष और पूर्व मंडल महामंत्री अधिवक्ता आशीष सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से छत्तीसगढ़ के सभी 18 वर्ष से 45 वर्ष के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की मांग की है ,उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने में हुई अपनी नाकामी को छुपाने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आरक्षण लागू कर सामान्य लोगो की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। वे भली भांति जानते है कि छत्तीसगढ़ में शहरी व नगरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब पूरी तरह से कोरोनो संक्रमण की चपेट में आ गए है औऱ लोग काफी संख्या में मर भी रहे हैं ।जिसके कारण सरकार के खिलाफ एक वातावरण बनने लगा है,और इस विरोध को दबाने के लिए और अपने सरकार के रक्षा कवच के उद्देश्य से अपने वोट बैंक पर नजर रखकर उन्होंने यह असंवैधानिक निर्णय पूरे छत्तीसगढ़ की जनता पर जबरन थोप दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार समाज में आर्थिक व कमजोर वर्ग और सामान्य तबकों के बीच जिंदगी और मौत का पैमाना तय कर समाज में लोगों के बीच विद्वेष पैदा करने का प्रयास कर रही है। जिससे उनकी गलतियों पर पर्दा पड़ जाए और लोगो मे जिंदगी को लेकर एक दूसरे से मतभेद उत्पन्न हो जाये।, उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के वैक्सिनेशन में छत्तीसगढ़ सरकार ने जो आरक्षण लागू किया है वह सामान्य लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने जैसा ही है। यदि उनके पास वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी, तो समाज को बांट कर यह दिखावा करना भी उचित नहीं था ।इस निर्णय का विरोध पूरे छत्तीसगढ़ में होना शुरू हो गया है सरकार आरक्षण के आधार पर लोगों के जिंदगी का निर्णय नहीं ले सकती है, जबकि गरीब हो या सामान्य हो या अमीर हो सबकी जान की कीमत बराबर होती है इसलिए सरकार को अपने निर्णय को सुधारने हुए इस गलत निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए नहीं तो छत्तीसगढ़ के लोग इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगे।