
रायगढ़ निगम चुनाव में तीसरे मोर्चे की जुगलबंदी … क्या आम मतदाता मुद्दों और समस्याओं के आधार पर आशीर्वाद पैनल को देगी आशीर्वाद …… महापौर के लिए सिरिल ने ठोकी ताल …. सबसे खास कि तीसरे मोर्चे के पर्दे के पीछे कौन …
शमशाद अहमद/-
रायगढ़।
आखिरकार रायगढ़ नगर निगम चुनाव में तीसरे पैनल की एंट्री हो ही गई और तीसरे मोर्चे की ओर से सिरिल धृतलहरे ने ऐलान भी कर दिया है। तीसरा मोर्चा आशीर्वाद पैनल के तले महापौर सहित सभी वार्डों में अपने प्रत्याशी उतारेगी। हमने पूर्व में नगर निगम चुनाव में किसी तीसरे पैनल के मैदान में उतरने की खबर पहुंचाई थी। अब यह खुलकर सामने आ गए लेकिन इस तीसरे मोर्चे के पर्दे के पीछे कौन है जो पूरे समीकरण को अंजाम दे रहा है।
छत्तीसगढ़ का रायगढ़ यूं तो हमेशा ही राजनीतिक सुर्खियों का केंद्र रहा है। पिछले कुछ दिनों से नगर निगम चुनाव को लेकर सरगर्मी बनी हुई है। सीटों का समीकरण बदल जाने के बाद महापौर और वार्डों से दावेदारों की नए नए नाम सामने आ रहे है। इसी तरह से निगम में सत्ता स्थापित कर नए सिरे से काम करने और वह भी जनता के अनुरूप विकास कार्य जो दिखे करने की मंशा लिए पेशे से इंजीनियर सिरिल धृतलहरे पूर्व में आम आदमी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण उल्लेखनीय काम किया। इंजिनियर सिरिल धृतलहरे पिछले कुछ महीनो में नगर निगम चुनाव लड़ने के मंशा लिए लोगों के संपर्क में रहे और लोगों से दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों को लेकर राय जानी, विकास के मुद्दे पर जनता का मूड और रुख को समझने की कोशिश किया। और फिर उन्हीं लोगों के आशीर्वाद से आशीर्वाद पैनल तैयार किया और ऐसे अलग अलग वर्गों के लोगों को शामिल कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है।
बकौल सिरिल धृतलहरे निगम के आधी से ज्यादा वार्डों के लिए प्रत्याशी भी तय हो गए हैं कुछ में एक से अधिक प्रत्याशी हो गए हैं। समय आने पर सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा। अब देखना ये होगा कि निगम के चुनाव में जिस तरह से एक फ्रंट मोर्चा आशीर्वाद पैनल के नाम से चुनावी दंगल में वात गया है और उसके आने से समीकरण क्या होगा, यह तो आने वाले समय में तय होगा। आशीर्वाद पैनल के मैदान में आने से कांग्रेस और भाजपा ये दोनो दल इसे किस तरह से देखते है। परंतु शहर में निगम चुनव को लेकर अभी से गहमा गहमी शुरू हो गई है। हालाकि अब तक चुनाव को लेकर तारीख पर उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
तीसरा पैनल मुद्दों और समस्याओं को लेकर आम जनता के बीच चुनावी रण में उतरने को तैयार है। उनका मानना है कि शहर के कई गंभीर मुद्दे और समस्याएं हैं जिन्हे अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने गंभीरता नहीं दिखाया और न ही गंभीरता से लिया गया। विकास को लेकर बहुत बातें की जाती है लेकिन आम रायगढ़वासी पर्यावरण प्रदूषण की भयंकर मार झेल रहा है और किसी भी पार्टी ने ध्यान नहीं दिया और न ही इससे निजात दिलाने कोई पहल की गई है। आशीर्वाद पैनल के सिरिल धृतलहरे का कहना है कि ऐसे कई मुद्दे और समस्याएं हैं जिन्हे हम जनता की आवाज बनकर सामने आएंगे और उनकी आवाज को सार्थक बनाने की पहली प्राथमिकता होगी।
प्रदेश की राजनीति हो या शहर की राजनीत भाजपा कांग्रेस के बाद अब तक किसी तीसरे मोर्चे की जुगल बंदी काम नहीं आई है। किंतु लोग मधु किन्नर के चुनाव को याद करते हुए यह भी कह रहे हैं की जब रायगढ़ की जनता मधु किन्नर को सर आंखों पर बैठा सकती है तो मुद्दों और बुनियादी समस्याओं को लेकर जनता के बीच जाने पर उसे भी सर आंखों पर बैठाएगी।