
…क्योंकि सबकुछ ब्लैक या व्हाइट ही नहीं होता, ‘छत्तीसगढ़िया संजय’ की एक्टिंग का ‘ग्रे’ पक्ष दिखाती है ये सीरीज..
लाल दास महंत कल्ला की रिपोर्ट
कोरिया/बड़े से बड़ा गायक हो,उसे आप मंच थमा दें और कह दें कि उसे गाने से मना कर दें.बड़े से बड़े डांसर को डांस करने से,बड़े से बड़े मोटिवेशनल स्पीकर को बोलने से मना कर दें.क्या वो प्रभाव छोड़ पाएगा? इसी तरह बड़े से बड़ा एक्टर हो और उसे एक्टिंग करने से मना कर दें उसका भी वही हश्र होगा? लेकिन हाल ही में रिलीज हुई सस्पेंस और थ्रिलर से भरी वेब सीरीज ‘ब्लैक,व्हाइट एंड ग्रे- लव किल्स’ में लीड किरदार को ‘संजय साहू’ ने एक्टिंग की मनाही के बावजूद इस तरह निभाया है कि दर्शक उसे अंत तक रियल विक्टिम ही समझते हैं. बतौर एक्टर यही,संजय की कामयाबी है और साथ ही इस वेब सीरीज की भी.
सोनी लिव पर हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज,ब्लैक व्हाईट एंड ग्रे लव कील भारत में शायद इस फॉटे में पहला प्रयोग है.लेखक-निर्देशक पुष्कर सुनील महाबल ने इस सीरीज के तौर पर न केवल भारतीय दर्शकों को कुछ नया परोसा है,बल्कि अब तक चले आ रहे परंपरागत फ्रेम को तोड़ा भी है.संजय साहू,उनकी इस कामयाबी के महत्वपूर्ण घटक साबित होते हैं.संजय ने जिस सच्चाई और गहराई से लीड लड़के का किरदार निभाया है,वो दर्शकों को अंत तक उलझा कर रखता है.कभी उस पर यकीन होता है तो कभी संदेह.आप कभी उसे मासूम समझते हैं तो कभी मास्टरमाइंड.

संजय,छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव उमापुर के रहनेवाले हैं. इससे पहले वे ओटीटी प्लेटफॉर्म जी 5 पर पिछले साल रिलीज हुई फिल्म ‘लंतरानी’ में नजर आए थे.मुंबई में सेटल्ड संजय क्राइम पेट्रोल,सावधान इंडिया और कुछेक फिल्मों में भी एक्टिंग कर चुके हैं. संजय ने फिल्म एंड टेलीलीविजन इंस्टीट्यूट (FTII) का एग्जाम क्रैक कर एक्टिंग का कोर्स किया है और ऐसा करने वाले वे छत्तीसगढ़ की माटी के दूसरे लाल हैं
उमापुर से मुंबई वाया वर्धा-पुणे
उमापुर गांव के एक साधारण परिवार से निकल कर मुंबई में अपनी पहचान बनाना मामूली काम नहीं है. और ऐसा भी नहीं है कि संजय किसी शॉर्टकट के जरिये वहां पहुंचे.इसके पीछे उनका अपना एक संघर्ष है.संजय को बचपन से एक्टिंग का शौक रहा है. वे मिथुन और शाहरुख खान के बड़े वाले फैन रहे हैं.गुरुदत्त से लेकर इरफान खान तक,कई बेहतरीन अभिनेताओं को पढ़ते-देखते-समझते हुए संजय अंबिकापुर में रहते हुए अपने प्रथम गुरू कृष्णानंद तिवारी के सान्निध्य में अभिनय का गुर सीखा और फिर पूरे छत्तीसगढ़ में घूम-घूम कर कई सारे लोक नाट्य किए.प्रारंभ में रंगमंच में शुरुआत कर महाराष्ट्र के वर्धा स्थिति महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय पहुंचे.यहां से थिएटर एंड फिल्म स्टडी में MA करने के बाद उन्होंने FTII क्रैक किया और एक्टिंग में दाखिला लिया. वे FTII के 2016 बैच के एक्टर हैं.
संघर्ष तो अभी शुरू हुआ है
वर्धा से MA करने से लेकर FTII से पास होने तक,संजय ने कई नाटकों में अभिनय किया और नाम कमाया, लेकिन 2016 में पास होने के बाद एक अभिनेता के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा.इधर,गांव में रिश्तेदारों से लेकर जानने वालों तक, काफी लोगों से खूब तानें भी सुनने को मिलते रहे और उधर संजय दिन-रात मेहनत में लगे थे.आखिरकार उन्हें पहला मौका मिला और टर्निंगपॉइंट सीरियल में उन्होंने अपनी एक्टिंग की बदौलत सबका ध्यान खींचा. इसके बाद एक के बाद एक कर के कई काम मिले.
एक्टिंग का लोहा मनवा रहे संजय
क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया,कोर्ट रूम,टर्निग पॉइंट के अलावा संजय ने फ्लिपकार्ट वीडियो के लिए कई कहानियों में एक्टिंग की है.बाटला हाउस फिल्म में उनका अनुभव काफी अलग रहा पिछली बार वो जी5 पर रिलीज हुई फिल्म लंतरानी में जॉनी लीवर,पंचायत फेम जितेंद्र कुमार और अन्य कलाकारों के साथ नजर आए थे.निर्देशक थे- नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्म गुरिन्दर सिंह,कौशिक गांगुली और भास्कर हजारिका.
संजय कहते हैं कि इंडस्ट्री में जगह बनाना बहुत संघर्ष भरा है. आप कितना ही बेहतर काम क्यों न कर रहे हों,आप पर जब तक नजर नहीं पड़ती,मौके नहीं मिलते,आपकी प्रतिभा धरी रहती है. लेकिन यही इंडस्ट्री ही है, जो कभी न कभी मौके देती है.वे कहते हैं,उन्होंने अब तक अपना ‘बेस्ट’ नहीं दिया है.उन्हें इंतजार है,एक बड़े ब्रेक का.फिलहाल उन्हें हालिया रिलीज ‘ब्लैक,व्हाइट एंड ग्रे’ में अभिनय के लिए तारीफें और बधाई संदेश मिल रहे हैं.
अपकमिंग प्रोजक्ट्स की बात करें तो संजय इन दिनों एमके रैना के साथ एक फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं. इसके अलावा एक और इंडिपेंडेंट मूवी में लीड रोल में हैं. इसके अलावा OTT प्लेटफॉर्म वेव्स के लिए एक वेब सीरीज के लिए वे फाइनल हैं, जबकि एक और वेब सीरीज जो उनकी मिट्टी त्तीसगढ़ में शूट होनी है,उसके लिए भी संजय उत्साहित हैं.