
रायगढ़ वन मण्डल का बहुचर्चित हेलमेट, शील्ड, सेफ्टी नेट …खरीदी घोटाला की रिपोर्ट से हुवा उजागर फर्म को भुगतान में आयकर की कटौती भी नहीं …..आखिर दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं ….पर्यावरण मित्र ने उठाया सवाल
दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं पर्यावरण मित्र ने उठाया सवाल
रायगढ़। रायगढ़ वन मण्डल में बहुचर्चित हेलमेट, लाठी, शील्ड, हैंड ग्लोब्स, सेफ्टी नेट, बॉडी प्रोटेक्टर, आर्म पैड, नी पैड की खरीदी का मामला खूब सुर्खियां बटोरी थी इसमें रायपुर की आदर्श इंडस्ट्रीज को 432182 रु का भुगतान कर दिया गया था और खास बात ये भी है कि इसमें आयकर की कटौती नहीं कि गई थी इसका खुलासा शिकायत कर्ता पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर हुआ। सूचना के अधिकार से मिली जांच प्रतिवेदन में साफ उल्लेख किया गया है कि भंडारण क्रय नियम का पालन नहीं किया गया। इस बात का भी खुलासा हुआ कि खरीदी में सारे नियम कानून को ताकपर रखकर किया गया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि जांच से साबित हो गया की रायगढ़ वनमण्डल में खरीदी घोटाला को अंजाम दिया गया है पर बड़ा सवाल यह कि दोषियों पर कब कार्रवाई होगी।
जांच प्रतिवेदन में इस बात का भी उल्लेख है कि जिन फर्म से खरीदी की गई है जिन कोटेशन को दिखाया गया हैंउसमे खरीदी गई वस्तुओं का कही कोई उल्लेख नही है सामग्रियों का कोई भी स्पेशिफिकेशन मापदण्ड एव अन्य मानकों का कोई उल्लेख नहीं है। कार्यालय को दिया गया टेस्ट रिपोर्ट भी फर्जी है टेस्ट रिपोर्ट में प्रदाय की गई सामग्री का कोई उल्लेख नही है टेस्ट पूरी तरह से भ्रामक है।
इसमें खास बात है की तत्कालीन डीएफओ बड़ी चालाकी से इसमें कार्यकर्ता में डीएफओ का नाम उल्लेख नहीं कराया गया है। इसमें तकनीकी अधिकारी, मुख्य लिपिक, उप प्रबन्ध संचालक , उप वनमण्डलाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से खरीदी करना बताया है लेकिन दर का अनुमोदन वन मण्डलाधिकारी रायगढ़ द्वारा ही किया गया है। और भुगतान कर दिया गया है खास बात है की।नियमानुसार भुगतान के समय सम्बन्धित फर्म को भुगतान की जाने वाली राशि से आयकर काटना था किंतु नहीं काटा गया है।
फिलहाल जांच प्रतिवेदन तो आ गई है लेकिन अब तक इस सम्बंध में अब किसी भी दोषी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कि गई है। पर्यावरण मित्र बजरंग का कहना है कि कार्रवाई न होने से इस बात को बल मिलता है विभाग में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी की जा रही है और उच्चाधिकारियो का संरक्षण प्राप्त है।