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दर्शकों को दिल में जगह बनाई फिल्म इश्क मा रिस्क है….. वजह ये है कि इस फ़िल्म में रखा गया है इसका खास ध्यान …..सिनेमाघरों में दर्शकों को ….

 

रायपुर।

अन्य छत्तीसगढ़ी फिल्मों के अपेक्षा इस फिल्म में पहली बार वादियों का दृश्य फिल्मांकन बेहद मनमोहक प्रस्तुति है यू कहे भरी गर्मी में आपको अम्बिकापुर के हसिन वादियों में यूं गूम करदेगा कि प्रकृति सोन्दर्य दृश्य से मन को मोह लेगा फिल्म पहली खूबी है । फिल्म में दूसरी खूबी यह की मन कुरैशी व अनिकृति चौहान जोड़ी को दर्शकों का पसंदीदा है इसी कड़ी में इस फिल्म में भी मन और अनिकृति ने अपने अभिनय क्षमता से फिर दर्शकों दिल में जगह बनाने खरे उतरे फिल्म कहानी दो दोस्त दोस्ती-यारी ( संजय बत्रा, रजनीश झांझी,) इद- गिर्द घुमती हुए इस फिल्म के नाम के अनुरूप इश्क मा रिश्क है तब जब मन कुरैशी अनिकृति चौहान टिचर भूमिका अदा कि उसके प्यार में फंसकर मन भी स्पोर्ट्स टिचर बनकर इज़हार करता पर वही अनिकृति चौहान ने प्यार मन कुरैशी के इश्क इज़हार इनकार कर देती है इसी कसमकश में अपने लड़के (रंजनीश झांझी) प्यार के तड़प को जहां अनिकृति को समझना चाहते थे पर यही घटना के कारण मन कुरैशी पिता रंजनीश झांझी मृत्यु हो जाती है फिल्म कहानी यहां नया मोड़ लेते हुए बालीवुड जाने-माने अभिनेता संजय बत्रा के डायलाग व बुलंद आवाज की एक अलग ही पहचान है, इस फिल्म यही छाप छोड़ने में कामयाब रहे संजय बत्रा। मन कुरैशी पिता के दोस्त दोस्ती-यारी संजय बत्रा मन कुरैशी को अपने परिवार हिस्सा बना लेता और मन कुरैशी को अपने गांव ले जाता है । लेकिन जब गांव में संजय बत्रा दाऊ जिसका एक भरा पूरा परिवार शादी तैयारी में रहता जो कि दाऊ संजय बत्रा के लडका (अभिनेता दिलेश साहू) के साथ अनिकृति चौहान के शादी होने वाली थी अनिकृति जो दाऊ संजय बत्रा ने परिवरिश की थी । यही परिवरिश चलते हुए इश्क हर हद को पार नहीं करती । फिल्म के अंत ऐसा टिविट्स है जिसमें मन और अनिकृति के शादी होती है। फिल्म गीत पकक्ष पर बात करें तो दिल ढड्डक-ढड्डक जाए, लहर मारे व इश्क मा रिश्क है जहां हिट गाने है वहीं फिल्म अन्य कलाकार हेम लाल कोशिक ने कामेडी किंग ने अपने रोल जिया है। उपासना वैष्णव,उषा विश्वकर्मा संजीदा अभिनय ज्लवा बिखेरे है अलावा क्रांति दिक्षित ने खलनायक के रोल को बाखूबी निभाए। बातोर निर्देशक युवा वर्ग आलेख चौधरी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

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