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पटवारी बन गया तहसीलदार और हस्ताक्षर कर जारी कर दिया दस्तावेज …….इसकी जानकारी मिलने पर मच गया हड़कम्प ….तमनार के इस पटवारी का कमाल इसलिए 20 लाख देकर रुकवाया था स्थानांतरण ……एक नामी कम्पनी के कोयला खदान प्रभावित क्षेत्र में जा रहा एरिया बना अवैध कमाई का जरिया …..पढ़े पूरी खबर

पटवारी द्वारा तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर कर किसान किताब बनाया गया पूर्व में भी विवादित रहा है पटवारी बिना पैसे के नही करता है काम
रायगढ़।
जिले के तमनार तहसील आए दिन सुर्खियों पर रहता है कभी आर आई के द्वारा काम के एवज में पैसा लेने पर तो कभी पैसा लेकर काम नहीं करने पर, कभी लंबित आवेदनों का निराकरण नहीं होने पर। ताजा मामला तमनार तहसील से सामने आई है जहां तहसीलदार के फर्जी साइन पटवारी के द्वारा किया गया जिसमें तमनार तहसीलदार ने रायगढ़ कलेक्टर को शिकायत की है ।
पटवारी जितेंद्र पन्ना जब खुद तहसीलदार बन गए और दस्तावेजो में तहसीलदार के हस्ताक्षर कर दिए। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार पटवारी द्वारा मोटी रकम लेकर यह सब पूरा काम किया है। बताया जा रहा है कि यह क्षेत्र कोल ब्लॉक बाहुल्य क्षेत्र है और एक कम्पनी के कोल ब्लॉक में जाने वाली है। इसलिए यहां जमीन स्वामियों द्वारा खाता को अपडेट कराया रहा है बंटवारा नामांतरण को लेकर भी कई किसान यह सब करवा रहे है ऐसे में पटवारी द्वारा किसान किताब में मोटी रकम लेकर तहसीलदार टीआर कश्यप के हस्ताक्षर कर जारी कर दिया गया है। मामला सामने आने के बाद तहसीलदार श्री कश्यप मामले की शिकायत कलेक्टर से भी किया है।

तमनार तहसीलदार टीआर कश्यप नें जितेंद्र पन्ना पटवारी हल्का नंबर 14 के द्वारा किसान किताब में तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर कर किसानों को प्रदाय करने के कारण उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करने व एफ आई आर दर्ज कराने की अनुमति बाबत कलेक्टर भू अभिलेख शाखा रायगढ़ में आवेदन दीया है।

जितेंद्र पन्ना पटवारी हल्का नंबर 14 के पास अतिरिक्त प्रभार हल्का नम्बर 16 का भी है । पटवारी यहां विगत 2 वर्षों से पदस्थ है। पटवारी के द्वारा किसानों को प्रदान की जाने वाली किसान किताब में तहसीलदार का हस्ताक्षर बना करा फर्जी हस्ताक्षर कर किसान किताब जारी कर किसानों को प्रदान किए जाने की जानकारी तहसीलदार को प्राप्त होने पर तहसीलदार द्वारा कुछ किसानों से संपर्क कर इस सम्बन्ध में किसानो से किसान किताब मांग कर देख कर जानकारी लिया तब तहसीलदार को पता चला कि उक्त पटवारी के द्वारा जारी किया गया किसान किताब में तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर है पटवारी के द्वारा तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर कर किसानों को प्रदान किया गया है।

अब तक 12 किसान किताब की छाया प्रति प्राप्त हो चुका है जो संलग्न है इसके अलावा शंका है कि पटवारी के द्वारा अपने प्रभार क्षेत्र के गांव में और भी किसानों को फर्जी हस्ताक्षर कर किसान किताब दिया गया होगा या किसी अन्य दस्तावेज में भी तहसीलदार का हस्ताक्षर बनाया होगा।पटवारी द्वारा तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ किसान किताब में सुरेश सुधीर, सुशील,प्रवीण कुमार,प्रकाश राठिया,नवीन राठिया, शकुंतला पंडा,इंदिरा पंडा रेखा पंडा प्रभाषिनी,सुनीता मोहित राम ,कुंज बिहारी ,रमेश सहसराम गुरुवारी ग्राम रोडोपाली के है।

पूर्व में हो चुका है स्थानांतरण अब रुका 20 लाख देकर रुकवाने की चर्चा भी जीरो पर हुई थी। पूर्व में जितेन पन्ना पटवारी स्थानांतरण भी लैलूंगा ब्लाक में हो गया था, परंतु पटवारी ने अपने पूर्व पहुंच लगाकर और 20 लाख खर्च कर स्थानांतरण रुकवा लेने की खूब सुर्खियों में आया था बताया जा रहा है यह एरिया एक पावर कम्पनी के कोल ब्लॉक को आबंटित हुई है और यहां अभी मोटी कमाई को देखते हुए 20 लाख खर्च कर स्थानांतरण को रुकवाया था।

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