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गुडेली में लाइम स्टोन की 3 खदानों के पर्यावरणीय जन सुनवाई कोलेकर ग्रामीण मुखर ….लाइम स्टोन माइंस खुलने से ग्रामीणों पर पड़ेगा सीधा प्रभाव … भड़केगी आक्रोश की ज्वाला ….कौन कहा कैसे होगा प्रभावित नहीं सरोकार ..

रायगढ़।

सारंगढ़ के गुडेली में लाइम स्टोन माईन के 3 खदान को।लेकर पर्यावरणीय जन सुनवाई किया जाना है। पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा इसे लेकर दावा आपत्ति हेतु इश्तहार जारी किया गया है। खास बात ये है कि इसकी जनसुनवाई इसी अक्टूबर माह के 30 तारीख होना तय है। क्षेत्र में लाइम स्टोन की खदान खुलने से न सिर्फ मानव जीवन प्रभावित होगा बल्कि इसकी चपेट में प्राकृतिक पर्यावरण को भी क्षति पहुंचेगी।

गुडेली टीमरलगा क्षेत्र पहले ही लाइम स्टोन खदान व क्रशरों के वायु प्रदूषण प्रभावित क्षेत्र है अगर यहां 3 लाइम स्टोन की खदान और खुलने की अनुमति मिल जाती है तो क्षेत्र के लोगों का जीना और दुश्वार हो जाएगा। खास बात ये है कि इन खदानों से हर साल लाखों टन लाइम स्टोन का उत्खनन किया जाएगा जिसका सीधा असर आसपास के गांव पर पड़ेगा। यानी सीधे तौर पर पर्यावरण प्रदूषण की चपेट में धकेल दिया जाएगा उसके बाद यहां और नाना तरह की बीमारियों की चपेट में लोग घिर जाएंगे जिसका उद्योगपतियों से इसका कोई सरोकार नहीं होगा और मालामाल होंगे और ग्रामीण कंगाल होते जाएंगे प्रदूषण से जहां होने वाली जानलेवा बीमारी लोगों को जीने नहीं देगी सबसे घातक लंग्स कैंसर के रूप में चपेट मे आने से कोई रोक नहीं पायेगा।

गांव में सबसे ज्यादा विरोध में. जगदम्बा स्पंज प्रा लि के लाइम स्टोन माईन को लेकर विरोध है बताया जा रहा है इसकी जद में  न सिर्फ गांव बल्कि स्कूल भी प्रभावित होगा जिसका ग्रामीण पहले ही विरोध कर चुके है और यहां लाइम स्टोन माईन की अनुमति नही देने की मांग कर चुके हैं। होने वाली जन सुनवाई में प्रखर विरोध की संभावना बनी हुई है लोग खदान की पर्यावरणीय स्वीकृति के विरोध में लामबंद हो रहे है। जिसका असर 30 अक्टूबर को देखने को मिलेगा।
बता दें की गुडेली में जगदम्बा स्पंज के लाइम स्टोन की माइन शिव कुमार अग्रवाल के 2.926 हे में प्रतिवर्ष 1 लाख 10 हजार 829.38 टन का खनन होना है। दूसरा नितिन सिंघल का लाइम स्टोन खदान सबसे बड़ा होगा 3. 113 हे से हर साल 15506125 टन होगा। तीसरा नाम तुलसी बसन्त के लाइम स्टोन खदान का है जो क्षेत्र का एक चर्चित चेहरा है इसका खदान 2.836 हे. में हर साल 170038 टन का उत्खनन होगा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब यहां इसके लिए अनुमति मिल जाती है तो कितने बड़े पैमाने पर पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव पड़ेगा अंदाजा लगाया सकता है।

इन खदानों की वजह से आसपास के करीब 10 पंचायत के लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगें। फिलहाल गुडेली मे 3 नए लाइम स्टोन खदान खुलने की मात्र सुगबुगाहट से ही ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है अगर खुलने की अनुमति मिल जाएगी तो ग्रामीणों में आक्रोश का उबाल तय है।

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