
आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी एक अजीम शख्सियत ……लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल कि जयंती पर उन्हें स्मरण किया …..क्यों कहलाई आयरन लेडी का खिताब क्यों मिला …..इन्हें कहा जाने लगा लौह पुरुष …..पढ़े पूरी खबर
रायगढ़।
31 अक्टूबर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि एवं लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी कि जयंती पर उन्हें स्मरण किया गया। अन्य पिछड़ा वर्ग के बैनर तले इंदिरा नगर में इंदिरा के प्रतिमा पर कृषक कल्याण बोर्ड के सदस्य व जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नगेन्द्र नेगी,अन्य पिछड़ा वर्ग के जिला अध्यक्ष संजय देवांगन के अगुवाई में माल्यर्पण व धूपबत्ती जला कर देश के प्रति उनके किये गए कार्यों को स्मरण किया गया
आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी एक अजीम शख्सियत थीं। उनके भीतर गजब की राजनीतिक दूरदर्शिता थी। इंदिरा का जन्म 19 नवंबर, 1917 को हुआ। पिता जवाहर लाल नेहरू आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वालों में शामिल थे।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को राजनीति विरासत में मिली थी और ऐसे में सियासी उतार-चढ़ाव को वह बखूबी समझती थीं। यही वजह रही कि उनके सामने न सिर्फ देश, बल्कि विदेश के नेता भी उन्नीस नजर आने लगते थे। वह सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री जी के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वह देश के सबसे शक्तिशाली पद ‘प्रधानमंत्री’ बनी ।बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने जैसा साहसिक फैसला लेने और पृथक बांग्लादेश के गठन और उसके साथ मैत्री और सहयोग संधि करने में सफल होने के बाद बहुत तेजी से भारतीय राजनीति के आकाश पर छा गईं ।
वर्ष 1975 में आपातकाल लागू करने का फैसला करने से पहले भारतीय राजनीति एक ध्रुवीय सी हो गई थी जिसमें चारों तरफ इंदिरा ही इंदिरा नजर आती थीं। इंदिरा की ऐतिहासिक कामयाबियों के चलते उस समय देश में ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ का नारा जोर-शोर से गूंजने लगा।
इंदिरा उस वक्त राजनीति एक ध्रुवीय हो गई थी। उनकी शख्सियत इतनी बड़ी हो गई थी कि उनके सामने कोई दूसरा नजर नहीं आता था। अपने व्यक्तित्व को व्यापक बनाने के लिए उन्होंने खुद भी प्रयास किया। इंदिरा के बारे में सबसे सकारात्मक बात यह है कि वह राजनीति की नब्ज को समझती थीं और अपने साथियों से उनका बेहतरीन तालमेल था।
गरीबी मुक्त भारत इंदिरा का एक सपना था। इंदिरा की राजनीतिक छवि को आपातकाल की वजह से गहरा धक्का लगा। हालांकि कुछ वर्षों बाद ही फिर से सत्ता में उनकी वापसी हुई। उनके लिए 1980 का दशक खालिस्तानी आतंकवाद के रूप में बड़ी चुनौती लेकर आया।
‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ को लेकर उन्हें कई तरह की राजनीतिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। राजनीति की नब्ज को समझने वाली इंदिरा जी मौत की आहट को तनिक भी भांप नहीं सकीं और 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षाकर्मियों उन्हें गोली मार दी। दिल्ली के एम्स ले जाते समय उनका निधन हो गया।
इंदिरा जी की राजनीतिक विरासत को पहले उनके बड़े पुत्र राजीव गांधी ने आगे बढ़ाया और अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी,प्रियंका गांधी उससे जुड़े हैं। आज देश और विदेश में इंदिरा के नाम से कई इमारतें, सड़कें, पुल, परियोजनाओं और पुरस्कारों के नाम जुड़े हैं ।
साथ ही आज देश के लौह पुरूष वल्लभभाई झावेरभाई पटेल जी कि जयंती पर उन्हें याद किया गया सरदार वल्लभभाई पटेल लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ है “प्रमुख”। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। इन विभूतियों के इतिहास के पन्ने बहुत लम्बी है… आज के कार्यक्रम में कृषक कल्याण बोर्ड के सदस्य व जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नगेन्द्र नेगी, अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के जिला अध्यक्ष शहर संजय देवांगन,वरिष्ठ कांग्रेसी संतोष राय,सतपाल बग्गा, पूर्व महापौर जेठूराम मनहर,अनिल अग्रवाल(चीकू), संदीप अग्रवाल,नारायण घोरे, यतीश गांधी,आरिफ हुसैन,प्रदीप मिश्रा,उर्मिला लकड़ा,रेखा वैष्णव,रिंकी पांडेय,मनोज सागर,राकेश सिंह,रज़्ज़ाक खान,सुरेंद्र सिंह राजपूज,दुष्यंत मिश्रा,विश्वजीत,मनोज पटनायक,रजत गोयल,अनुज पटनायक, विक्रम, गोविंद साहू हितेश गोयल,दिन निराला,राजू कंसारी,ओम कुमार, मनीष आदि कांग्रेस जन उपस्थित थे