
त्रिपाठी परिवार सदमे में …शहर को झकझोर देने वाली घटना.. शहर का वीर सपूत अपने मासूम बेटे व पत्नी सहित हुए शहीद ….. लोगों का लगा रहा तांता …. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत पूर्व मुख्यमंत्री ने जताया शोक …..त्रिपाठी परिवार कभी भूल न पायेगा
रायगढ़।
झकझोर देने वाली घटना ने पूरे शहर को गमगीन कर दिया है जिसने भी इस घटना में सुना स्तब्ध रह गया। शहर का वीर सपूत शहीद हो गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रथम मनोनीत सासंद, संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य स्व किशोरी मोहन त्रिपाठी के पोते व बयार अखबार के संस्थापक, सम्पादक व जिले के वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के ज्येष्ठ पुत्र कर्नल विप्लव त्रिपाठी शहीद हो गए हैं इनके साथ उनकी पत्नी व मासूम पुत्र भी चरमपंथी हमले में मारे गए हैं यह खबर पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया।
जैसे ही लोगों को इस घटना की जानकारी शहरवासियों को लगी सुभाष त्रिपाठी के घर आने वालों का तांता लग गया।
बता दें कि सुभाष त्रिपाठी, आशा त्रिपाठी 6 दिन पहले ही मणीपुर से अपने पुत्र के पास से लौटे हैं। अपने 7 वर्षीय पोते की शरारत को बताते नहीं थक रहे थे और आज ऐसे में ह्रदय विदारक घटना ने त्रिपाठी परिवार को सदमे में डाल दिया। शहीद कर्नल के छोटे भाई अनय त्रिपाठी भी सेना में मेजर के पद पर है दोनों भाइयों में बचपन से ही देश सेवा कूट कूट कर भरी थी यही वजह है कि दोनोभाइयों ने सेना ज्वाइन किया । बता दें कि शुक्रवार को शहीद का छोटा भाई छुट्टी में घर पहुंचा था अभी रास्ते की थकान मिटी भी नही थी कि बड़े भाई के शहादत की खबर आ गई। सबसे दुखद पहलू तो यह रहा कि इस हमले में 8 साल के मासूम सबका चहेता अबीर भी नहीं रहा। शहर के त्रिपाठी परिवार का यह बलिदान हमेशा हमेशा के लिए अमर हो गया।
इस घटना ने न सिर्फ शहर को झकझोर दिया है बल्कि इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। असम राइफल्स के सीओ व उनकी पत्नी व मासूम बच्चे के चरमपंथी हमले में मौत ने मणीपुर से लेकर पूरे देश को झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी रायगढ़ के वीर सपूत विप्लव व उनकी पत्नी व मासूम पुत्र के मारे जाने पर अपनी संवेदना व्यक्त किया है और चरमपंथियों के इस हमले की निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर ट्वीट कर शोक जताया है और घटना की निंदा की है।
कल शहीद के पार्थिव शरीर के शहर पहुंचने पर अंतिम दर्शन के लिए म्युनिसिपल स्कूल रामलीला मैदान में रखा जाएगा जहां तमाम लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे। हालांकि शहीद विप्लव उनकी पत्नी व मासूम का शव कितने समय तक पहुंच जाएगा अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

यहां यह भी बता दे कि 2019 में लॉक डाउन के पहले बयार के 50 वे स्थापना दिवस के मौके पर पूरा परिवार एक साथ मौजूद रहे हैं। उसके बाद आज उनका पार्थिव देह शहर पहुंचेगा बच जाएगी तो सिर्फ स्मृति शेष जिसे त्रिपाठी परिवार कभी भूल नहीं पायेगा।