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किसानों के संघर्षों का नतीजा किसान विरोधी कानून की हुई वापसी परन्तु समर्थन मूल्य देने का कानून बनाओ ..तीनों कृषि कानूनों की वापसी करने की प्रक्रिया पर किसान सभा इंतेजार करेगी किसान सभा

 

किसानों के संघर्षों का नतीजा किसान विरोधी कानून की हुई वापसी परन्तु समर्थन मूल्य देने का कानून बनाओ : किसान सभा

 

रायगढ़।

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने केंद्र सरकार द्वारा तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे किसानों के संघर्षों का नतीज़ा बताया हैं आगामी संसदीय सत्र में तीनों कृषि कानूनों की वापसी करने की प्रक्रिया पर किसान सभा इंतेजार करेगी।

आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के राज्य समिति सदस्य लंबोदर साव ने कहा है कि किसानों का यह आंदोलन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ ही सभी किसानों के लिए सभी कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की कानून बनाने, बिजली संशोधन बिल को समाप्त करने की मांग भी शामिल हैं।

किसान नेताओं ने इस देशव्यापी आंदोलन में लगभग लखीमपुर खीरी की घटनाओं सहित 700 किसानों की शहादत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इन मौतो को रोका जा सकता हैं। मोदी सरकार की हठधर्मिता और अडियल रूख के कारण ही 700 किसान शहीद हो गये हैं।
साव ने कहा कि आगामी कार्यक्रम दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की जल्द ही बैठक कर घोषणा की जायेगी।

 

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