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मधु बाई का जोगी कांग्रेस से चुनावी मैदान हुआ क्लियर … कांग्रेस – भाजपा और भाजपा से बागी हुई गोपिका और कांग्रेस से बागी हुए शंकरलाल अग्रवाल उतरेंगे मैदान में …लल्लू सिंह किसका बिगाड़ेंगे समीकरण … समीकरण होगा दिलचस्प …आप नेता नहीं छोड़ पाएंगे अपनी छाप

शमशाद अहमद

रायगढ़ । रायगढ़ विधान सभा से राजनीति समीकरण अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है फाईनली शंकर लाल अग्रवाल के मैदान में उतरने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कौन किस पर भारी पड़ेगा। फिलहाल सबके अपने अपने दावे हैं। भाजपा से बागी हुई गोपिका गुप्ता ने जोरदार तरीके से ताल ठोक दिया है। मधुबाई का जोगी कांग्रेस से फाइनल हो चुका है।
भाजपा के ओपी चौधरी एक तरफ लगातार जनसंपर्क कर लोगों को अपने पक्ष में करने जुटे हुए हैं उन्हें उम्मीद है की इस बार उनके सर पर विजेता का ताज जरूर सजेगा। वही दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी सीटिंग एमएलए प्रकाश नायक अपना ताज दुबारा पहनने के लिए हाड़तोड़ मेहनत कर रहे हैं। दरअसल उनके पीछे उनकी पत्नी बिल्कुल उसी तरह जुटी हुई हैं जैसा की सती सावित्री ने पाने पति के जीवन के लिए जो किया ठीक उसी तरह प्रकाश नायक की अर्धाग्नि श्रीमती सुषमा नायक ने पूरी तरह से मोर्चा खोल रखा है और बिना रुके बिना थके लगातार महिलाओं युवाओं जन सामान्य के बीच पहुंच रही है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकाश नायक के हुए डेमेज को कंट्रोल उनके द्वारा बखूबी तरीके से किया जा रहा है। दूसरी ओर उनके भाई कैलाश नायक तो उनके लिए सारथी बन चुके है और उनका चुनावी मोर्चा संभाल रखे है। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ और चुनावी समीकरण पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।

इन सबके बीच ओपी चौधरी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता को कमतर आंकना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है। ओपी चौधरी जहां अब पिछले चुनावों से अनुभव लेकर हर एक कदम फूंक फूंक कर चल रहे हैं। ताकि किसी भी तरह की कोई अनहोनी न हो जाए जिससे बनता समीकरण बिगड़ जाए।

इन सबके बीच निर्दलीय उम्मीदवार गोपिका गुप्ता अपने पूरे दम खम के साथ मैदान उतर गईं हैं और सीधे पार्टी प्रत्याशी ओपी चौधरी के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोल दिया है। गोपिका गुप्ता का साफ कहना है कि उन्हें पार्टी से कोई बगावत नहीं है बगावत अगर किसी नाम से है तो वो है ओपी चौधरी के नाम से, उनका यह भी साफ कहना है कि पार्टी ओपी चौधरी को छोड़कर और भी कई योग्य उम्मीदवार थे उन्हें प्रत्याशी बना सकती थी उस पर उन्हे कोई आपत्ती नहीं होती लेकिन उन्हें रायगढ़ से ओपी की दावेदारी नागवार गुजर रही है और खुले तौर पर इस नाम का बगावत कर रही हैं। बता दें की जिला पंचायत चुनाव में भी उन्हें पार्टी से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर बगावती तेवर दिखाए थे और विजय श्री हासिल किया था और वही बगावती तेवर विधान सभा चुनाव में दिखा रही हैं। ऐसे उनके बगावत करने और बतौर निर्दलीय उम्मीदवारी के लिए पूरे तामझाम के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए नामांकन भरने पहुंची थी। उनके बगावती तेवर किसी एक पर भारी पड़ेगी ऐसा कहना जरा मुश्किल है। भाजपा के लिए परेशानी की सबब तो बनेंगी ही ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेसी मतदाताओं को भी अपने पक्ष में करने का माद्दा रखती है और इसका खामियाजा भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए भारी पड़ सकता है।


जोगी कांग्रेस से अंत में पूर्व महापौर मधुबाई को अपना उम्मीदवार बनाया गया है। अब सवाल उठता है कि
मधुबाइ का जलवा क्या बरकरार रह पाएगा जैसा उन्हे महापौर के लिए सर आंखों पर बैठाया गया था। क्या जोगी कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा और कांग्रेस के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के लिए परेशानी का सबब बनेंगी। वहीं इन सबके बीच आम आदमी पार्टी प्रत्याशी भी हैं लेकिन वो मतदाता पर कोई छाप छोड़ने वाला चेहरा प्रतीत नहीं होता है।


इन सबके बीच कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरने का ऐलान करने वाले शंकरलाल अग्रवाल ने अभी अपना पत्ता पूरी तरह से खोला नही है हालाकि अब तक उनके निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरने की जोरशोर से तैयारी चल रही है सोमवार को पूरी स्थिति स्पष्ट होगी जब शंकरलाल अग्रवाल अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। राजनीतिक हल्कों से निकल कर बाहर आ रही खबर की माने तो सोमवार को शंकरलाल अग्रवाल पूरे लाव लश्कर और शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

इनके अलावा किसान नेता लल्लू सिंह ने भी चुनावी ताल ठोक दिया है। उनके चुनाव लड़ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। चूंकि लल्लू सिंह लंबे समय से राजनीत में बेदाग छवि वाले नेता रहे हैं और कांग्रेस से नाराज होकर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए किंतु आम आदमी पार्टी में प्रत्याशी की घोषणा के बाद पार्टी में सन्नाटा छा गया और कई वरिष्ठ कार्यकर्ता नाराज हो गए और पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए किनारा करने में भी भलाई समझ रहे हैं।
रायगढ़ विधान सभा का राजनीतिक समीकरण नाम वापसी उपरांत साफ हो सकेगा।

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