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मेरे विरुद्ध कई प्रकार के षड़यंत्र रचे गए:मेरा यही अपराध है कि मैं मुखर हूं- अख्तर जावेद…

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोल इंडिया लिमिटेड के सेफ्टी बोर्ड के मेंबर, प्रतिनिधि सेक्शन 12 के आधीन गठित कमेटी के सदस्य एवं हिंद मजदूर सभा के उप महामंत्री अख्तर जावेद उस्मानी ने बताया कि आप सभी को विदित है कि विगत कई दिनों से सोशल मिडिया एंव कतिपय न्यूज पोर्टल्स मे लगातार गलत तथ्यों पर आधारित भ्रामक खबरें मेरे विरुद्ध प्रकाशित, वायरल की जा रही हैं कि मैं अकबर जावेद के नाम पर भर्ती हूं और मैंने फर्जी प्रमाण पत्रों की कूटरचना की है, अपनी उम्र के रिकार्ड्स मे हेराफेरी की है,किसी ने भी ने मेरा पक्ष जानने की कोशिश नहीं की और मैसेज फारर्वड होते गये। ऐसा क्यों हुआ? क्या लक्ष्य हैं फर्जी शिकायत करने वालों का ? ऐसे कई प्रश्न हैं। कोशिश ही नही कि यह अकबर जावेद कौन है, जिसके पिता का नाम एम. आई.उस्मानी है जिसकी उम्र 60 साल है, वो पीड़ित व्यक्ति कौन है? जिन्दा भी है कि मुर्दा है ? जिसको न्याय दिलाने के लिये आकाश पाताल एक किया जा रहा है। एक टायपिंग की सामान्य त्रुटि को लेकर लोग यह साबित करने मे लग गये कि मैं फर्जी हूं। शिकायतकर्ताओं के द्वारा कोई मूल दस्तावेज कभी भी किसी अथॉरिटी के समक्ष प्रस्तुत नही किया गया। चोर, 420 और अन्य अमर्यादित विशेषणों से युक्त समाचार स्कैन्ड फोटो कापीज मे कुछ छेड़छाड़ कर सोशल मिडिया सहित कुछ अन्य मीडिया मे प्रसारित और प्रकाशित कर दिया गया।

मेरे विरुद्ध शिकायतों का सिलसिला पुराना है

शिकायतों की मुख्य वजह शायद वर्ष 2002 के अंत मे मैंने 3000 साथियों के साथ हसदेव क्षेत्र की उस समय की सबसे बड़ी यूनियन एटक को छोड़ कर हिन्द मजदूर सभा की सदस्यता ग्रहण कर ली। मेरे यूनियन छोड़ने के बाद एटक यूनियन दूसरे नम्बर पर आ गई। सबसे पहले 2006 मे श्रमिक नेता हरिद्वार सिंह ने मेरे विरुद्ध शिकायत की थी। उसके बाद किसी आर.के. सिंह ने सिटीजन फोरम की ओर से मेरे विरुद्ध शिकायत की जिसकी जांच झगड़ाखाण्ड थाने ने की थी। जांच मे कोई अपराध कारित करना नही पाया गया।

डॉ दिनेश सिंह को कोल इंडिया ने किया था बर्खास्त

एमबीबीएस की डिग्री जाली होने के आधार पर कोल इंडिया के द्वारा डिसमिस किये जा चुके डाक्टर दिनेश सिंह ने मेरे विरुद्ध शिकायतें करना प्रारंभ किया जो सिलसिला आज तक जारी है। डाक्टर के पद पर रहते हुए इन्होने सेवा काल मे स्व. तेरसिया बाई पत्नी स्व. हेतराम मलगा कालरी को पुनर्जीवित कर फर्जी नौकरी दिलानी चाही थी,मेरी शिकायत तथा एलआईसी के भुगतान के कारण तत्कालीन उपमुख्य कार्मिक प्रबंधक श्री परते, कार्मिक प्रबंधक और डाक्टर दिनेश सिंह की इंकीमेंट कटौती कर दण्डित किया गया था, इसी द्वेष की भावना से डा. दिनेश सिंह के द्वारा मेरे विरुद्ध मनगढ़ंत और झूठी शिकायतें लगातार की जा रही है। इन्ही शिकायतों को बल तब और मिला एक समय ऐसा आया जब चिरमिरी क्षेत्र में वर्षो से काम कर रहे श्रमवीरों को झूठी शिकायतों और गलत तथ्यों के आधार पर प्रबंधन ने सेवा से बर्खास्त कर दिया और चिरमिरी क्षेत्र में ब्याप्त इस भय को अन्य क्षेत्रों में ब्लैकमेलिंग के तौर पर भयादोहन का खेल एक नामी गिरामी नेता के साथ मिलकर एक गिरोह बना कर प्रारंभ किया गया।

मेरे विरुद्ध कई बार पुलिस के समक्ष की गयी झूठी शिकायतें-

मेरे विरुद्ध थाना झगड़खाण्ड मे शिकायत किया गया, उसकी जांच मे कोई पुष्टि नही हुई तो पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को शिकायत की गयी शिकायतों की जांच 2018 मे एसडीओ (पुलिस)मनेन्द्रगढ़ ने भी की। इस जांच मे भी अपराध घटित होना नही पाया गया। डाक्टर दिनेश सिंह के द्वारा रामनगर थाना मे यह झूठी शिकायत की गयी कि अख्तर जावेद उस्मानी, कार्मिक प्रबंधक व्ही0 महाजन, महाप्रबंध्क श्रमशक्ति एसईसीएल एस0 पी0 दास एंव भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ नेता महेन्द्र सिंह के साथ रिवाल्वर ले कर इनके घर गये और इन्हे गोली मारने की धमकी दी, पुलिस द्वारा जांच के दौरान यह रिपोर्ट भी झूठी पाई गयी। मेरे संबंध में और मेरे साथ साथ कई कालरी कर्मचारियों व एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारियों के विरुद्ध डाक्टर दिनेश सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के समक्ष रिट क0 717/2018 दायर की जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। विभिन्न थानों में शिकायतें, रिट याचिकाए और कई एजेंसियों को झूठी शिकायतें लगातार इनके द्वारा की जा रही है।

मेरे विरुद्ध कई प्रकार के षडयंत्र रचे गए–

मैं 31 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हो चुका हूं। परंतु मेरे सेवानिवृत्त के पहले मेरे विरुद्ध कई प्रकार के षड्यंत्र रचे गए हैं जैसे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लेटर पैड पर फर्जी शिकायत की गई। जिसका खण्डन इस पार्टी के कोरिया जिला अध्यक्ष ने किया। लाखो रुपये का टीए एंव डीए लेने का आरोप लगाया गया। शिकायतकर्ता तो यहां तक कहते हैं कि मेरे पास 10 करोड़ रुपये की संपत्ति है और 2 करोड़ रुपये का घर है। सच्चाई यह है कि मेरी बहन और मेरी संयुक्त अचल संपत्ति मात्र, 1194 फिट भूमि पर बिलासपुर में बना घर है। मेरी चल .अचल संपत्ति की किसी भी एजेन्सी से जांच करायी जा सकती है। मेरे शैक्षणिक योग्यता मे लिखी जन्म तिथि में मामूली मिस्टेक था जिसकी विभागीय जाँच की गयी। विभागीय जांच मे मेरे द्वारा उमेश चन्द्र बनाम राजस्थान स्टेट का माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला भी प्रस्तुत किया गया। फिर भी कार्यवाही करते हुए मेरा एक इंक्रीमेंट प्रबंधन ने काटा है। इस संबंध में मैंने अपील भी की है।

मेरे संघर्षों की है लंबी गाथा —

मैं प्रारंभ से ही संघर्ष और समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहा हूं,क्षेत्र के सभी सुधी जन यह जानते है कि किस तरह से गलत मामले मे बंदी बनाये जाने पर 1983 मे जेल मे 8 दिन की भूख हड़ताल कर मामला वापस लेने की अनुशंसा राज्य शासन से करायी गई,1990 में मंदिर और स्कूल के आसपास अवैध शराब दुकानों को हटाने एंव कालरी मार्ग से बस चलाने की मांग को लेकर 14 दिन भूख हड़ताल महाप्रबंधक हसदेव कार्यालय के समक्ष भी मैंने की,सफाई कर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर 07 दिन का अनशन खोंगापानी मे किया और 13 सफाई कर्मी नियमित भी हुये।साउथ झगड़ाखाण्ड कालरी से शुरु कर वेस्ट झगड़ाखाण्ड कालरी होते हुये दिल्ली तक की पदयात्रा 1979 में 01 जुलाई से 08 अगस्त तक 48 साथियों के साथ की,2000 मे कोरिया जिले को नव घोषित छत्तीसगढ़ से जोड़ने की मांग को लेकर बैकुण्ठपुर तक की पदयात्रा की। अंजनहिल खान दुर्घटना मे कोर्ट आफ इंक्वायरी के समक्ष मजदूरों का पक्ष और प्रबंधन की कमियों को जिस मजबूती से मैंने रखा है वह किसी से छिपा नही है।
यहां के विकास चाहे स्वास्थ सुविधायें हों या खेल के मैदान बारात घर हो या जिमघर मे जो भूमिका मेरी है वह सर्वविदित है। हल्दीबाड़ी खान को प्रारंभ करने के लिये दूसरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाने से ले कर जन सुनवाई म. प्र. और छत्तीसगढ़ मे मेरा और साथियों का क्या योगदान है ये किसी से छुपा नही है। मजदूरों के सवालों को ले कर अन्याय, भ्रष्टाचार और जुल्म के खिलाफ न कभी कलम बंद हुई है न जबान और न ही पैर रुके है न आगे भी रुकेंगे।

आरोप लगाने वाले इन बातों से दुखी है-

एक सामान्य मजदूर से मैं कोल इण्डिया सेफ्टी बोर्ड का मेम्बर कैसे बन गया, हिन्द मजदूर सभा ने माईन्स एक्ट 1952 की धारा 12 की समिति मे नामित किया, इस्टर्न कोलफील्डस् लिमिटेड मे 2016 को हुई राजमहल खान दुर्घटना मे मारे गये 23 खान मजदूरों की कोर्ट आफ इंक्वायरी मे ऐसेसर नियुक्त किया। दो बार गजट नोटिफिकेशन होने पर ईष्याग्नि मे घी पड़ गया। 08 दिसम्बर 2019 को प्रधानमंत्री जी को पत्र लिख कर दुर्घटना क्षतिपुर्ति की गणना 31 मई 2010 से चली आ रही 8 हजार वेतनमान पर गणना होने और न्यूनतम वेतन मे वृद्धि होने की बात रखने पर, 03 जनवरी 2020 से गणना का आधार 15 हजार कर दिया गया। कोलइण्डिया सेफ्टी बोर्ड मे कम से कम एक करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की मांग 23 मार्च 2018 को किया। यह अभी विचाराधीन है। श्रमिकों के स्वास्थ और व्यवसायिक बीमारी की परिधि मे लंग कैन्सर, इरगोनामिक डिजीजेस, सीओपीडी और आईएलडी आदि को जोड़ने पर गठित कमेटी मे कार्य जारी है। ऐसे ही मेरे द्वारा विभिन्न मंचों पर श्रमिक हित और क्षेत्री में विभिन्न प्रकार के समस्याओं को समय.समय पर सामने लाया जाता है, कई मंचों पर मामले विचाराधीन भी है। माननीय उच्च न्यायालय मे कई मजदूरों के प्रकरण मे कानूनी आदेशों का सहारा लेकर उन्हे विजय श्री दिलाई जा चुकी है।

सामाजिक क्षेत्र में भी मेरी रहती है सहभागिता

मैं वी इंडिया नामक एक सामाजिक संस्था का फाउंडर मेंबर,, संस्थापक भी हूं। वी इण्डिया संस्था के माध्यम से जन जागृति का कार्य निरंतर जारी है। शायद इन्ही कार्यों के कारण, विरोधियों को विरोध करने की प्रेरणा मिलती रहती है। मेरा यही अपराध है कि मैं मुखर हूं और सकिय भी। इसलिये यह मानता हूं कि आरोप लगते रहें हैं आगे भी लगते रहेंगें। लेकिन मेरी आवाज और कलम बंद नही होगी।

मेरी शिकायत पर टेंडर हुए थे निरस्त

-9 जुलाई 2015 को मेरे द्वारा हसदेव क्षेत्र में 2 करोड़ 6 लाख के टेण्डरों में हुये फर्जीवाड़े के विरुद्ध आवाज उठाई गयी थी फलस्वरूप सभी टेण्डर निरस्त किये गये। तभी से मेरे विरोधी यूनियनों सहित उन ठेकेदारों का भी एक आपस में गिरोह सा बन गया जो मुझे हर हाल मे किसी भी कीमत पर क्षति पहुंचाना चाहते हैं। इसी कड़ी में मेरे विरुद्ध लगातार झूठी फर्जी और मनगढ़ंत शिकायतें लगातार की जा रही हैं और एक ही शिकायत को बार बार कई बार घुमाफिरा कर की जा रही है,जबकि इन शिकायतों की उच्चस्तरीय जांच प्रबंधन और अन्य एजेंसियों द्वारा कई बार करायी जा चुकी है। मीडिया के माध्यम से आज मैं यह सारी बातें जनता और सभी अथॉरिटीज़ के समक्ष रख रहा हूं। इसी आशा और विश्वास के साथ कि समय सबसे बड़ा न्यायधीश है, और सच्चाई समाज के हर एक वर्ग को पता होना चाहिए।

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