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सारंगढ़ नगर पालिका चुनाव भाजपा के लिए बल्ले-बल्ले तो कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर ….. कांग्रेस के बड़े नेताओं की दूरी पड़ सकती है भारी ….प्रभारी मंत्री के आगमन पर भी नही आये नजर ….शह और मात के खेल में कौन जीता कौन हारा

 

रायगढ़।

सारंगढ़ नगर पालिका चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का विषय तो भाजपा की बल्ले-बल्ले जैसी बात दिखाई दे रही है। तमाम बड़े नेता सारंगढ़ से दूरी बनाए दिखाई दे रहे हैं। जिले के दिग्गज खरसिया विधायक प्रदेश के शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का सारंगढ़ से दूरी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। वही रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक की दूरी भी साफ तौर पर झलक रही है। यह एक बड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है।
सारंगढ़ नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा पूरी दमदारी के साथ मैदान में उतरने की रणनीति के साथ प्रत्याशियों का चयन कर मैदान में उतारा है वही कांग्रेस में कई वार्डो में छितराव जैसे हालात हैं। 2011 चुनाव में कांग्रेस की डूबती प्रतिष्ठा को स्व नंदकुमार पटेल ने बचा लिया था और 2016 के चुनाव में उमेश पटेल के कारण कांग्रेस का दमदार प्रदर्शन था लेकिन अब उनकी दूरी कई मायनों में अहम दिखाई दे रही है और इसके कई मायने भी निकाले जा रहे हैं।

 

आज प्रभारी मंत्री के प्रवास के दौरान भी जिले का कोई भी बड़ा चेहरा मौजूद नहीं रहा यहां तक कि सरिया बरमकेला क्षेत्र से भी किसी ने पहुंचने की जरूरत नहीं समझा यह तो ठीक है परंतु उमेश पटेल का मौजूद न रहना साफ तौर पर सारंगढ़ की राजनीति में हस्तक्षेप से दूरी बनाना झलक रहा है और यही दूरी अब कांग्रेसियों पर भारी पड़ सकती है। सारा दारोमदार उत्तरी गणपत जांगड़े और अरुण मालाकार पर टीका हुवा है। एक तरफ कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर भी अंदर खाने से विरोध की रणनीति की बू आ रही है अपने प्रत्याशी की जगह निर्दलीय को तवज्जो देना पसंद कर रहें। यहां कांग्रेस के बड़े नेताओं का हस्तक्षेप न होने से भाजपा की बल्ले-बल्ले तो स्थानीय दो चर्चित चेहरा विधायक उत्तरी गणपत और अरुण मालाकार के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो यहां के कुछ सीट ऐसे हैं जहां से भाजपा को डिगा पाना न तो अरुण मालाकार के बस में है और न ही विधायक उत्तरी गणपत के बस में है। ऐसे में यहां से कांग्रेस को अपनी प्रतिष्ठा को बचाने ऐड़ी चोटी किस हद तक काम आती है यह आने वाले समय मे पता चलेगा। फिलहाल तो यहां भाजपा और कांग्रेस में शह और मात का खेल चल रहा है अब देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।

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