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विश्व मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर पर विशेष – सरकारें समाज सेवा, मानव अधिकार की रक्षा ,राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विश्व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हो – गणेश कछवाहा 

 

 

रायगढ़

मानव अधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। वर्ष 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर को हर साल इसे मनाये जाने की घोषणा की गयी थी। इसे सार्वभौमिक मानव अधिकार घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के सम्मान में प्रतिवर्ष इसे विशेष तिथि पर मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में मानव अधिकार दिवस आधिकारिक तौर पर 4 दिसंबर को 1950 में स्थापित किया गया था।भारत भी इसका सम्माननीय सदस्य है।मानवाधिकार दिवस को नोबेल पुरस्कार दिवस भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाता है।

मानवाधिकार दिवस सफल बनाने के लिए हर वर्ष एक विषय निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष मानव अधिकार दिवस 2021 का मुख्य विषय है – “सभी इंसान स्वतंत्र एवं समान सम्मान और अधिकारों में पैदा होते हैं।” (This year’s Human Rights Day theme 2021 relates to ‘Equality’ and Article 1 of the UDHR – “All human beings are born free and equal in dignity and rights.”) “एकता,समानता, सामाजिक-नवीनीकरण और राष्ट्र निर्माण” के वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है।

मानवाधिकार दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। मानव अधिकारों में स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक,राजनैतिक और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है। मानवाधिकार वे मौलिक अधिकार हैं जिनसे जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर मनुष्य को प्रताड़ित और वंचित नहीं किया जा सकता है। यह सम्मान जनक जीवन जीने के मौलिक अधिकार की रक्षा करता है।

भारतीय संविधान मानवाधिकार की गारंटी देता है। इसी के आधार पर शिक्षा,रोजगार, चिकित्सा स्वास्थ्य और समानता आदि को मानवाधिकार की श्रेणी में रखा गया। भारत में 28 सितम्बर, 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया, और सरकार ने 12 अक्टूबर को मानवाधिकार आयोग का गठन किया।

इन सबके बावजूद पूरी दुनिया में मानव अधिकार हनन के मामले में चिंता जनक वृद्धि हुई है। हिंसा के साथ साथ, समानता और जीवन जीने के बुनियादी अधिकारों को स्वयं सरकारें संरक्षित नहीं कर पा रही है। शायद यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर इस वर्ष मानव अधिकार दिवस 2021 को “एकता,समानता, सामाजिक-नवीनीकरण और राष्ट्र निर्माण ” के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

वैश्विक भुखमरी इंडेक्स, भीषण बढ़ती बेरोजगारी के आंकड़े ,ऋणात्मक जीडीपी , किसानों एवं नवजवानों की निरंतर बढ़ती आत्मा हत्या,धार्मिक और जाति गत हिंसा, आर्थिक सामाजिक,लिंग,क्षेत्र, भाषा, संप्रदाय के बढ़ते भेदभाव,भारत सहित कई विकासशील राष्ट्रों के समक्ष गंभीर सवाल खड़े करते हैं जिनका सीधा जवाब समाज जन से ज्यादा सरकारों को देना है।

जब मानवाधिकार कार्यकर्ता मानवाधिकार की रक्षा करने हेतु जनता को जागरूक करते हैं, सरकारों से सवाल जवाब करते हैं तब सरकारें मानव अधिकार की संवैधानिक रक्षा करने के बजाय संविधान या कानून का दुरुपयोग कर मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को ही झूठे मनगढ़ंत आरोप लगाकर राजद्रोह और देशद्रोह के मामले में फंसाकर जेल में डाल देते हैं।शायद राजनैतिक विचारधारा या सरकारी नीतियों में असहमति होने के कारण उन्के रचनात्मक कार्यों की प्रशंसा या सम्मान करने के बजाय विद्रोह नजर आता है। ऐसे हालात में मानवाधिकार के संरक्षण और उसके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कौन और कैसे करेगा।यह सवाल पूरी दुनिया में गंभीर चिंता के साथ उभर रहा है।

भारत में मानव अधिकार हनन के मामले ने वैश्विक चिंता उत्पन्न की है। बहुत से मानवधिकार कार्यकर्ता कई वर्षों से आरोप सिद्ध हुए बिना ही जेलों में है। स्टेन स्वामी की मौत ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। भारत के पांच प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं को सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वरवर राव, वरनॉन गोंज़ाल्विस और अरुण फ़रेरा को पुलिस ने 2018 में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया है. ऐसे बहुत से सामाजिक ,सांस्कृतिक एवं शिक्षा के क्षेत्रों में काम करने वाले रचनात्मक प्रतिष्ठित कार्यकर्त्ता है वे सरकार द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे हैं। उन्हें रिहा कर उनके मौलिक अधिकारों तथा संविधान की रक्षा की जानी चाहिए।

बाजारवाद ने बड़ी क्रूरता के साथ असमानता को बहुत ही खौफनाक तरीके से बढ़ाया है।पूंजी की हवस इंसान को हैवान बना देती है। सत्ता और सियासत पूंजी की चौखट के दरबारी हो जाते हैं। ऐसी जटिल और विपरीत परिस्थितियों में विश्व मानवाधिकार दिवस का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।विश्व मानवाधिकार दिवस 2021 का यही संकल्प है कि “सरकारें समाज सेवा, मानव अधिकार की रक्षा ,राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विश्व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हो ?

गणेश कछवाहा
रायगढ़ छत्तीसगढ़
94255 72284

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