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नेशनल हाइवे 49 बना फ्लाईऐश डंपिंग यार्ड पर्यावरण विभाग को प्रदूषण से नही सरोकार, कार्रवाई के नाम पर देख रहे तमाशा

रायगढ़-/-पर्यावरण विभाग की चिरनिंद्रा जिले की आबोहवा में जहर घोल रही है। यही कारण है कि जिले के अलग अलग छोर में फ्लाईऐश डंपिंग कर न केवल पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है बल्कि शासन प्रशासन की अनदेखी को भी बया कर रही है।इसका सबसे बड़ा जीवन्त उदाहरण नेशनल हाइवे 49 पर देखने को मिल रहा है।जहाँ मार्ग के दोनों ही और फ्लाईऐश का भण्डारण देखने को मिल रहा है। तो क्या फ्लाईऐश परिवहनकर्ताओं को जिला अथवा ग्राम पंचायतो से छूट मिल रखी है। या फिर निजी भूमि स्वामी अपने निजी स्वार्थ के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से भी नही चूक रहे है।जिसे सबंधित विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे देखने पर मजबूर नजर आ रहा है। अब इसे विभाग की अनदेखी कहे या फिर मजबूरी जिसका फायदा कुछ रसूखदार उठाते जान पड़ते है।
नियम कानून को रसूख का ठेंगा
गौरतलब हो कि फ्लाईऐश को खेतो में खपाये जाने का सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है। बावजूद इसके पर्यावरण विभाग कम्बल ओढ़कर घी पीने में मशगूल है।बताना लाजमी होगा कि कम्पनियो से निकलने वाले फ्लाईऐश का निपटान गुडेली, टीमरलगा के खाली खदानों की भरपाई में किया जाना है। परंतु इसके उलट परिवहनकर्ता नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए न केवल इन्हें नेशनल हाइवे49 के खाली पड़े स्थानों में करते है।बल्कि अपने ऊँचे रसूख के कारण खुलेआम पर्यावरण विभाग की कार्यप्रणाली का मख़ौल भी उड़ा रहे है।बहरहाल जिले में फ्लाईऐश खपाने का खेल बदस्तूर जारी रहा तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी भयानक हो सकती है।

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