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जूटमिल थाना क्षेत्र के प्रमुख सट्टा सरगना पुलिसिया कार्रवाई  से दूर ? नही है पुलिस प्रशासन का ख़ौफ़, बेख़ौफ़ सट्टे काअवैध कारोबार कर रहा है शहर मे संचालित

रायगढ़-/-जिस तरह जुए व सट्टे के अवैध कारोबार पर पुलिसिया कार्रवाई की गाज गिराई जा रही है। वह काबिले -तारीफ है। परंतु इसके उलट अब भी पुलिस के हाथ शहर के सबसे बड़े सट्टा खाईवाल से कोषों दूर नजर आ रहे है।बताना लाजमी होगा कि जूटमिल थाना क्षेत्र के एक कुख्यात सट्टा खाईवाल लम्बे अरसे से अवैध सट्टा खाईवाली में लिप्त है।जिस पर कुछ वर्षों पूर्व तक तो गाहे -बगाहे पुलिसिया कार्रवाई तो देखने जरूर मिल जाती थी। परंतु वर्तमान में इस सट्टा खाईवाल के रसूख के आगे पुलिसिया कार्रवाई काफूर नजर आ रही है।यही कारण है कि जूटमिल चौकी से महज चन्द फासले पर ही इस खाईवाल का डेरा होने के बावजूद भी इसकी धरपकड़ करने कोई पुलिसिया कार्रवाई देखने को नही मिली।
शहर के प्रमुख सट्टा खाईवाल पर नजरे इनायत क्यो
गौरतलब हो कि जहां जिला क्रिकेट सट्टे की जद में जकड़ा हुआ है। वही बड़े पैमाने पर यह अंको के मकड़ जाल में भी उलझा है।पुलिस प्रशासन द्वारा क्रिकेट सट्टे की धरपकड़ को लेकर काफी संजीदगी भी दिखाई जा रही है। जिसकी सराहना लाजमी है। परंतु अंको के मकड़जाल को शहर में मॉनिटरिंग करने वाले प्रमुख खाईवाल से पुलिस की दूरी समझ से परे है। तो क्या फिर कल तक एक क्षेत्र तक सीमित रहकर सट्टा पट्टी लिखनेवाले जूटमिल क्षेत्र के प्रमुख सटोरिये का रसूख अब बढ़ गया है।जिसकी वजह से कार्रवाई का अभाव है। त फिर मामला कुछ और ही है? बहरहाल शहर में यदि अंको के सट्टे पर यदि रोक लगानी है तो सर्वप्रथम जूटमिल क्षेत्र के उस प्रमुख सरगना पर अंकुश लगाना जरूरी है। अन्यथा सट्टे पर अंकुश का ख्वाब दिव्यस्वप्न ही बनकर रह सकता है.

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